देहरादून(संवाददाता)। केदारनाथ उपचुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है और भाजपा व कांग्रेस में तेजी के साथ वॉकयुद्ध चल रहा है और दोनो राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोपों की बारिश कर रहे हैं। दोनो राजनीतिक दलों ने उपचुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी है तो वहीं मुख्यमंत्री ने भी केदारनाथ मे प्रतिष्ठा का हो रहे चुनाव के लिए पिछले कुछ दिनों से खुद मोर्चा संभाल लिया है और वह पार्टी प्रत्याशी के समर्थन मे जहां जनसभायें और बाइक रैली करते हुए दिखाई दिये तो वहीं उन्होंने आवाम को सीधा संदेश दिया है कि केदारघाटी के विकास का संकल्प डबल इंजन सरकार ने लिया हुआ है और वहां जिस तेजी के साथ पिछले काफी वर्षों से विकास का पहिया आगे बढ रहा है उससे वहां की जनता डबल इंजन सरकार के विकास पर अभेद विश्वास कर रही है। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ मे चप्पे-चप्पे पर यही संदेश दिया है और आज वह रोड-शो मे भी यही संदेश दे रहे हैं कि केदारनाथ की जनता ने उपचुनाव मे कमल खिलाने का मन बना लिया है और चुनाव के दिन जनता ईवीएम का बटन इतनी तेजी के साथ दबायेगी कि जब चुनाव परिणाम सामने आयेगा तो हर तरफ कमल खिलता हुआ ही नजर आयेगा।
केदानाथ मे बीस नवम्बर को उपचुनाव होना है और केदारनाथ मे होने वाले इस उपचुनाव पर देशभर की नजरें लगी हुई हैं। भाजपा के लिए केदारनाथ सीट पर जीत का परचम लहराना उसके लिए एक बडी प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है क्योंकि आयोध्या मे लोकसभा सीट और उत्तराखण्ड मे बद्रीनाथ सीट पर हुये उपचुनाव मे कांग्रेस को मिली जीत के बाद पार्टी के दिग्गज नेता भाजपा को अपने निशाने पर लेने के मिशन मे आगे बढ गये थे? केदारनाथ विधानसभा की विधायक शैलारानी रावत की बीमारी से हुई मौत के बाद इस सीट पर प्रतिष्ठापूर्ण उपचुनाव को लेकर शुरूआती दौर से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी रणनीति तैयार कर ली थी और इस रणनीति के तहत उन्होंने केदारनाथ में चप्पे-चप्पे पर मंत्रियों, पार्टी संगठन के पदाधिकारियों को डबल इंजन सरकार के विकास का आईना दिखाने के लिए मैदान मे उतार दिया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ सीट पर पार्टी प्रत्याशी को बडी जीत दिलाने के लिए कांग्रेस को अपने बनाये चक्रव्यूह मे फंसाने के लिए जो पासा फेंक रखा है उसको लेकर यही सवाल पनप रहे हैं कि क्या कांग्रेस उसमे फंस जायेगी या फिर वह इस चक्रव्यूह से अपने आपको दूर रखकर पार्टी प्रत्याशी को जीताने के लिए एडी चोटी का जोर लगा देगी?
केदानाथ मे कांग्रेस के कई छत्रपों ने पुष्कर सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाते हुए उसे आवाम के बीच अपनी रडार पर लेने का मिशन शुरू कर रखा था जिसको लेकर कांग्रेस के अधिकांश छत्रपों को यह विश्वास हो चला था कि वह केदारनाथ की जनता में कांग्रेस की नीतियों और उसके विजन को उनके दिलों में उतारकर वहां जीत हासिल करने के अपने एजेंडे मे सफल हो जायेंगे? हालांकि पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ मे होने वाले उपचुनाव को लेकर खुद मोर्चा संभाल लिया है और वह पार्टी प्रत्याशी के समर्थन मे आवाम से रूबरू हो रहे हैं तो वहीं उन्होंने पार्टी प्रत्याशी के समर्थन मे जनसभायें कर आवाम को यह संदेश दिया कि कांग्रेस इस चुनाव मे झूठ का सहारा लेकर चुनाव जीतने का मनसूबा पाल रही है जबकि वह अपने झूठ तंत्र से इस चुनाव को किसी भी कीमत पर नहीं जीत पायेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का केदारघाटी के लोगों से सीधा संवाद और उन्हें यह बताना कि कांग्रेस उनकी सरकार को लेकर जो उनके बीच भ्रम फैला रही है वह सरासर झूठ का पुलिंदा है? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंद दिनों मे जिस तरह से केदारनाथ की जनता के बीच डबल इंजन सरकार के विकास का एजेंडा उनके सामने रखा और यह विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार केदारघाटी को एक नये रूप मे लाने के लिए संकल्पबद्ध है इसलिए वह बीस नवम्बर को होने वाले चुनाव मे कमल के बटन पर अपनी उंगली दबायें जिससे चुनाव परिणाम आने के बाद केदारनाथ मे हर तरफ कमल खिलता हुआ ही नजर आये। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव के आखिरी समय मे केदारनाथ की जनता के मन मे यह विश्वास पैदा किया है कि शैलारानी रावत ने जो केदारनाथ के विकास का खाका खींचा था उसे उनकी सरकार यह चुनाव जीतकर जरूर पूरा करेगी।