उत्तराखण्ड का ये दशक है अलौकिक

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देहरादून(संवाददाता)। मुख्यमंत्री ने तीन साल पहले जो शपथ राज्यवासियों के सामने ली थी उस शपथ पर वह अभी तक खरा उतरते आ रहे हैं और देश के प्रधानमंत्री के सपने का उत्तराखण्ड बनाने के लिए मुख्यमंत्री एक बडी सोच के साथ विकास की बयार बहा रहे हैं। तीन साल से घुमकड मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को गुलजार करने के लिए जिस सोच के साथ रात-दिन तेरह जनपदों मे विकास की एक बडी लकीर खींचने के लिए आगे आ रखे हैं उससे राज्य की जनता मुख्यमंत्री के विजन को लेकर उनकी कायल हो रखी है और उन्हें इस बात का इल्म हो चुका है कि उत्तराखण्ड विकास की वो उडान उड रहा है जिस उडान को उडने के लिए देश के प्रधानमंत्री ने संकल्प लिया था। डबल इंजन की सरकार के शासनकाल मे उत्तराखण्ड हर तरफ गुलजार नजर आ रहा है और राजधानी से लेकर पिथौरागढ़ तक मे विकास का जो नया रूप आवाम के सामने परोसा जा रहा है उसको लेकर मुख्यमंत्री की यलगार है कि ये दशक उत्तराखण्ड का है। उत्तराखण्ड को देश के अग्रणीय राज्यों में लाकर खडा करने के लिए एक बडी सोच के साथ मुख्यमंत्री काम कर रहे हैं और उन्होंने राज्य मे होने वाली चारधाम यात्रा, कावंड यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाकर आवाम के दिलों मे सरकार की बेहतर सोच को एक नये रूप मे ढाल दिया है। आवाम यह देखकर हैरान है कि मुख्यमंत्री अपने तीन साल के कार्यकाल मे तेरह जनपदों मे इतनी बार वहां विकास की नई उडान उडने के लिए दस्तक दे चुके हैं जो एक इतिहास बनता हुआ दिखाई दे रहा है।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उत्तराखण्ड से असीम लगाव किसी से छिपा ही नहीं है और उन्होंने केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम मे पुर्ननिर्माण के अलौकिक विकास को जो एक नई दिशा दे रखी है उससे यह दोनो धाम देश-विदेश मे एक नई पहचान के रूप मे देखे जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनो धामो मे पुर्ननिर्माण के कामो को गुणवत्ता के साथ कराने का जिम्मा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप रखा है और उसी के चलते मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राधा रतूडी को दोनो धामो मे हो रहे पुर्ननिर्माण के कार्यों पर पैनी नजर रखने के लिए मैदान मे उतार रखा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद भी इन निर्माण कार्यों का अंाकलन करने के लिए वहां अकसर जाते हैं और पुर्ननिर्माण के कामों मे जुटे कर्मचारियों से भी वह खुलकर रूबरू होते हैं और उनका हौसला बढाने के लिए वह उनके साथ फोटोशूट भी कराते हैं जिससे वहां काम कर रहे कर्मचारियों के मन मे यह धारणा बन चुकी है कि जब राज्य का मुुखिया उन्हें गले से लगा रहा है तो उनका भी फर्ज है कि वह दोनो धामों में हो रहे पुर्ननिर्माण के कार्यों मे जी-जान से जुटे रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए इस बार भी एक बडे विजन के साथ काम किया और उन्होंने यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को साफ शब्दों मे आभास कराया था कि सरकार उन्हें सुरक्षित यात्रा कराने के लिए हमेशा उनके साथ खडी रहेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड मे जहां पर भी जाते हैं वह वहां की जनता से सीधे रूबरू होते हैं और उन्हें यह विश्वास दिलाते हैं कि ये दशक उत्तराखण्ड का है और इस दशक मे उत्तराखण्ड विकास की उस ऊंचाई को छूने के लिए आगे बढ रहा है जिस ऊंचाई को छूने के लिए वह बाइस साल से सम्भवत: इंतजार कर रहा था। मुख्यमंत्री का विजन आवाम को खूब रास आ रहा है क्योंकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आवाम से चुनाव के दौरान जो भी वायदे किये थे उसे वह धरातल पर उतारने के लिए हमेशा आगे बढते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वचन के पक्के हैं यह अब राज्य की जनता समझ चुकी है और इसी के चलते वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखण्ड का विकास पुरूष मानने लगी है क्योंकि मुख्यमंत्री ने पहाडों को भी विकास की उस उडान पर ले जाने के लिए अपने कदम आगे बढा रखे हैं जहां पहाडी जनपद विकास की राह पर हर तरफ गुलजार दिखाई दें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को केन्द्र से अभेद सहयोग मिल रहा है और वह जब भी दिल्ली कैबिनेट मंत्रियों के पास जाते हैं तो वह राज्य के लिए कोई न कोई बडी विकास योजना उत्तराखण्ड की झोली मे डलवा लेेते हैं जिससे राज्य की जनता को यह पता चल चुका है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की दिल्ली मे खूब धमक है और उनकी यह धमक सिर्फ उनकी स्वच्छता से चलाई जा रही सरकार का ही परिणाम है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उत्तराखण्ड को गुलजार करने के लिए पहले से ही ऐलान करते आ रहे हैं कि ये दशक उत्तराखण्ड का है और यही कारण है कि उत्तराखण्ड की झोली मे केन्द्र सरकार विकास की खूब बारिशें कर रही है।

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