36 मौतों का जिम्मेदार कौन?

0
43

प्रमुख संवाददाता
देहरादून/अल्मोडा। गढवाल के पौडी से अल्मोडा जा रही जीएमओयू की बस कुपी क्षेत्र के पास गहरी खाई मे जा गिरी जिससे उसमे सवार 36 लोगों की मौत हो गई। सुबह हुये इस दिल दहला देने वाले हादसे की खबर से समूचा उत्तराखण्ड सहम गया और उसके बाद यह सवाल खडा हो गया कि आखिरकार 36 मौतों का जिम्मेदार कौन है? गजब की बात तो यह है कि मुख्यमंत्री हमेशा आरटीओ विभाग को ऐसे वाहनों पर नजर रखने के लिए अलर्ट करते रहते हैं जो बसों व छोटे वाहनों मे अधिक मात्रा मे यात्रियों को सवार कराकर उन्हें एक संकट मे डालते हैं और उसी के चलते दर्जनों बार बडे-बडे हादसों मे उत्तराखण्ड के लोग आकाल मौत मे समाते रहे हैं। इस दिल दहला देने वाले हादसे पर मुख्यमंत्री काफी सख्त नजर आये और उन्होंने आरटीओ विभाग के दो अफसरों को निलम्बित करने का आदेश दिया और इस हादसे मे मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख और घायलों को एक-एक लाख रूपये की सरकारी सहायता देने का आदेश दिया है। सबसे अहम सवाल यह है कि जिम्मेदार विभाग के अफसर क्यों ऐसे हादसे होने का इंतजार करते रहते हैं कि वह उन वाहनों पर कभी शिकंजा कसने आगे ही नहीं आते जो अपने वाहनों मे यात्रियों को ठूस-ठूस कर भरकर उन्हें खतरनाक सफर पर ले जाने के लिए आगे बढते हैं?
आज सुबह पौडी के नैनीडांडा से जीएमओयू की एक बस यूके12पीए-००61 साठ यात्रियों को लेकर अल्मोडा के लिए निकली थी। हैरानी वाली बात है कि जो बस 42 यात्रियों को ही ले जाने के लिए अधिकृत थी उसमे कैसे साठ यात्रियों को अल्मोडा लेकर जाया जा रहा था। पौडी से अल्मोडा तक के सफर मे आरटीओ विभाग के किसी अधिकारी व कर्मचारी ने इतनी जहमत नहीं उठाई कि वह बस मे सख्या से अधिक यात्रियों को ले जा रही बस को रोककर चैक कर सकें। बस सुबह यात्रियों को लेकर अल्मोडा के कुपी क्षेत्र के पास बारात नामक स्थान पर पहुंची तभी सम्भवत: बस के ड्राईवर का गाडी से नियंत्रण हट गया और बस दो सौ मीटर गहरी खाई मे पलटी मारते हुए जा गिरी। खाई मे गिरी बस के परखच्चे उड गये और उसमे सवार यात्रियों मे हाहाकार मच गया और उसके बाद जब प्रशासन, पुलिस व एसडीआरएफ की टीमो ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया तो उसके बाद बसों व खाई मे मरे पडे यात्रियों को बाहर निकालने का ऑपरेशन चला और इस ऑपरेशन मे 36 यात्रियों की मौत हो गई। अल्मोडा जिले के पुलिस कप्तान ने बताया कि इस दुर्घटना मे 26 पुरूष, 8 महिलाओं व दो बच्चों की मौत हो गई जबकि 24 घायलों को इलाज के लिए अस्पताल मे भर्ती कराया गया है। उत्तराखण्ड के इतिहास मे पहली बार ऐसा देखने को मिला कि सडक हादसे में 36 यात्रियों की मौत हुई हो। सवाल यह है कि 36 मौतों का आखिरकार कौन जिम्मेदार है? सरकार के मुखिया ने आरटीओ महकमे को हमेशा संदेश दिया है कि वह इस बात पर नजर रखे कि कोई भी गाडी अधिक यात्रियों को लेकर सडकों पर न चले और पहाडों मे तो विशेष रूप से इस बात पर नजर रखी जाये कि कोई भी वाहन अधिक सवारी लेकर न चले। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे मे दो अधिकारियों पर कार्यवाही कर सख्त रूख अपनाया है लेकिन 36 लोगों की मौत के जिम्मेदार अफसरों पर ऐसी कार्यवाही अमल मे लानी चाहिए जिससे कि भविष्य मे कोई भी जिम्मेदार अधिकारी आवाम की जिंदगी के साथ खिलवाड न कर सके। सवाल यह उठता है कि उत्तराखण्ड मे हमेशा ऐसे हादसे होते रहे हैं और उसमे जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज भी गिरती रही है लेकिन एक समय के बाद फिर गैर जिम्मेदार अफसरों को अभयदान मिल जाता है और उसी के चलते ऐसे हादसे मे लोग हमेशा के लिए इस दुनिया से विदा हो जाते हैं।

LEAVE A REPLY