नशा देश व समाज के लिए घातक: राज्यपाल

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देहरादून(संवाददाता)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। दीक्षांत समारोह में डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी के 17 अभ्यर्थियों सहित 2०23 एवं 2०24 बैच के कुल 8245 अभ्यर्थियों को स्नातकोत्तर एवं स्नातक की उपाधि प्रदान की गई।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन की सबसे यादगार उपलब्धियों में से एक है। आज के दिन विश्वविद्यालय और इसके संकाय, युवा छात्र एवं छात्राओं को जीवन की नई यात्रा शुरू करने के लिए स्नातक होते देखकर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति आपकी जिम्मेदारी को समझने और उसे निभाने की प्रेरणा भी देती है। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय हमारे लिए ढेरों अवसर अपने साथ लाया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, बिग डेटा, ड्रोन टेक्नोलॉजी, क्वांटम कंप्यूटिंग, ऑगमेंटेड रियलिटी, मेटावर्स जैसी तकनीकें जहां तेजी से बदलाव ला रही हैं, वहीं मौजूदा पीढ़ी के लिए कई अवसर भी पेश कर रही हैं। शिक्षा क्षेत्र के साथ ही अन्य सभी क्षेत्रों में एआई की भूमिका लगातार विकसित हो रही है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि शैक्षणिक समुदाय के सभी हितधारक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा के साथ एक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए एक साझा लक्ष्य की दिशा में मिलकर काम करें। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में उपस्थित छात्र-छात्राओं से किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने की अपील करते करते हुए कहा की नशा देश और समाज के लिए बहुत ही घातक है। नशा हमारे समाज, विशेषकर युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेल रहा है। यह न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि अपराध और सामाजिक अस्थिरता को भी जन्म देता है। उन्होंने कहा कि सरकार, सामाजिक संगठनों, और खासकर शिक्षा संस्थानों को मिलकर इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
राज्यपाल ने कहा कि आज देश अपने इतिहास के एक निर्णायक मोड़ पर हैं, जब हम 2०47 तक विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। यह समय बहुत महत्वपूर्ण है, चुनौतियां बड़ी हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी छात्र-छात्राएं परिवर्तन के कर्णधार हैं, और मुझे यकीन है कि आप में से प्रत्येक इस संस्थान से प्राप्त संपूर्ण मूल्यों और गुणों को आत्मसात करके आत्म निर्भर भारत, विश्व गुरु भारत और विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में अपना सर्वोच्च योगदान देंगे। इस अवसर पर ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर हर्ष जताते हुए राज्यपाल ने कहा उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि अनुसंधान, विश्वविद्यालय में प्रगति का एक प्रमुख पहलू रहा है। उन्होंने कहा कि जनवरी 2०23 से ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के सदस्यों ने स्कोप्स, एससीआई, यूजीसी केयर जर्नल्स में 27०8 पेपर, बुक, कॉन्फ्रेंस प्रक्रिया में योगदान दिया है जो प्रशंसनीय है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों द्वारा जनवरी 2०23 से 488 पेटेंट पब्लिश करने और इनमें से 28 पेटेंट ग्रांट प्राप्त करने पर बधाई भी दी।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. कमल घनशाला ने कहा कि आज से छात्रों का नया जीवन प्रारंभ हो रहा है, और ऐसे में आप यह संकल्प लें कि आगे चलकर आप लोग देश व प्रदेश के निर्माण में अपना शत-प्रतिशत योगदान देंगे एवं हमेशा जनहित और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखेंगे। दीक्षांत समारोह में कुलपति प्रो. संजय जसोला, पद्म विभूषण चंडी प्रसाद भट्ट सहित विश्वविद्यालय के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, संकाय अध्यक्ष, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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