भाजपा संगठन के साथ चुनाव की रणनीति को बनेगा प्लान
धामी उपचुनाव में एतिहासिक जीत दर्ज करने को दिख रहे ‘बेताब’
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को विकास की राह पर ले जाने के लिए भले ही रात-दिन एक किये हुये हैं लेकिन उनके इस महाअभियान में पार्टी के काफी राजनेता उनके साथ खडे हुये नजर नहीं आ रहे हैं जिससे उनकी मंशा पर बार-बार सवालिया निशान लगते रहे हैं? हर मोर्चे पर मुख्यमंत्री खडे हुये नजर आ रहे हैं और आपदा से लेकर चारधाम यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए वह खुद मोर्चे पर डटे हुये हैं। अब केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर जहां भाजपा व कांग्रेस ने अपनी-अपनी जीत के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है तो वहीं मुख्यमंत्री केदारनाथ सीट पर होने वाले चुनाव में कमल खिलाने के लिए एक बडी रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। केदारनाथ उपचुनाव जीतने के लिए अब मुख्यमंत्री पार्टी नेताओं की पंचायत लगाकर उनके साथ केदारनाथ में ग्राउण्ड जीरो पर भाजपा की स्थिति को लेकर मंथन व चिंतन किये जाने के लिए कभी भी अपने कैम्प कार्यालय में बडी बैठक कर सकते हैं? वहीं केदारनाथ उपचुनाव जीतने के लिए मुख्यमंत्री भाजपा संगठन व केदारनाथ मंे भाजपा नेताओं और वहां के संगठनों के प्रभारियों के साथ जीत का बडा महाप्लान तैयार करने के लिए बडा खाका बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जिस तरह से केदारनाथ मंे विकास का पहिया तेजी से आगे बढाया है उससे वहां की जनता और संत समाज भी मुख्यमंत्री के प्रति अपनी आस्था दिखा रहा है और मुख्यमंत्री को यकीन है कि केदारनाथ में सरकार जिस विजन के साथ वहां विकास कर रही है उससे वहां कमल खिलना तय है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने मंगलौर विधानसभा सीट पर हुये चुनाव में वहां पार्टी प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए एक बडी रणनीति के तहत पूरी ताकत झोंकी थी और जिस सीट पर हमेशा भाजपा तीसरे नम्बर पर आती थी वहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कुशल राजनीति के चलते भाजपा प्रत्याशी मात्र कुछ अंतर से ही जीत हासिल करने में पिछड गया था लेकिन यह तो साफ हो गया था कि जहां भाजपा का कोई जनाधार भी नहीं था वहां भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीत का ऐसा खाका तैयार किया था कि पार्टी प्रत्याशी जीत की बाउण्ड्री लाइन तक पहुंच गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार पार्टी के ही कुछ राजनेताओं की आंखों मंे खटकते आ रहे हैं और वह यह खयाली पलाव बना रहे हैं कि किसी तरह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अस्थिर करने के मिशन में वह सफल हो जायें? हालांकि ऐसे सपने देखने वाले राजनेताओं को हमेशा ही मुंह की खानी पडी है और मुख्यमंत्री ऐसे नेताओं की साजिशों को हमेशा नजरअंदाज कर उत्तराखण्ड के विकास के लिए रात-दिन आगे बढने में ही विश्वास दिखाते आ रहे हैं। अब आने वाले समय में केदारनाथ सीट पर उपचुनाव होना है और इस उपचुनाव में कांग्रेस व भाजपा लगातार अपनी-अपनी जीत के चुनाव से पूर्व ही दावे कर रही है। कांग्रेस के कुछ नेता केदारनाथ में एक सोची समझी रणनीति के तहत सरकार को निशाने पर लेने का खेल खेल रहे हैं तो वहीं सरकार के मुखिया पुष्कर सिंह धामी लम्बे अर्से से केदारनाथ मे हो रहे विकास कार्यों को लेकर वहां जीत का दम भर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ मे हो रहे विकास कार्यों का अवलोकन करने के लिए हमेशा खुद और अपनी टीम को वहां आगे करते रहे हैं जिससे कि विकास कार्यों की गुणवत्ता पर कोई सवालिया निशान न लग सके।
उत्तराखण्ड में आई आपदा से जुझ रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिलेरी के साथ आपदा पीडितांे के आंसु पोछ रहे हैं कि सरकार उनके साथ खडी है और उन्हें किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने अब केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी अपना ध्यान वहां केन्द्रित करना शुरू कर दिया है और यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा संगठन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर वहां की जीत सुनिश्चित करने के लिए कभी भी पंचायत लगा सकते हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ सीट पर होने वाले चुनाव को मजबूती के साथ लडने के लिए पार्टी नेताओं, केदारनाथ में भाजपा संगठनों के पदाधिकारियों के साथ जीत का प्लान तैयार करने के लिए सम्भवतः आज शाम भी महामंथन करने के लिए आगे आ सकते हैं। केदारनाथ सीट पर जीत का सारा प्लान बनाने के लिए मुख्यमंत्री पार्टी नेताओं और संगठन के पदाधिकारियों से छोटे से छोटा फीडबैक लेकर काम करने का महाप्लान तैयार करेगी क्योंकि कुछ राजनेताओं ने यह मनसूबा पाल रखा है कि केदारनाथ सीट पर होने वाले उपचुनाव में मुख्यमंत्री कमल न खिला पायें हालांकि ऐसे राजनेताओं के इरादों को भांपकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले से ही अलर्ट नजर आ रहे हैं और उन्होंने पार्टी के हर पदाधिकारी और कार्यकर्ता को केदारनाथ में एतिहासिक जीत दर्ज करने के लिए उनके साथ रूबरू होकर एक बडा प्लान तैयार करने का मिशन बना लिया है।