कर्मकार बोर्ड घोटाले का जिन्न फि र निकला बोतल से बाहर

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड में त्रिवेंद्र सिंह रावत शासनकाल में कर्मकार बोर्ड में एक बडा घोटाला होने का खूब शोर मचा था लेकिन इस मामले पर त्रिवेंद्र सरकार ने कभी कोई एक्शन नहीं लिया था? उत्तराखण्ड में पुष्कर ंिसह धामी की सरकार बनने के बाद जन संघर्ष मोर्चा से लेकर कुछ संगठनों ने कर्मकार बोर्ड में हुये घोटाले की सीबीआई जांच कराने की बार-बार मांग उठाई थी लेकिन इस मामले पर सरकार की ओर से कोई जांच कराने का आदेश नहीं दिया गया और यह मामला लम्बे समय से खामोशी के दौर में चला गया था। अब राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के प्रदेश अध्यक्ष ने कर्मकार बोर्ड में ढाई सौ करोड के कथित घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर एक बार फिर पुष्कर सरकार के पाले में गेंद फेंक दी है जिससे यह सवाल खडे हो गये हैं कि क्या सरकार कर्मकार बोर्ड में हुये घोटाले की जांच सीबीआई से कराने का मन बना पायेगी? राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस कुछ मुद्दों के साथ कर्मकार बोर्ड में हुये घोटालों को लेकर भी कल सचिवालय कूच करने का डंका पीट चुकी है ऐसे में साफ नजर आ रहा है कि एक बार फिर कर्मकार बोर्ड के घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर निकलता हुआ दिखाई दे रहा है?
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कर्मकार बोर्ड में हुये ढाई सौ करोड के घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की मांग उठाकर एक बार फिर इस घोटाले को लेकर एक नया संग्राम छेड दिया है? राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस कल कई मुद्दों को लेकर सचिवालय कूच करने का प्लान बना चुकी है और जब कल मजदूर कांग्रेस सचिवालय कूच करने के लिए सडकों पर उतरेगी तो वह कर्मकार बोर्ड के लगभग ढोई सो करोड के घोटाले की जांच सीबीआई से कराने जांच रिपोर्ट सार्वजनिक कर दोषियों के विरूद्व कार्यवाही करने का डंका पीटेगी। मजदूर कांग्रेस ने तो साफ ऐलान कर दिया है कि इस घोटाले में जल्द दोषियों के खिलाफ कार्यवाही न हुई तो राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) सडकों पर उतरकर एक बडा आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में कर्मकार बोर्ड में हुये घोटाले को लेकर काफी शोर मचा था और उसके बाद से ही इस मामले में सीबीआई जांच कराने को लेकर जन संघर्ष मोर्चा व कुछ संगठनों ने कर्मकार बोर्ड में हुये घोटाले के खिलाफ अपनी आवाज राज्य के अन्दर बुलंद की थी। हालांकि त्रिवेंद्र शासनकाल में हुये इस कथित घोटाले को लेकर उस समय की सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया था जिससे यह बहस चली थी कि जब सरकार भ्रष्टाचार पर जीरों टालरेंस के तहत चलाने का ढोल पीटा गया था तो फिर इस मामले की जांच कराने से सरकार ने अपने कदम पीछे क्यों कर लिये थे? अब एक बार फिर कर्मकार बोर्ड में हुये सैकडों करोड के घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर आ गया है और अब राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि वह इस मामले की जांच सीबीआई से करायें और उसकी जांच को जनता के सामने सार्वजनकि किया जाये नहीं तो राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) सडकों पर उतरकर आंदोलन करने की राह पर आगे बढ जायेंगा।

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