धामी के खिलाफ होने वाली साजिशों पर बाज की नजर रखते हैं अभिनव

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड का इतिहास रहा है कि अधिकांश पूर्व मुख्यमंत्रियों को सत्ता से महरूम करने के लिए उनकी ही पार्टी के कुछ राजनेता, सफेदपोशों के साथ मिलकर साजिश का ऐसा बडा चक्रव्यूह रचते हैं कि वह सरकार के मुखिया को अपनी साजिशों के खेल मंे इतना बेचैन कर दें कि वह कोई न कोई ऐसी गलती कर दें जिसके चलते वह कोई ऐसा कदम उठायें जिससे उन्हें उत्तराखण्ड से लेकर दिल्ली तक में निशाने पर लिया जा सके? उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री भले ही देश के प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा हाईकमान की राजनीतिक पाठशाला में पिछले तीन सालों से अव्वल आ रहे हों लेकिन उनके खिलाफ लम्बे अर्से से साजिशों का ऐसा चक्रव्यूह रचा जा रहा है जिसके चलते उन्हें अस्थिर करने के एजेंडे पर वह सफल हो सकें? मुख्यमंत्री के खिलाफ साजिशों का जो तानाबाना एक अदृश्य सिंडिकेट रचने में लगा हुआ है उसकी भनक राजनीतिक गलियारों में हमेशा चर्चाओं मंे बनी हुई है लेकिन एक सच यह भी है कि धामी के खिलाफ हो रही साजिशों पर उनके भरोसेमंद डीजीपी बाज की नजर रखते हैं जिससे कोई भी साजिशकर्ता मुख्यमंत्री के खिलाफ साजिश रचकर अपने एजंेडे में सफल हो जाये? उत्तराखण्ड की वादियों में इन दिनों भले ही राज्यवासियों को सबकुछ शांत नजर आ रहा हो लेकिन यह भी सच है कि कुछ सफेदपोश और चंद राजनेता मुख्यमंत्री को अपनी रडार पर लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं और वह काफी लोगों को अपने खेमे में लाने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं जिससे कि वह मौका मिलते ही मुख्यमंत्री को कमजोर बनाकर अपने मिशन में सफल हो सकें?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक सरल राजनेता हैं और वह अपने अब तक के कार्यकाल में राज्य को नई उडान पर ले जाने के लिए ही आगे बढने में विश्वास दिखा रहे हैं और उनके इस बढते कदमों से राज्यवासियों के तो चेहरे खिलखिला रहे हैं लेकिन सत्ता पर अपना वर्चस्व कायम करने के लिए कुछ सफेदपोश और राजनेता चंद कलमवीरों के साथ मिलकर मुख्यमंत्री को राज्य के अन्दर अस्थिर करने का जो तानाबाना बुन रहे हैं उसकी सुगबुगाहट राजधानी के गलियारों में कहीं न कहीं गुप्त रूप से सुनने को मिलने लगी है? मुख्यमंत्री ने राज्य में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस सरकार चलाने का जो एजेंडा अपना रखा है उससे उनकी पार्टी के ही काफी राजनेता बिलबिलाये हुये हैं क्योंकि वह अपने गलत कार्यों को सरकार में नहीं करा पा रहे हैं और कहीं न कहीं यह उन्हें बेचैन किये हुये है? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने भरोसे के आईपीएस अभिनव कुमार को डीजीपी पद पर तैनात किया हुआ है जो अपने शासनकाल में उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने की दिशा में बडे विजन के साथ काम कर रहे हैं और राज्य की सीमाओं को भी सुरक्षित रखने के लिए वह एक बडे विजन के साथ गोपनीय एजेंडे पर काम कर रहे है। उत्तराखण्ड के अन्दर पिछले काफी समय से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जिस तरह से अंकिता भण्डारी हत्याकांड, रायपुर में हुये एक बडे गोलीकांड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को टारगेट करने का जो एक बडा प्रपंच रचा गया उस प्रपंच को डीजीपी अभिनव कुमार ने अपनी सफल पुलिसिंग से धडाम कर दिया था।
उत्तराखण्ड के गलियारों में यह बात आम है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने डीजीपी अभिनव कुमार पर अभेद भरोसा करते हैं कि वह राज्य को अपराध और नशे से मुक्त करा देंगे। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ राज्य मंे रची जाने वाली साजिशों पर हर समय डीजीपी अभिनव कुमार बाज की नजर रखते हैं जिसके चलते वो साजिशकर्ता अपने एजेंडे में कामयाब नहीं हो पा रहे जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी साजिशों से अस्थिर करने के खेल में जुटे हुये हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी इस बात का इल्म है कि राज्य के कई पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ भी राज्य के अन्दर वह साजिशें होते हुए देख चुके हैं लेकिन वह इन साजिशों से कभी भी भयभीत नहीं होते और वह अपने काम पर ही विश्वास रखते हैं जिसके चलते साजिशकर्ताओं को भी मुख्यमंत्री की यह कार्यशैली काफी विचलित करती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सत्ता को कोई भी डिगा न पाये इसके लिए डीजीपी अभिनव कुमार हमेशा साजिशकर्ताओं पर बाज की नजर रखते आ रहे हैं?
वहीं उत्तराखण्ड की राजनीति को नजदीक से देखने वाले कुछ बुद्धिजीवियों का मानना है कि राज्य के मुख्यमंत्री जिस विजन से काम कर रहे हैं उससे उनकी राजनीतिक छवि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नजरों में साफ सुथरी बनी हुई है जिससे साजिशकर्ता बेचैन हैं।

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