प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री ने डीजीपी को लॉ एंड ऑडर की कमान जिस दिन से सौंपी है उस दिन से डीजीपी ने सभी जनपदों के पुलिस कप्तान को साफ अल्टीमेटम दे दिया है कि अगर उनके इलाके में कोई भी अपराधी अपराध करने का दुसाहस करके फरार हो जायेगा तो यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। डीजीपी ने एसटीएफ के नवनियुक्त पुलिस कप्तान को भी अपराधियों के खिलाफ बडा ऑपरेशन चलाने का संदेश दिया है जिसके बाद नवनियुक्त पुलिस कप्तान ने अपनी एसटीएफ टीम को अपराधियों पर पैनी नजर रखने और उनके खिलाफ बडा ऑपरेशन चलाने का आदेश देकर बदमाशों में एक बडा भय पैदा करने का संग्राम शुरू कर दिया है। एसटीएफ को एक कुख्यात के बारे में गोपनीय जानकारी मिली कि वह पौडी के लक्ष्मण झूला इलाके में पहचान छुपाकर रह रहा है। इस पर एसटीएफ, लक्ष्मण झूला पुलिस और पटना की एसटीएफ ने लक्ष्मण झूला के एक होटल में दबिश दी तो वहां से बिहार का कुख्यात रंजीत चौधरी पकडा गया जिस पर बिहार सरकार ने दो लाख का ईनाम घोषित कर रखा था। एसटीएफ कप्तान ने साफ शब्दों में कहा है कि उत्तराखण्ड में अपराध करने वाला कोई भी अपराधी अब बच नहीं पायेगा और दो लाख का ईनामी बदमाश सिर्फ बिहार में अपराध करता था और उसने उत्तराखण्ड में अपने परिवार को शरण दिलाने के लिए डेरा डाला हुआ था लेकिन वह इतना शातिर है कि जिस मकान में उसका परिवार रहता है वहां वह नहीं जाता और अलग-अलग ठिकानों पर वह किराये का कमरा लेकर रहा करता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपराधियों के खिलाफ बडे ऑपरेशन का आगाज कर दिया है और उन्होंने डीजीपी अभिनव कुमार को अपराधियों की नाक मे नकेल डालने के लिए उन्हें लॉ एंड ऑर्डर की भी जिम्मेदारी सौंप दी है इसके बाद से ही अपराधियों पर नकेल लगाने के लिए सभी जनपदों के पुलिस कप्तान को अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने का आदेश दिया है और एसटीएफ के नवनियुक्त पुलिस कप्तान नवनीत भूल्लर को अपराधियों के खिलाफ बडे ऑपरेशन चलाने का आदेश दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसटीएफ को सूचना मिली कि बिहार का मोस्ट वांटेड रंजीत कुमार लक्ष्मण झूला इलाके मे कहीं छिपा है। यह खबर मिलते ही पुलिस कप्तान ने एसटीएफ के इंस्पेक्टर अबुल कलाम के नेतृत्व में एक टीम बनाई और पटना से आई एसटीएफ की टीम को भी साथ लेकर उन्हें लक्ष्मण झूला इलाके मे रवाना किया। एसटीएफ टीम ने वहां के कोतवाल रवि सैनी और उनकी टीम को साथ लेकर एक होटल में छापा मारकर वहां से दो लाख रूपये के अपराधी रंजीत चौधरी को दबोच लिया। इस ऑपरेशन को जब अंजाम दिया गया तो उस समय कुख्यात की पत्नी और उसके तीन बच्चे भी उसके साथ थे।
पुलिस कप्तान नवनीत भुल्लर ने बताया कि कुख्यात रंजीत चौधरी 2०23 से बिहार से मोस्ट वांटेड हो रखा है हत्या और हत्या के प्रयास में उसके सिर पर दो लाख रूपये का ईनाम घोषित हो रखा है उन्होंने बताया कि कुख्यात पर ग्यारह हत्या के मुकदमें, हत्या के प्रयास, अपहरण, डकैती के मुकदमें दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि कुख्यात बहुत शातिर है और उसके बारे में बिहार पुलिस को कई बार सूचना मिली कि वह उत्तराखण्ड में हो सकता है इसलिए वहां की पुलिस भी एक दो बार उसे खोजने के लिए देहरादून आई थी लेकिन वह इतना शातिर है कि जहां उसने अपने परिवार को कमरा दिला रखा है वह उनके साथ कभी नहीं रहता और जब भी उसे अपनी पत्नी और बच्चों से मिलना होता है तो वह उन्हें किसी होटल में बुला लेता है जिससे कि वह पुलिस की आंखों से हमेशा बचता रहे। पुलिस कप्तान ने बताया कि कुख्यात रंजीत चौधरी ने अपने परिवार को देहरादून के टर्नर रोड पर एक मकान किराये पर दिलाया हुआ है और उसके ह्म्द्धह्व बच्चे टर्नर रोड मे ही एक एकेडमी में पढते हैं। उन्होंने बताया कि पूछताछ में खुलासा हुआ है कि बिहार की पुलिस उसे पकडने के लिए लम्बे समय से लगी हुई थी इसलिए वह बिहार नहीं जाता था और न ही वह उस मकान में रहने के लिए जाता था जहां उसका परिवार रहता है। बिहार का मोस्ट वांटेड जिस तरह से एसटीएफ के हत्थे चढा है उससे साफ नजर आ रहा है कि अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ऑपरेशन क्रिमनल का आगाज हो गया है और हर क्रिमनल को डीजीपी अभिनव कुमार उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए आगे बढ़ चले हैं।