प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री राज्य मे आई आपदा को लेकर रात-दिन खुद मोर्चा संभाले हुये हैं और वह आपदा प्रबन्धन से लेकर मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बैठकर बचाव व राहत कार्य तेजी से चलाने के लिए लगातार मंथन व चिंतन कर रहे हैं। गढवाल रेंज मे आई कुछ जनपदों मे आपदा नेे सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें डाली लेकिन डीजीपी ने अपनी एसडीआरएफ को हर जीवन को बचाने के लिए मैदान मे उतार रखा है और लगातार शासन के अफसरों के साथ भी मुख्यमंत्री आपदा प्रभावितों को इस संकट से बचाने के लिए रात-दिन मंथन व चिंतन मे लगकर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडे हुये नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री की सबसे बडी अग्निपरीक्षा केदारनाथ मे फंसे श्रद्धालुओं को सकुशल बचाने की थी और वह इस अग्निपरीक्षा मे शत-प्रतिशत सफलता की सीढी पर चढे हुये नजर आये क्योंकि एक-एक श्रद्धालु को सकुशल केदारघाटी से बचाने का आकाश से लेकर सडक मार्ग तक मुख्यमंत्री ने जो रेस्क्यू ऑपरेशन चलवाया उससे देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं को मुख्यमंत्री की सोच ने उन्हें उनका कायल कर दिया और श्रद्धालु यह कहने से नहीं चूके कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री उनके लिए देवदूत बनकर आये जिन्होंने उनके जीवन पर आये संकट को दूर कर उन्हें इस आपदा मे बचा लिया।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड मे जबसे मानसून आया तबसे गढवाल व कुमाऊ मे तेज बारिश से कुछ जनपदों मे बाढ आ गई और वहां के नागरिकों के सामने एक बडा संकट आकर खडा हो गया था। इस संकटकाल से सबको बचाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद मोर्चा संभाला और वह गढवाल से लेकर कुमांऊ मे आपदा स्थलों पर गये और इस आपदा मे अपना सबकुछ खो चुके लोगों के कंधे पर मुख्यमंत्री ने अपना दयाभाव दिखाते हुए उन्हें विश्वास दिलाया कि इस आपदाकाल मे सरकार उनके साथ खडी हुई है। मुख्यमंत्री ने आपदा से प्रभावित हर व्यक्ति को विश्वास दिलाया कि इस मुश्किल दौर मे उन्हें सरकार हर सुविधा देगी जिससे उनके सामने अपने जीवन को चलाने मे कोई संकट खडा न हो पाये। कुमांऊ से लेकर गढवाल तक आपदा मे प्रभावित हुये लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रखा हुआ है और उनके खाने-पीने की भी सरकार ने बडी व्यवस्था कर रखी है। गढवाल मे इन दिनों आपदा से काफी लोग प्रभावित हुये हैं और उसके चलते वह अपने आपको संकटकाल मे खडा हुआ पा रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हर आपदा स्थल पर अपनी टीम के साथ जाकर वहां का मुआयना कर रहे हैं और वहां बचाव व राहत कार्य के लिए खुद डेरा डालकर सबको यह संदेश दे रहे हैं कि वह उनके साथ इस मुश्किल दौर मे कंधे से कंधा मिलाकर चलंेगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर मोर्चे पर खुद को आगे कर रखा है और वह आपदा से पीडित हर व्यक्ति को संदेश दे रहे हैं कि उनका पुर्नवास करना उनकी पहली प्राथमिकता है और उनको दुबारा बसाने मे धन की कोई कमी नहीं आयेगी। आज एक बार फिर मुख्यमंत्री ने बचाव व राहत कार्य के लिए खुद मोर्चा संभालते हुए जिस तरह से अपने कदम आगे बढाये और वह आपदा के इलाको को देखने के लिए खुद निकले उससे साफ दिखाई दे रहा है कि वह आपदा पीडितों के लिए रक्षक बनकर उनके सामने खडे हैं।