सीएम आरटीआई दलालों के नेटवर्क को करेंगे नेस्तनाबूत
दलालों ने गरीब को घर बनाना भी कर दिया मुश्किल
विकासनगर(संवाददाता)। उत्तराखण्ड मे कई विकास प्राधिकरण अस्तित्व मे हैं और देखने मे आता रहा है कि कुछ प्राधिकरणों मे आरटीआई लगाने का खेल खेलने वाले कुछ दलालों ने वहां अपना साम्राज्य स्थापित किया हुआ है? एक गरीब आदमी अगर अपना मकान बनाने के लिए आगे आता है तो आरटीआई के दलाल उस गरीब आदमी की राह मे रोडा अटकाने के लिए आरटीआई का सहारा लेकर उसे अपना डर दिखाने के मिशन मे आगे बढ़ जाते हैं जिससे एक गरीब आदमी का मकान बनाने का सपना अधूरा हो जाता है। जन संघर्ष मोर्चा मे इस बात को लेकर बडी नाराजगी है कि कुछ दलाल आरटीआई के माध्यम से सूचना मांगकर गरीब आदमी का जीना मुश्किल कर देते हैं तथा मामला सेटल होने के बाद ही उसका पीछा छोडते हैं। जन संघर्ष मोर्चा ने कई विकास प्राधिकरणों मे आरटीआई के नाम पर दलाली करने वाले दलालों के काले कारनामों को मुख्यमंत्री के सामने भी रखा और उन्हें बताया कि सीएम साहब ऐसे दलाल एक आम आदमी का आरटीआई के सहारे जीना दूभर कर रहे हैं जिस पर मुख्यमंत्री ने भी कठोर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया हुआ है। अब जन संघर्ष मोर्चा की मांग है कि सिर्फ आयोग के आदेश पर ही कोई प्राधिकरण किसी मकान को लेकर मांगी गई सूचना उपलब्ध कराये क्योंकि सूचना के एवज मे कुछ आरटीआई दलाल खुलकर ब्लैकमेलिंग का खेल खेल रहे हैं।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश के कई विकास प्राधिकरणों यथा मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, हरिद्वार विकास प्राधिकरण, नैनीताल विकास प्राधिकरण आदि तमाम आवास प्राधिकरणों के क्षेत्रांतर्गत एक गरीब आदमी को घर बनाना आरटीआई के दलालों ने मुश्किल कर दिया है। गरीब व्यक्ति न जाने कैसे- कैसे अपने पूरे जीवन की कमाई एक- दो कमरे बनाने में खफा देता है, लेकिन ये दलाल आरटीआई के माध्यम से सूचना मांगकर उसका जीना मुश्किल कर देते हैं तथा मामला सेटल होने के उपरांत ही उसका पीछा छोड़ने हैं।मोर्चा इन दलालों के खिलाफ कोठार कार्रवाई को लेकर लगभग 15- 20 दिन पहले मुख्यमंत्री को अवगत करा चुका है, जिसमें गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज एवं आमूल चूल परिवर्तन की मांग की गई थी, जिस पर मा. मुख्यमंत्री ने बहुत गंभीरता दिखाई एवं एक जिम्मेदार सचिव को इस पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। नेगी ने कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत यह व्यवस्था की जानी चाहिए कि इन प्राधिकरणों से किसी छोटे-मोटे आवासीय भवनों के संबंध में मांगी गई सूचना प्रथम अपील के उपरांत सिर्फ और सिर्फ आयोग के निर्देश पर ही दी जानी चाहिए,जिससे ये दलाल खुद ब खुद छंट जाएंगे। इसके साथ-साथ यह भी परिलक्षित होना चाहिए कि सूचना मांगने में किस प्रकार का जनहित एवं उद्देश्य है। आज प्रदेश को चोर -डकैतों से इतना खतरा नहीं है, जितना इन दलालों से हो गया है। इन दलालों के कारण जनता मानसिक तनाव में आ गई है। मोर्चा सरकार के समक्ष शीघ्र ही इस मामले को रखेगा एवं ऐसे लोगों को जिला बदर नहीं राज्य बदर करने के साथ-साथ इनकी संपत्ति की भी जांच का प्रकरण भी रखेगा। पत्रकार वार्ता में- हाजी असद व देवी दयाल शर्मा आदि मौजूद थे।