उपचुनाव मे कमल खिलाने निकले धामी

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सिर्फ सीएम से मोह दिखा रहा आवाम
बद्रीनाथ-मंगलौर सीट पर पुष्कर ने झोंकी ताकत
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड में युवा मुख्यमंत्री के कार्यकाल मे हुये सभी चुनाव मे भाजपा को हर तरफ जीत की सौगात मिलती आ रही है और लोकसभा चुनाव मे उत्तराखण्ड के अन्दर भाजपा की प्रचंड जीत का ताज भाजपा हाईकमान ने मुख्यमंत्री के सिर पर बांधा है जिससे दिल्ली मे उनकी धमक और बुलंदियों पर पहुंची है। अब पौडी के बद्रीनाथ और हरिद्वार के मंगलौर सीट पर उपचुनाव का काउंटडाउन शुरू हो रखा है और इस उपचुनाव मे भी कमल खिलाने के लिए मुख्यमंत्री आगे निकल पडे हैं और उन्होंने दोनो सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बद्रीनाथ मे भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस छोडकर आये और अब वह भाजपा के सिम्बल पर चुनाव लड़ रहे हैं जिसको लेकर वहां उन लोगों मे बडी नाराजगी पनप रही है जिन्होंने भाजपा प्रत्याशी को कांग्रेस के सिम्बल पर विधानसभा चुनाव मे जीत दिलाई थी। वहीं मंगलौर सीट पर बाहरी प्रत्याशी के चुनाव मैदान मे उतरने से वहां के कुछ भाजपा नेताओं के मन मे नाराजगी का दौर खामोशी से चल रहा है लेकिन इन दोनो विधानसभा सीटों पर वहां की आवाम का मोह सिर्फ और सिर्फ सीएम मे ही दिखाई दे रहा है जिससे यह बात तो साफ हो रही है कि भले ही चुनाव मैदान मे भाजपा प्रत्याशी अपना भाग्य अजमा रहे हों लेकिन चुनाव का असली रण मुख्यमंत्री ही स्वयं लड़ रहे हैं और उन्हें जिस तरह से जनता का खुला साथ मिल रहा है उससे यह सम्भावनायें प्रबल हो रखी हैं कि मुख्यमंत्री इन दोनो सीटों पर भी सम्भवतः कमल खिलाने मे सफल हो जायेंगे? हालांकि मंगलौर सीट पर कांग्रेस, भाजपा और बसपा मे कडा मुकाबला है लेकिन राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले मुख्यमंत्री ने मंगलौर का चुनावी किला भाजपा के नाम दर्ज कराने के लिए एक बडी रणनीति के साथ जो जीत का प्लान तैयार किया है वह दस जुलाई को भाजपा को एक सुखद अनुभव का अहसास करा सकता है?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड के पहले ऐसे राजनेता बन गये हैं जो रात-दिन उत्तराखण्ड के विकास का खाका खींचने के मिशन मे ही आगे बढ़े हुये हैं। मुख्यमंत्री के दूसरे कार्यकाल की अवधि दो साल पार कर गई है और इस अवधि मे उन्होंने उत्तराखण्ड को विकास मे एक नई पहचान दिलाने का जो काम किया है उससे आवाम मुख्यमंत्री की सत्ता चलाने की कार्यशैली से गदगद नजर आ रही है। मुख्यमंत्री अपने दूसरे कार्यकाल मे भी हर तीसरे दिन राज्य के अलग-अलग जनपदों मे वहां जाकर विकास की नई परिभाषा लिखते चले गये और उनकी इस कुशल राजनीति को देखकर भाजपा हाईकमान भी मुख्यमंत्री की खुलकर तारीफ करते आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव मे उत्तराखण्ड की पांचो सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत का सारा खाका मुख्यमंत्री ने तैयार किया था और उन्होंने चुनाव से कुछ माह पूर्व ही यह दावा कर दिया था कि वह उत्तराखण्ड की पांचो लोकसभा सीटों को जिताकर उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की झोली मे डालेंगे। हालांकि चुनाव परिणामों को लेकर जो कई टीवी चैनलों में उत्तराखण्ड की चार सीटों पर जीत का एग्जिट पोल मे जो दावा बताया जा रहा था वह दावा चार जून को चुनाव परिणाम आने के बाद धडाम हो गया था और राज्य की पांचो सीटों पर कमल खिल गया था।
उत्तराखण्ड मे लोकसभा की पांचो सीटों पर कमल खिलने का जश्न राज्यभर मे भाजपा के नेता अभी तक मना रहे हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इस जीत का हीरो करार दिया जा रहा है। वहीं अब पौडी के बद्रीनाथ और हरिद्वार के मंगलौर सीट पर दस जुलाई को उपचुनाव होने जा रहा है। इस उपचुनाव मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पार्टी प्रत्याशियों को चुनाव जितवाने के लिए खुद मोर्चा संभाल रखा है और वह इन दोनों सीटों पर कमल खिलाने के लिए बद्रीनाथ और मंगलौर मे जीत का फूलप्रूफ प्लान तैयार कर वहां आवाम के बीच जा रखे है और वह आवाम को साफ संदेश दे रहे हैं कि डबल इंजन सरकार उत्तराखण्ड के विकास के लिए वचनबद्ध है और 2025 का दशक उत्तराखण्ड का होगा क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार इसको लेकर अपनी राय देश के सामने साफ कर रखी है। बद्रीनाथ व मंगलौर सीट पर भले ही भाजपा प्रत्याशी चुनाव रणभूमि मे उतरे हो लेंकिन इस चुनाव का रण तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद ही संभाल रखा है और वहां की जनता का मोह पार्टी प्रत्याशियों से न होकर सिर्फ मुख्यमंत्री मे ही दिखाई दे रहा है क्योंकि उन्हें इस बात का इल्म है कि पुष्कर सिंह धामी ने अपने मुख्यमंत्री के तीन साल के कार्यकाल मे सिर्फ विकास की राजनीति की है। वहीं इस उपचुनाव मे हाशिये पर जा चुकी कांग्रेस की भी अग्निपरीक्षा मानी जा रही है क्योंकि उत्तराखण्ड मे लगातार कांग्रेस को मिलती आ रही हार से कांग्रेस हाईकमान उत्तराखण्ड के कुछ बडे छत्रपों से बेहद नाराज हैं और इस चुनाव मे जो राजनेता पार्टी प्रत्याशियों को जीत दिलाने का दम दिखा पायेगा उसकी धमक कांग्रेस हाईकमान के सामने जरूर बढेगी। हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दोनो सीटों पर कमल खिलाने के लिए जिस अंदाज मे आगे आ रखे हैं उससे भाजपाईयों के चेहरे खिले हुये नजर आ रहे हैं?

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