चुनाव मे प्रचंड जीत के बाद युवाओं के सपनों को साकार करते सीएम

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धामी के पिटारे से फिर नौकरियों का बाहर आया जिन्न
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड मे सत्ता संभालने के बाद से ही राज्य के युवाओं को रोजगार देने की दिशा मे मुख्यमंत्री जिस एजेंडे के तहत आगे बढ़ने के मिशन मे चले उसको लेकर राज्य के युवाओं ने लोकसभा चुनाव मे मुख्यमंत्री पर अपनी आस्था दिखाते हुए उत्तराखण्ड की पांचो लोकसभा सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए अपने कदम आगे बढाये उसे देखकर मुख्यमंत्री युवाओं से काफी गदगद नजर आ रहे हैं और उन्हें यह इल्म हो चुका है कि उत्तराखण्ड के बेरोजगार युवा सरकार के साथ खडे हैं और सरकार भी उन्हें सरकारी नौकरियां देने के एजेंडे पर तेजी के साथ आगे बढ़ती रही है। लोकसभा चुनाव मे भाजपा की प्रचंड जीत के बाद एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार का रिर्टन गिफ्ट देने के लिए अपने कदम आगे बढा दिये हैं। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के युवाओं को रोजगार देने की दिशा मे जिस एजेंडे के साथ आगे बढ़ रहे हैं उससे युवाओं और उनके परिजनों में एक आस की किरण जाग गई है कि अब उनके लॉडले रोजगार के लिए उत्तराखण्ड से पलायन कर दूसरे राज्यों मे नौकरी के लिए इधर-उधर भटकने नहीं जायेंगे।
उत्तराखण्ड बनने के बाद से ही राज्य के लाखों युवाओं के सामने रोजगार पाने का एक बडा संकट खडा हुआ था और इस संकट से उन्हें उभारने के लिए अधिकांश सरकारों ने कोई काम नहीं किया जिसके चलते उत्तराखण्ड की युवा पीढी मे हमेशा पूर्व सरकारों की कार्यशैली को लेकर बडी नाराजगी बनी रही और वह इस बात के लिए भी काफी नाराज रहते थे कि सरकार ने सिडकुल मे युवाआंे को प्राईवेट नौकरियां दिलाने के लिए जो रेशो बनाया था उस पर प्राईवेट कम्पनियां काम नहीं करती और मात्र कुछ युवाओं को ही नौकरी देकर वह अपना पल्ला झाड लेती है। वहीं राज्य की कमान जैसे ही युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथो मे आई तो उन्होंने युवाओं को रोजगार देने की दिशा मे एक बडी पहल शुरू की और उन्हांेने इस पहल के तहत सभी सरकारी विभागों मे नियुक्तियों का पिटारा खोल दिया और इस पिटारे के खुलते ही राज्य के हजारों युवाओं को सरकारी नौकरियांे का तोहफा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देकर साफ संदेश दे दिया कि वह युवाओं के सपनों को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोडेंगे। लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य की जनता को धन्यवाद दे रहे हैं कि उन्होंने भाजपा को प्रचंड जीत दिलाई और अब चुनाव के बाद मुख्यमंत्री ने एक बार फिर युवाओं को सरकारी नौकरियां देने के लिए फिर अपने कदम आगे बढा दिये हैं जिससे साफ नजर आ रहा है कि सरकार के पिटारे से अब तेजी के साथ सरकारी नौकरियांे का तोहफा बेरोजगार युवाओं को मिलता रहेगा।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के युवाओं को रोजगार देने की दिशा में एक बडा संकल्प ले रखा है तो वहीं वह राज्य मंे सरकारी नौकरियों का खुलकर पिटारा खोले हुये हैं जिससे राज्य के बेरोजगार युवकों के मन में आशा की एक नई किरण दिखाई देने लगी है। मुख्यमंत्री ने पूर्व में लोक सेवा आयोग से परीक्षायें कराने का फैसला किया था लेकिन जब मुख्यमंत्री ने घर का मुखिया होने के नाते इस बात का आंकलन किया कि लोक सेवा आयोग की अपनी बंदिशों के कारण परीक्षायें जल्द कराना संभव नहीं है तो उन्होंने लोक सेवा आयोग की बंदिशों को स्वीकार करते हुए लोक सेवा आयोग से समूह ग की बारह परीक्षायें कराने का अपना फैसला वापस ले लिया। इस फैसले को वापस लेने के पीछे मुख्यमंत्री की यह भी सोच है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए मार्च में आचार संहिता लग जायेगी और उसके बाद कुछ महीनों तक परीक्षायें कराना संभव नहीं हो पायेगा। इसी के चलते मुख्यमंत्री ने बेेरोजगारों को जल्द से जल्द रोजगार देने के अपने संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए यूकेएससी द्वारा समय पर परीक्षा कराने का फैसला लेकर एक बडा मास्टर स्ट्रोक लगाया है। वहीं लोक सेवा आयोग के पास अब पीसीएस संवर्ग की परीक्षाओं की ही जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नकल माफियाओं के गठजोड ध्वस्त करने तथा नकलरोधी कानून के बाद इसमें बडी सफलता मिली है और पुष्कर सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में पांच से छह गुना युवाओं को रोजगार मिला है। बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के एजेंडे पर जिस तरह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आगे बढ रहे हैं उससे वह युवाओं के राजनीतिक मसीहा बन गये हैं और अब युवाओं के मन में डबल इंजन सरकार को लेकर जो विश्वास दिखाई दे रहा है उसने विपक्ष की नींद उडा कर रख दी है? लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत से साफ नजर आ गया है कि उत्तराखण्ड के युवाओं को जिस तरह से मुख्यमंत्री ने सरकारी नौकरियां देने का जो मिशन शुरू किया है उसी का परिणाम है कि चुनाव मे विपक्ष चारो खाने चित हो गया।

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