सीएम ने ट्रैकरों को दिया जीवनदान

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सहस्त्रताल ट्रैक में फंसे ट्रैकरों को बचाने का ऑपरेशन
छह ट्रैकरों को उत्तरकाशी-चार ट्रैकरों को किया रेस्क्यू
ट्रैकिंग दल के चार सदस्यों की मौत
उत्तरकाशी(संवाददाता)। जनपद टिहरी व उत्तरकाशी के मध्य स्थित सहस्त्रताल ट्रेक पर गया 22 सदस्यों वाले एक ट्रैकिंग दल के खराब मौसम में रास्ता भटक जाने के कारण इसके चार सदस्यों के मृत्यू होने और बाकी सदस्यों के इस उच्च हिमालयी ट्रेक रुट में फंसने की खबर से सरकार मे हडकम्प मच गया और आनन-फानन मे मुख्यमंत्री ने ट्रैकिंग दल के सदस्यों को बचाने के लिए ऑपरेशन की कमान एसडीआरएफ के हवाले की गई। ट्रैकिंग मे फंसे सभी ट्रैकरों को सकुशल बचाने के लिए डीजीपी ने एसडीआरएफ के सेना नायक को मिशन की कमान सौंपी। इसके बाद एसडीआरएफ के सेना नायक ने अपनी टीम को ट्रैकिंग दल के सदस्यांे को बचाने के लिए उन्हें हैलीकाप्टर से रवाना किया। एसडीआरएफ की दो हाई एल्टीटयूड रेस्क्यू टीमें हैली और उत्तरकाशी से पैदल रवाना हुई थी और ट्रैकिंग करने वाले दस सदस्यों को सुरक्षित बचा लिया गया जिसमें से छह ट्रैकरों को उत्तरकाशी और चार ट्रैकरों को दून लाया गया। इस बचाव ऑपरेशन मे वायुसेना की भी मद्द ली जा रही है। डीजीपी ने बताया कि ट्रैकरों को सकुशल बचाने का सफल ऑपरेशन शुरू हो रखा है।
मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जैसे ही इस बात का पता चला कि ट्रैकिंग पर आये 22 सदस्य हिमालय मे फंस गये हैं तो उन्होंने डीजीपी अभिनव कुमार को आदेश दिये कि वह सभी ट्रैकरों को सकुशल बचाने के लिए ऑपरेशन चलायें। डीजीपी ने ट्रैकरों को बचाने के लिए आनन-फानन मे एसडीआरएफ के सेना नायक मणिकांत मिश्रा को ऑपरेशन की कमान सौंपी। सेना नायक को पता चला कि हिमालयन व्यू ट्रैकिंग ऐजेंसी, मनेरी के द्वारा मल्ला-सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर एक 22 सदस्यीय ट्रैकिंग दल जिसमें कनार्टक के 18 सदस्य एवं महाराष्ट्र का एक सदस्य और तीन स्थानीय गाईड शामिल थे, को गत 29 मई को सहस्त्रताल के ट्रैकिंग अभियान पर रवाना करवाया गया था। इस ट्रैकिंग दल को आगामी सात जून तक वापस लौटना था। इसी दौरान गत दिन अंतिम शिविर से सहस्त्रताल पहुंचने के दौरान मौसम खराब होने से यह दल रास्ता भटक गया। सम्बन्धित ट्रैकिंग ऐजेंसी ने खोजबीन करने पर इस दल के चार सदस्यों की मृत्यु होने की सूचना देते हुए ट्रैक में फंसे 13 सदस्यों के फँसे होने की घटना से अवगत कराया गया। ट्रैकिंग करने वाले दल के रास्ता भटकने की खबर मिलते ही सरकार मे हडकम्प मच गया और आनन फानन मे सभी ट्रैकरों को बचाने का ऑपरेशन एसडीआरएफ के सेना नायक मणिकांत मिश्रा को सौंपा गया। एसडीआरएफ के सेना नायक ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए टीमों का गठन किया और आज सुबह उन्हें ब्रीफिंग के बाद सहस्त्रधारा हेलीपैड, देहरादून से 03 सदस्यीय टीम को हैली के माध्यम से रेस्क्यू के लिए रवाना किया गया। वहीं एक टीम को मय आवश्यक उपकरणो के बैकअप में रखा गया है। जनपद उत्तरकाशी से एसडीआरएफ की 06 सदस्यीय टीम मौके के लिए रवाना हो गयी है।
एसडीआरएफ की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर दस ट्रैकरों का सकुशल रेस्क्यू कर उन्हें उत्तरकाशी और सहस्रधारा हैलीपेड पहुंचाया गया। रेस्क्यू किये गये ट्रैकरों से एसडीआरएफ के सेना नायक ने बातचीत की और पता लगाया कि ट्रैकिंग मे कितने सदस्य आये थे और रास्ता भटक जाने से कितने सदस्यों की मौत हो गई है। ट्रैकरों ने यह भी बताया कि उनके काफी साथी अभी भी लापता हैं जिन्हें खोजने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सभी ट्रैकरों को सकुशल बचाने का बडा ऑपरेशन चल रहा है और उन्हें उम्मीद है कि सभी को जल्द बचा लिया जायेगा।

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