प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को राजनीतिक जादूगर माने जाने लगा है और उन्होंने अपने चंद साल के कार्यकाल मे उत्तराखण्ड की राजनीति को एक नई दिशा दी है उससे उत्तराखण्डवासियों को मुख्यमंत्री से एक नई उम्मीद जग चुकी है कि वह उत्तराखण्ड को एक नया उत्तराखण्ड बनाने के लिए आने वाले कल मे जरूर सफलता की सीढी पर चढे हुये नजर आयेंगे। मुख्यमंत्री दो मोर्चों पर डटे हुये हैं जहां वह लोकसभा चुनाव का देशभर मे मोर्चा संभाले हुये हैं और पार्टी प्रत्याशियो के लिए वह रोड-शो और रैलियां कर रहे हैं तो वहीं उत्तराखण्ड मे शुरू हो रखी चारधाम यात्रा को सकुशल और सुगम बनाने के लिए खुद मोर्चा संभाले हुये हैं। चुनाव मे व्यस्त होने के कारण एक-दो दिन चारधाम यात्रा मे कुछ अव्यवस्था का शोर जब मुख्मयंत्री के कानो मे पहुंचा तो उसके बाद उन्होंने उत्तराखण्ड मे आकर मोर्चा संभाला और वह अपनी किचन टीम के साथ चारधाम यात्रा को पटरी पर लाने के लिए जब एक बडी रणनीति के तहत आगे आये तो अब न कोई जाम लग रहा है ना कहीं अव्यवस्था का शोर मच रहा है जिसके चलते चारधाम यात्रा पटरी पर ऐसे लौटी कि हर तरफ श्रद्धालु मुख्यमंत्री की तारीफ मे कसीदे पढ़ रहा है। लोकसभा चुनाव और चारधाम यात्रा में मुख्यमंत्री ने जिस तरह से चार चांद लगाये हैं उससे मुख्यमंत्री का राजनीतिक कद उस ऊंचाई पर पहुंच गया है जहां पहुंचने मे किसी राजनेता का सारा जीवन बीत जाता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजनीति के ऐसे चाणक्य बन गये हैं जिन्होंने अपने अल्प समय मे ही अपनी प्रसिद्धि के झंडे देश ही नहीं बल्कि विदेशों मे भी गाढ़ दिये। मुख्यमंत्री आज राजनीति के एक बडे ब्रांड बन गये हैं और भाजपा के शीर्ष राजनेताओं मे उनका राजनीतिक कद जिस तरह से ऊंचाईयां छूने लगा है वह किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भाजपा हाईकमान ने लोकसभा चुनाव मे प्रचार-प्रसार की कमान सौंप रखी है और हर राज्य मे उन्हें चुनाव करने के लिए उतारा गया है। मुख्यमंत्री ने राज्य दर राज्य जाकर जिस तरह से एक मंझे हुये राजनेता की तरह राजनीतिक मंच संभालते हुए कांग्रेस व इंडिया गठबंधन को ललकारने के लिए अपनी आक्रामक दहाड़ लगाई है उससे वह भाजपा के अन्दर फायर राजनेता के रूप मे अपनी एक नई पहचान बनाने की दिशा में बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ चुके हैं। मुख्यमंत्री ने इन चुनावों मे जिस तरह से अपने राजनीतिक हुनर को देश के अलग-अलग राज्यों मे आवाम के सामने रखा उससे उत्तराखण्ड के अन्दर उनका राजनीतिक रूतबा बुलंदियों पर नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने आपको एक कुशल मुख्यमंत्री साबित करने की दिशा मे जिस तरह से एक नई उडान भरी है उससे उनका राजनीतिक भविष्य उज्जवल नजर आ रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले लम्बे समय से एक साथ दो मोर्चे संभाल रखे हैं जहां उन्होंने राज्य दर राज्य चुनाव प्रचार की आक्रामक कमान संभाल रखी है तो वहीं दस मई से शुरू हो रखी चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाये रखने के लिए उन्होंने खुद मोर्चा संभाल रखा है। मुख्यमंत्री पिछले लम्बे समय से हर दिन लोकसभा चुनाव मे सडकों पर रोड-शो और पार्टी प्रत्याशियों के लिए रैलियां कर रहे हैं तो वहीं उत्तराखण्ड मे चल रही चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए भी वह बाहरी राज्यों मे रहकर भी वहां से खुद चारधाम यात्रा पर अपनी पैनी निगाह बनाये हुये हैं। मुख्यमंत्री की चारधाम यात्रा मे चार चांद लगाने के लिए मुख्य सचिव राधा रतूडी और डीजीपी अभिनव कुमार भी अगली पक्ति मे खडे हुये नजर आये और यही कारण है कि अब चारधाम यात्रा मे ना तो कहीं जाम का झाम दिखाई दे रहा है और ना ही किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था नजर आ रही है। चारधाम मे आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी यात्रा आनंदमय नजर आ रही है और वह सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दे रहे हैं कि उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए जो व्यवस्थायें की हैं उसके चलते उन्हें चारधाम यात्रा मे एक नई ऊर्जा और नया उत्साह बना हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकसभा चुनाव और चारधाम यात्रा का एक साथ मोर्चा संभालकर जिस तरह से आवाम का दिल जीता है उसके चलते हर तरफ एक ही आवाज उठ रही है कि मुख्यमंत्री ने चुनाव और चारधाम यात्रा मे चार चांद लगाकर अपने आपको एक कुशल मुख्यमंत्री साबित कर दिया है।