बिल्डर की मौत पर ‘रो रहा शहर’

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के सबसे बडे बिल्डर को गुप्ता बंधुओं ने डर के जिस शिकंजे मे कैद करना शुरू किया था उसके चलते लम्बे समय से बिल्डर को हर समय अपने और अपने परिवार की मौत का खतरा सामने खडा हुआ दिखाई दे रहा था? बिल्डर के मन मे उस समय बडा डर पैदा हुआ जब गुप्ता बंधुओं ने बिल्डर के खिलाफ सहारनपुर मे एक शिकायती पत्र देकर उसे डराने का खेल शुरू किया? बिल्डर के मन मे हर दिन यही डर बना हुआ था कि कहीं पुलिस उसेे गिरफ्तार न कर ले और इसी के चलते वह राजधानी के पुलिस कप्तान के सामने भी मौत से एक दिन पहले अपने डर का इजहार किया था। एक हसमुख और शांत स्वभाव के बिल्डर ने गुप्ता बंधुओं के आतंक से मौत को गले लगाने का जो आत्मधाती रास्ता चुना उसको लेकर उत्तराखण्ड काफी सहमा हुआ है? बिल्डर की मौत ने राजधानीवासियों को हिलाकर रख दिया है और आवाम की आंखों मे आंसू हैं कि आखिरकार साहनी ने डर के कारण क्यों मौत को गले लगाया? हर तरफ एक ही चर्चा है कि बिल्डर की मौत एक आत्महत्या नहीं बल्कि यह अपराध हत्या से कम नहीं है? अब गुप्ता बंधुओं के डर से मौत को गले लगाने वाले बिल्डर के प्रकरण मे सियासी दल भी उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं और अब मुख्यमंत्री के पाले मे गेंद है कि वह इस दिल दहला देने वाले प्रकरण की सीबीआई जांच कराने के लिए अपनी हरी झंडी देंगे जिससे साहनी ने पुलिस कप्तान को जो शिकायती पत्र सौंपा था उसका हर सच सबके सामने आ सके?
उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून के रेसकोर्स मे रहने वाले प्रसिद्ध बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी को एक हसमुख और गंभीर व्यक्ति माना जाता था और उनका कभी भी किसी के साथ विवाद रहा हो ऐसा कभी देखने को नहीं मिला। वहीं जब सतेंद्र सिंह साहनी ने अनिल कुमार गुप्ता के साथ छह सौ फ्लैट बनाने का एक समझौता किया और उसमे अनिल गुप्ता ने 85 प्रतिशत पैसा लगाने के लिए साहनी के साथ वायदा किया था। इस बडे प्रोजेक्ट मे अचानक जब अजय कुमार गुप्ता की रहस्यमय एंट्री हुई तो सतेंद्र सिंह साहनी व उसके पार्टनर संजय गर्ग ने इस पर अपनी नाराजगी प्रकट की और कहा कि उनका समझौता अनिल कुमार गुप्ता से हुआ है इसलिए वह अजय कुमार गुप्ता से कोई डिलिंग नहीं करेंगे। एक शांत स्वभाव के बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी को जब गुप्ता बंधुओं ने अपनी पहुंच का डर उन्हें दिखाना शुरू किया तो वह लम्बे समय से भय मे रहने के लिए मजबूर हो रहे थे क्योंकि उन्हें इस बात का इल्म था कि गुप्ता बंधुओं की पॉवर के आगे वह टिक नहीं पायेंगे? चंद दिन पूर्व अचानक गुप्ता बंधुओं के डर मे जी रहे सतेंद्र सिंह साहनी को जब अपने परिवार के जीवन पर संकट खडा होने की आशंकायें पनपने लगी तो उन्होंने आत्महत्या करने का आत्मघाती कदम उठाकर राजधानीवासियों को हैरान कर दिया। सतेंद्र सिंह साहनी ने सुसाईट नोट मे अपने मन के अन्दर छिपे भय को कागज पर अंकित किया और उन्होंने अनिल कुमार गुप्ता व अजय कुमार गुप्ता को अपनी मौत का जिम्मेदार बताकर एक बडी सनसनी फैला दी थी।
सुसाईट नोट मे गुप्ता बंधुओं के नाम सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और डीजीपी अभिनव कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और जनपद के पुलिस कप्तान अजय सिंह ने गुप्ता बंधुओं को पूछताछ के लिए हिरासत मे लेकर उन्हें आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले मे गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया। प्रसिद्ध बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी की जिस रूप मे मौत हुई है उससे शहर के लोग रो रहे हैं और उनके मन मे इस बात को लेकर भी बडा गुस्सा है कि एक शांतप्रिय इंसान को जिस तरह से गुप्ता बंधुओं ने अपनी ताकत के बल पर सतेंद्र सिंह साहनी को डरा-डरा कर उसे मौत चुनने के लिए आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर कर दिया उसके चलते इस पूरे राज से पर्दा उठना चाहिए। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को राज्य का धाकड़ मुख्यमंत्री माना जाता है और उन्होने जिस तरह से राजधानी के एक पॉवरफुल प्रोपर्टी डीलर सुधीर विंडलास के खिलाफ सीबीआई जांच कराने के लिए अपनी ताल ठोकी थी और उसके बाद उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था उसी तर्ज पर क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुप्ता बंधु प्रकरण की जांच सीबीआई के हवाले करने को हरी झंडी देंगे इस पर अब गेंद उनके पाले मे नजर आ रही है क्योंकि राजधानी का आवाम इस सारे खतरनाक खेल का सच जानना चाह रहा है?

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