यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा हमारी जिम्मेदारी

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देहरादून। उत्तराखण्ड मे उत्साह के साथ चल रही चारधाम यात्रा मे देशभर से लाखों श्रद्धालुओं का सैलाब धामों मे उमड़ा हुआ है और उसी के चलते मुख्यमंत्री ने यात्रा को सुगम एंव सुरक्षित बनाने के लिए अपनी टीम के साथ मोर्चा संभाल रखा है वहीं पिछले कुछ दिनों से डीजीपी भी चारधाम मे यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए वहां डटे हुये हैं और वह हर धाम मे जाकर वहां की सुरक्षा व्यवस्था को परखने के मिशन मे आगे बढ़े हुये हैं। बद्रीनाथ धाम मे व्यवस्थाओं को परखने के लिए डीजीपी अफसरों के साथ वहां पहुंचे और उन्होंने श्रद्धालुओं की धामो मे दिखाई दे रही उत्सुकता और जोश को देखते हुए वहां सुगम यात्रा कराने और बेहतर दर्शन कराने के लिए अफसरों को आदेश दिये और यह भी साफ किया कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा उनकी जिम्मेदारी है।
आज डीजीपी अभिनव कुमार ने यात्रा को देखते हुए बद्रीनाथ में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया और जनपद के पुलिस कप्तान को कई टिप्स दिये और उन्हें यह भी संदेश दिया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उनको बेहतर दर्शन कराना पुलिस महकमे की बडी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वह दोपहर बाद यहां पहुंच गये और अत्यधिक भीड़ को देखते हुए रास्ते में टैऊफिक रोकने की जरूरत पडी और तीस से पैंतीस हजार की और टैऊफिक प्लान लागू किया गया है। उन्होंने बताया रात नौ बजे एक किलोमीटर से कम की श्रद्धालुओं की लंबी लाईन लगी थी और सुबह भी डेढ किलोमीटर की श्रद्धालुओं की लाईन लगी थी और यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा हमारी जिम्मेदारी है और सभी तीर्थ यात्रियों से अनुरोध किया है कि पंजीकरण कर ही आये। उन्होंने कहा कि जगह जगह भीड का अत्यधिक दवाब और जगह जगह रास्ते में टैऊफिक को रोका गया है और उन्होंने कहा कि यात्री पुलिस को सहयोग दे और उत्तराखंड पुलिस, सिविल पुलिस एसडीआरएफ व अन्य बलों के जवान भी यहां पर तैनात किये गये है और जिला प्रशासन सरकार व पुलिस सभी मिलकर आगे की यात्रा को सकुशल संपन्न करायेंगें। डीजीपी ने विषम परिस्थितियों मे ड्यूटी कर रहे जवानों की हौसला अफजाई करते हुए निर्देशित किया कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु हमारे अतिथि के समान हैं हमें अतिथि देवो भव: की भावना के साथ यात्रियों की सुरक्षा एवं सहयोग करते हुए बद्रीनाथ धाम मे श्रद्धालुओं का सहभागी बनकर उन्हें सुव्यवस्थित एवं कतारबद्ध तरीके से हरी के दर्शन कराकर उनकी सुखद यात्रा सम्पन्न करानी है। डीजीपी ने कहा कि श्रद्धालुओं के साथ मधुर एवं विनम्र व्यवहार कर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करना है। बुजुर्ग, दिव्यांग और बीमार श्रद्धालुओं के लिए मन्दिर समिति के सदस्यों से समन्वय स्थापित कर उन्हें सुगमता से दर्शन करायें। डीजीपी ने कहा कि इस यात्रा को यादगार और शांतिपूर्ण बनाने के लिए श्रद्धालु पुलिस का सहयोग करे। डीजीपी ने चारधाम यात्रा के दृष्टिगत सीजन डयूटी पर नियुक्त जनपद व बाहरी जनपदों से आये पुलिस बल के ठहरने हेतु आवासीय बैरिक, बिजली, पानी व शौचालयों का हाल भी देखा।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से डीजीपी अभिनव कुमार चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को परखने के लिए वहां डेरा डाले हुये हैं और हर धाम मे जाकर वह वहां की सुरक्षा प्रणाली को परख रहे हैं और अफसरों को साफ संदेश दे रहे हैं कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित यात्रा कराना उनका पहला कर्तव्य है और हर पुलिसकर्मी श्रद्धालु के साथ अतिथि देवो भव: की थीम पर काम करे जिससे चारधाम यात्रा मे दर्शन करने वाले श्रद्धालु जब अपने राज्य मे जायें तो वह यह संदेश दें कि उत्तराखण्ड सरकार और वहां का प्रशासन उन्हें सुगम और सुरक्षित यात्रा कराने के लिए खुद आगे खडा था।

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