आस्था पथ पर जाने वाले श्रद्धालुओं से शैतानों का छल

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सीएम की सख्ती से बेनकाब हुये धोखेबाज
प्रमुख संवाददाता
उत्तरकाशी/देहरादून। उत्तराखण्ड मे चारधाम यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए मुख्यमंत्री ने एक बडे विजन के तहत सिस्टम के आला अफसरों को मैदान मे उतारा है तो वहीं डीजीपी ने भी चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के पंजीकरण को चेक करने के लिए सडकों पर पुलिस बल को उतार दिया है और इसी के चलते पुलिस ने यात्रा मे आने वाले श्रद्धालुओं के पंजीकरण को परखने का ऑपरेशन शुरू कर दिया है। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम पर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की उमड रही भीड को देखते हुए यात्रियों को बिना रजिस्ट्रेशन की तिथि से पूर्व यात्रा न करने का संदेश दिया है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर रजिस्ट्रेशन सेंटर पर जब दो यात्री बसों को रोककर उनके रजिस्ट्रेशन को चेक किया गया तो उनकी रजिस्ट्रेशन तिथि फर्जी पाई गई। आस्था पथ पर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ हरिद्वार के दो टूर ऑपरेटर उनके लिए शैतान बने जिन्होंने श्रद्धालुओं के साथ छल कर रजिस्ट्रेशन मे ही फर्जीवाडा कर सरकार को धोखा देने का दुसाहस किया है उनके खिलाफ पुलिस मे संगीन धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह यात्रा करने के लिए पहले अपना पंजीकरण करायें और पंजीकरण तिथि पर ही वह यात्रा करने के लिए धाम पर आये जिससे उन्हें यात्रा करने मे किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई न हो। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम पर जिस तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है उसके चलते मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया हुआ है और उनकी सख्ती का ही परिणाम है कि दो बसों मे जब आस्था के पथ पर जा रहे दर्जनों श्रद्धालुआंे को फर्जी रजिस्ट्रेशन थमाया गया तो उससे वो दो शैतान बेनकाब हो गये जिन्होंने सरकारी दस्तावेजों में कूट रचना कर सिस्टम के खिलाफ साजिश रचने मे भी अपने आपको आगे खडा कर दिया है।
दस मई से उत्तराखण्ड मे चारधाम यात्रा शुरू हो रखी है और गंगोत्री व यमुनोत्री धाम मे दर्शन करने के लिए भीड़ का सैलाब आये दिन उमड़ रहा था उसको देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने साफ संदेश दिया था कि धाम मे आने वाले श्रद्धालु यात्रा के लिए अपना पंजीकरण करायें और तय तिथि पर ही वह धाम मे दर्शन करने के लिए आयें। वहीं मुख्य सचिव राधा रतूडी और डीजीपी अभिनव कुमार ने भी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह बिना पंजीकरण कराये यात्रा करने के लिए न आये क्योंकि ऐसा करने से यात्रा मार्ग पर अव्यवस्थायें फैल सकती है और उससे सुगम यात्रा मे उन्हें कठिनाई हो सकती है। चारधाम यात्रा मे आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सरकार ने पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी दो टूक कहा है कि यात्रा मे आने वाले श्रद्धालुओं के साथ कोई भी साइबर अपराधी या कोई धोखेबाज उनके साथ कोई छल न कर पाये। मुख्यमंत्री के आदेश पर डीजीपी ने भी चारधाम यात्रा मार्ग पर पुलिस महकमे को अलर्ट कर रखा है और साफ संदेश दे दिया है कि जो श्रद्धालु बिना पंजीकरण कराये यात्रा करने के लिए आ रहे हैं उन्हें वापस भेज दिया जाये। मुख्यमंत्री और डीजीपी ने सख्ती के साथ अपने मिशन को धरातल पर उतारने का ऑपरेशन शुरू कर रखा है और केदारनाथ धाम मे आने वाले श्रद्धालुओं का राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंजीकरण चेक करने का सिलसिला शुरू हो गया है। पुलिस कप्तान रूद्रप्रयाग ने साफ कहा है कि बिना पंजीकरण यात्रा कर रहे यात्री वाहनों की जनपद के केदारनाथ धाम जाने वाले मार्गों पर एंट्री बंद रहेगी। उन्हांेने कहा कि देखने मे आया कि बिना पंजीकरण के काफी श्रद्धालु केदारनाथ धाम आ रहे थे लेकिन उन्हें चैकिंग प्वाइंट पर रोककर उन्हें वापस भेज दिया गया। वहीं उत्तरकाशी के पुलिस कप्तान अर्पण यदुवंशी ने बताया कि श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल, सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए लगातार पुलिस काम कर रही है और कोई भी यात्रि बिना रजिस्ट्रेशन व रजिस्ट्रेशन की तिथि से पूर्व और बाद मे न आये। कप्ताने ने कहा कि श्रद्धालु किसी भी जालसाज के बहकावे मे न आये। पंजीकरण सेंटर मे लगातार चैकिंग की जा रही है यदि किसी का पंजीकरण फर्जी पाया जाता है तो उन्हें किसी भी दशा मे यात्रा नहीं करने दी जायेगी उन्हें वहीं से वापस लौटा दिया जायेेगा और फर्जी पंजीकरण के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल मे लाई जायेगी। पुलिस कप्तान ने बताया कि जब गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर चैकिंग के दौरान दो यात्री बसों की रजिस्ट्रेशन की तिथि चेक की गई तो वह फर्जी पाई गई। बस मे सवार 88 श्रद्धालुओं ने बताया कि हरिद्वार से टिंकू व माटू नाम के दो टूर ऑपरेटरों द्वारा उनके रजिस्ट्रेशन मे फर्जीवाडा कर उनके साथ छलावा किया है। पुलिस ने उनके खिलाफ संगीन धाराओं मे मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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