देहरादून। डीजीपी ने उत्तराखण्ड में बच्चों से करायी जा रही भिक्षावृत्ति, बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की रोकथाम, बच्चों को अपराध में संलिप्त होने से रोकने एवं उन्हें शिक्षा के लिए ÓÓऑपरेशन मुक्तिÓÓ अभियान चलवाया और इस अभियान में पुलिस ने 378 बच्चों को विद्यालय में दाखिला दिलाया और जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि उत्तराखण्ड में बच्चों से कोई भी गैंग भिक्षावृत्ति नहीं करा रहा है। उल्लेखनीय है कि डीजीपी अभिनव कुमार के आदेश पर समस्त जनपदों में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा उक्त अभियान को चलाया गया। रेलवेज में भी एक टीम का गठन कर अभियान को चलाया गया। इस अभियान में अन्य सम्बन्धित विभागों/स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया गया। अभियान जनपद के मुख्य-मुख्य स्थान जहां बच्चों द्वारा द्वारा भिक्षावृत्ति की जाती है, पर अभियान को चलाया गया, जिसमें भिक्षावृत्ति/कूड़ा बीनने/गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में लिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर उनका विद्यालयों में दाखिला कराये जाने हेतु कार्यवाही की गयी। स्कूल-कॉलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहों, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों आदि स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाकर छात्र-छात्राओं व जनता को जागरूक किया गया।
इस अभियान में भिक्षा मांगने/कूड़ाबीन ने/गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में लगे कुल 892 बच्चों का सत्यापन किया गया, सत्यापन किये गये 892 बच्चों में से कुल 378 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला कराया गया, अन्य बच्चों के विद्यालयों में दाखिला कराये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। अभियान के दौरान बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने वाला कोई गैंग प्रकाश में नहीं आया। अभियान के दौरान बाल श्रम करते पाये गये ०6 बच्चों को रेस्क्यू कर नियोजकों के विरूद्ध ०2 अभियोग तथा भिक्षावृत्ति करते पाये गये ०8 व्यक्तियों के विरूद्ध ०2 अभियोग पंजीकृत कराये गये। वर्ष 2०17 से अब तक 8562 बच्चों का सत्यापन किया जा चुका है तथा 3981 बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराया गया है। डीजीपी का ऑपरेशन मुक्ति अभियान राज्य के अंदर रंग लाया और भिक्षा व गुब्बारे बेचने वाले मासूमों का स्कूलों में दाखिला कराया तो उनके चेहरों पर भी एक नई मुस्कान दिखाई दी।