अपराधियों के मन में अजय का ‘डरÓ

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में तेइस सालों से पनपते आ रहे अपराधियों, माफियाओं, आतंकवादियों, आईएसआई एजेंट, नशा तस्करों, अंडरवल्र्ड के कुख्यातों को राज्य में न पनपने देने का संकल्प लिया हुआ है और उन्होंने 2०25 तक उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने का वचन आवाम को दिया हुआ है। राजधानी में अपराधियों, नशा तस्करों के नेटवर्क को नेस्तनाबूत करने के लिए पुलिस कप्तान ने ऐसा सुरक्षा चक्र बनाया है जिसे बदमाश और नशा तस्कर भेद पाने में कभी भी सफल नहीं हो पायेंगे। बाहरी राज्यों के अपराधियों को अब यह दिखाई देने लगा है कि अगर उन्होंने राजधानी में अपराध करने का दुसाहस किया तो उनका काल से सामना होना तय है। अब अपराधियों और नशा तस्करों के मन में अजय का बडा डर देखने को मिल रहा है और उन्होंने मुख्यमंत्री और डीजीपी के अपराधमुक्त उत्तराखण्ड के संकल्प को सच करने की दिशा में जिस तेजी के साथ अपने कदम आगे बढा लिये हैं उससे राजधानीवासियों को सकून हो रहा है कि अब उनका शहर शांत रहेगा और अगर किसी ने अपराध करने का दुसाहस किया तो उसे वही दंड मिलेगा जिसकी उन्होंने शायद कल्पना नहीं की होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड से अपराध का सर्वनाश करने का ऐलान कर चुके हैं और उन्होंने उत्तराखण्ड के अन्दर अपराधियों, माफियाओं व नशा तस्करों की नाक में नकेल डालने की जिम्मेदारी डीजीपी अभिनव कुमार को सौंप रखी है। राजधानी में अपराधियों के अपराध करने के दुसाहस के पन्ने पलटने से पता चलता है कि राजधानी में अपराधियों और माफियाओं के साथ नशा तस्करों ने किस तरह से अपना नेटवर्क अभेद बना लिया था और वह बडे से बडा अपराध करने से भी भयभीत नहीं होते थे। मुख्यमंत्री के बारे में आम राय है कि उनका रूप आवाम के सामने फ्लावर है तो अपराधियों, माफियाओं और नशा तस्करों के सामने उनका रूप हमेशा फायर वाला ही दिखाई देता है। राजधानी के पुलिस कप्तान अजय सिंह जिन्होंने एसटीएफ और हरिद्वार जनपद में रहते हुए अपराधियों और माफियाओं की नाक में नकेल डाली और अपराधियों ने जब भी पुलिस के साथ मुठभेड करने का दुसाहस किया तो पुलिस ने भी जवाबी कार्यवाही कर बदमाशों को गोली मारकर घायल किया।
राजधानी में अपराधियों, नशा तस्करों के नेटवर्क को पूरी तरह से नेस्तनाबूत करने के लिए पुलिस कप्तान ने बडा सुरक्षा चक्र तैयार किया हुआ है और उस सुरक्षा चक्र को किसी भी अपराधी ने भेदने का दुसाहस किया तो उसका काल से आमना-सामना हो गया और अपराधियों को समझ में आ गया कि अजय के राज में अपराध करना नामुमकिन है। पिछले कुछ महीनों में देखने को मिला कि जब भी किसी अपराधी ने बाहरी राज्य से आकर राजधानी में अपराध करने का दुसाहस किया और पुलिस को चुनौती दी तो पुलिस व अपराधियों के बीच विकासनगर, मसूरी, कोतवाली, क्लेमंटाउन में आमने-सामने की मुठभेड हुई जिसमें सभी अपराधियों के पैरों में गोली लगी और उनके मन में इस बात को लेकर एक बडा डर बन गया कि किसी भी अपराध के बाद खुद पुलिस कप्तान अजय सिंह अपराधियों की खोज में टीम के साथ निकल पडते हैं। मुख्यमंत्री और डीजीपी के अपराधमुक्त उत्तराखण्ड के संकल्प को जिस तरह से अजय सिंह सच करने में जुटे हुये हैं उससे राजधानीवासियों के मन में एक आशा की किरण जाग गई है कि उनकी राजधानी अब अपराधमुक्त जरूर हो जायेगी।

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