धाकड़ धामी का धाकड़ दो साल का कार्यकाल

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संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के युवा मुख्यमंत्री ने जब सत्ता संभाली तो उनका पहला साल आवाम के सामने करिश्माई था और उसी के चलते उत्तराखण्ड से लेकर देशभर में वह एक धाकड़ मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पहचान बना गये। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सखा पुष्कर सिंह धामी को देश-विदेश में बडी पहचान दिलाने के लिए इंवेस्टर समिट में जिस तरह से अगली पक्ति में खडा किया उससे देश और दुनिया में मुख्यमंत्री की सोच का खूब डंका बजा और मुख्यमंत्री ने लाखों करोड के निवेश के लिए बाहरी उद्योगपतियों को उत्तराखण्ड के अन्दर आने का न्यौता दिया और इस न्यौते का देश-विदेश के उद्योगिक धरानों ने खूब स्वागत किया और राज्य में उद्योग लगाने के लिए उन्होंने अपनी सहमति दे दी। मुख्यमंत्री का दूसरा साल एतिहासिक रहा जिसमें उन्होंने बडे-बडे फैसले दिलेरी के साथ लिये और देश-दुनिया में संदेश दिया कि अब उत्तराखण्ड विकास की नई उडान पर उड चला है और यह उडान अब खत्म नहीं होगी। धामी सरकार के अद्भूत दो साल से राज्य की जनता गदगद नजर आ रही है और उन्हें इस बात का इल्म हो चुका है कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री आने वाले समय में राज्य को आदर्श राज्य बनाने की दिशा में सफलता की आखिरी सीढी पर चढ जायेंगे।
उत्तराखण्ड की सत्ता दो साल से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संभाल रखी है उन्होंने अपने शुरूआती साल में राज्य के अन्दर एक से एक धाकड फैसले लेकर अपने एक साल के शासनकाल को आवाम के बीच करिश्माई बनाया और उसी के चलते वह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक पाठशाला में अव्वल आये। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की स्वच्छ और पारदर्शी सत्ता चलाने की शैली को भांपकर उन्हें अपना सखा और मित्र बना लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बडी दिलेरी के साथ राज्य के अन्दर नकल विरोधी कानून बनाकर नकल माफियाओं की नाक में नकेल डालने का जो साहस दिखाया उसके चलते युवा पीढी के मन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यशैली को लेकर एक बडा विश्वास पैदा हुआ। नकल माफियाओं को एक के बाद एक सलाखों के पीछे पहुंचाकर अपनी मेहनत से सरकारी नौकरियों में आने का ख्वाब देखने वाले हजारों युवाओं के सपनों को मुख्यमंत्री ने पूरा किया।
विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के अन्दर यूसीसी को लागू करने का वचन दिया था और इस वचन को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने एक कमेटी का गठन किया और देश में वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गये जिन्होंने विधानसभा में यूसीसी बिल को पास कराकर देश-विदेश में अपने नाम का डंका बजा दिया। यूसीसी पर देश के प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के दिग्गज नेताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी की खूब पीठ थपथपाई और उन्हें इस बात का इल्म हो गया कि मुख्यमंत्री एक बडे विजन के साथ उत्तराखण्ड को आगे ले जा रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री ने ग्लोबल इंवेस्टर समिट आयोजित कराई और मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी को देश और दुनिया में इंवेस्टर समिट में शामिल होने के लिए चुना जिसके बाद मुख्यमंत्री ने देश और विदेश में मौजूद बडे-बडे उद्योग धरानो के साथ मंथन और चिंतन कर उत्तराखण्ड में लाखों करोड का निवेश कराने के लिए उन्हें राजी किया और उसी के चलते आने वाले समय में उत्तराखण्ड के अन्दर लाखों करोड का निवेश आने से राज्य हर तरफ विकास की नई पटकथा लिखता हुआ नजर आयेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने अपनी धाकड़ सोच के चलते राज्य में पनपते आ रहे लव और लैंड जिहाद पर बडा प्रहार किया और लैंड जिहाद का नेटवर्क तोडने के लिए उन्होंने जिस साहस का परिचय दिया उससे राज्य की जनता मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी की धाकड सत्ता चलाने की शैली को बार-बार सैल्यूट कर रही है।
उत्तराखण्ड के अन्दर युवा पीढी को मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने अपने दूसरे साल के कार्यकाल में जिस तेजी के साथ सरकारी नौकरियों में समायोजित करने का सिलसिला शुरू किया उससे युवा पीढी मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी की कायल होती चली गई। उत्तराखण्ड के अन्दर नशा, खनन माफियाओं पर नकेल लगाने के लिए उन्होंने जिस रणनीति के तहत काम किया उसके चलते राज्य के अन्दर माफियाओं का धमड चूर होता चला गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में भ्रष्टाचार और घोटाले करने वाले बडे-बडे जालसाजो को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाकर अपनी मंशा साफ कर रखी है कि उनके राज में अब जालसाजों का कोई काम नहीं है। मुख्यमंत्री ने राजधानी के रजिस्ट्रार कार्यालय में हुये बडे फर्जीवाडे की परतें उखेडकर जिस तरह से बडे-बडे धोखेबाजों को सलाखों के पीछे पहुंचाया वह मुख्यमंत्री की दिलेरी को दर्शा गया।
राजधानी में जमीनों में वर्षों से फर्जीवाडा कर बडा खेल खेलने वाले सुधीर विंडलास के धमंड को भी मुख्यमंत्री ने चूर-चूर किया और सीबीआई ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया तो यह साफ दिख गया कि मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी बडी-बडी पहुंच रखने वालों को भी आईना दिखाने से पीछे नहीं हट रहे और यही कारण है कि आज उनके दो साल के कार्यकाल को एतिहासिक माना जा रहा है और उसी के चलते भाजपा को उत्तराखण्ड के अन्दर पांचो लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की जीत का पूरा भरोसा नजर आ रहा है।

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