उत्तराखण्ड़ में राजनीतिक उठा-पठक

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री राजनीति के इतने बडे चाणक्य बन चुके हैं कि कांग्रेस के दर्जनों राजनेता लोकसभा चुनाव से पूर्व उनका दामन थामने के लिए तेजी के साथ आगे बढ़ आये और उन्होंने कांग्रेस को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। चौबीस घंटे पूर्व कांग्रेस के दो एक्स विधायकों ने कांग्रेस को झटका देते हुए मुख्यमंत्री में अपनी आस्था दिखाते हुए भाजपा में एंट्री करा ली और आज बद्रीनाथ से कांग्रेसी विधायक राजेन्द्र भण्डारी ने कांग्रेस का दामन छोडकर भाजपा में अपनी एंट्री दिल्ली में मौजूद मुख्यमंत्री और भाजपा के नेताओं के सामने करा ली। राजेन्द्र भण्डारी ने जैसे ही कांग्रेस का दामन छोडकर भाजपा में अपनी एंट्री कराई उससे यह शोर भी मचने लगा कि कहीं अगली बारी कांग्रेस के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की तो नहीं है जिनके बारे में लम्बे समय से आशंकायें व्यक्त की जा रही हैं कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं?
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी धाकड़ रणनीति से विपक्ष को भी अपना बना रखा है? कांग्रेस के काफी नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यशैली को लेकर लम्बे समय से उनका हाथ थामने के मंथन पर काम करते रहे और चुनाव से पूर्व कांग्रेस के काफी नेताओं ने जिस तरह से एक के बाद एक कांग्रेस छोडकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी में अपनी आस्था दिखाई है वह किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मात्र छह माह की सत्ता संभालने के बाद अपनी चाणक्य नीति से एक बार फिर भाजपा को सत्ता में लाकर खडा करने का जो हुनर दिखाया था उससे राज्य की जनता और कांग्रेस के कुछ नेता उनकी राजनीति के कायल हो रखे हैं। अभी बीते रोज कांग्रेस के दो पूर्व विधायक विजय पाल सजवाण और मालचंद ने कांग्रेस छोडकर भाजपा में अपनी एंट्री कराई ही थी कि कांग्रेस खेमे में एक बडी हलचल मच गई थी। इन दो पूर्व विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद यह चर्चाएं उफान पर थी कि कांग्रेस के कुछ और बडे नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड की पांचो लोकसभा सीटों पर चुनावी रणभूमि की पटकथा लिखने के लिए पिछले दो दिन से दिल्ली में भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ मंथन और चिंतन कर रहे हैं और कांग्रेस के कुछ नेता दिल्ली में ही मुख्यमंत्री में आस्था दिखाने के लिए पहुंच गये और उनमें बद्रीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेन्द्र भण्डारी भी एक हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री से भविष्य की राजनीति को लेकर चिंतन-मनन किया और उसके बाद उन्होंने कांग्रेस से त्याग पत्र देते हुए दिल्ली में ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पौडी से सांसद प्रत्याशी अनिल बलूनी व एक बडे भाजपा नेता के सामने अपनी एंट्री करा ली। उत्तराखण्ड में आज हुई इस बडी उठा-पटक से जहां भाजपा पौडी संसदीय सीट पर पॉवरफुल हुई है तो वहीं कांग्रेस को बडा झटका लगा है। बद्रीनाथ सीट पौडी गढवाल संसदीय क्षेत्र में आती है और यहां से भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी पार्टी के प्रत्याशी हैं। बता दें कि राजेन्द्र भण्डारी हरीश रावत सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं और दो बार कांग्रेस व एक बार निर्दलीय बद्रीनाथ सीट से वह चुनाव जीत चुके हैं।
आज जिस तरह से बद्रीनाथ से कांग्रेस विधायक राजेन्द्र भण्डारी ने भाजपा का दामन थामा है उसे देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर भी अब उंगलियां उठना तय है कि वह पार्टी नेताओं को एकसाथ रख पाने में आखिर क्यों नाकाम हो रहे हैं?

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