नई उडान भरता ‘सुल्तान’

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तो आवाम ने अपने सुल्तान का पन्द्रह साल के लिए कर दिया राजतिलक!
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड को तेइस साल बाद राजनीति मंे एक ऐसा सुल्तान मिला है जिसने अपने चंद सालों के कार्यकाल में विकास की नई उडान भरते हुए यह साबित कर दिया कि अगर किसी राजनेता में इच्छाशक्ति हो तो कोई भी काम असम्भव नहीं है। उत्तराखण्ड के सुल्तान बने मुख्यमंत्री ने अपने अब तक के कार्यकाल में हमेशा राज्य के चप्पे-चप्पे में जाकर वहां विकास योजनाओं को नया आयाम दिया और युवा पीढी के साथ-साथ मातृशक्ति को साथ लेकर चलने का जो जुनून पाला उसी का परिणाम है कि आज हर तरफ धामी को विकास पुरूष का सरताज माना जा रहा है। अहंकार की राजनीति करने वाले राजनेताओं को मुख्यमंत्री ने आईना दिखा रखा है क्योंकि उन्हांेने अपने अब तक के कार्यकाल मंे सरल स्वभाव से सत्ता चलाने का पैमाना तय किया और वह राज्यभर में आवाम के दिलों में ऐसे बस गये जैसे समूचे देश के अन्दर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बसे हुये हैं। बेदाग छवि के मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के विकास को जो नई उडान भरने का जज्बा दिखा रखा है उससे उत्तराखण्ड गुलजार नजर आ रहा है और जो माफियातंत्र उत्तराखण्ड में अपने आपको बाहुबली समझने का भ्रम पालते थे आज पुष्कर राज मंे उनका भ्रम चकनाचूर हो चुका है। मुख्यमंत्री के रोड-शो में आवाम का सडकों पर उतर रहा हुजूम यह दर्शा रहा है कि आवाम ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना राजनीतिक सुल्तान मानकर उनका पन्द्रह साल के लिए राजतिलक कर दिया है।
उत्तराखण्ड बनने के बाद राज्य के किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने आपको जनसेवक के रूप मंे आवाम के सामने पेश नहीं किया और वह आवाम से हमेशा दूरी बनाकर चलने में ही विश्वास करते थे जिससे आवाम अपना दर्द उन्हें बताने में कभी कामयाब नहीं हो पाये थे जिसके चलते आवाम और सरकार के बीच हमेशा दूरियां देखने को मिलती थी। उत्तराखण्ड की जनता सभी सरकारों से इतनी नाराज रहती थी कि पांच साल बाद वह सत्ता परिवर्तन करने के लिए आगे आ जाती थी जिससे साफ संदेश मिलता था कि सत्ता में रहने वाली सरकार आवाम का दिल जीतने में नाकाम रही है? वहीं भाजपा हाईकमान ने 2021 में होनेे वाले विधानसभा चुनाव से मात्र छह माह पूर्व युवा राजनेता पुष्कर सिंह धामी को सत्ता की कमान सौंपी तो उन्होंनेे इस अल्प कार्यकाल में आवाम का दिल जीतने का जो हुनर दिखाया था उसी के चलते वह सरकार बनाने मंे कामयाब हो गये थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की स्वच्छ राजनीतिक सोच को देख देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुष्कर ंिसह धामी को अपना सखा और छोटा भाई मानकर उत्तराखण्ड को 2025 तक आदर्श राज्य बनाने का वचन दिया और उस वचन का पालन करने के लिए नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्री पुष्कर ंसिह धामी की झोली में आये दिन विकास की बडी-बडी योजनायें डालकर उन्हें आवाम का सुल्तान बनाने की दिशा में आगे बढ़ते चले गये। अपने अब तक के कार्यकाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बेदाग होकर सत्ता चला रहे हैं और विपक्ष के राजनेताओं को मुख्यमंत्री के विकास की नई उडान ने उनके अन्दर एक हलचल मचा रखी है और वह यह सोचने को मजबूर हैं कि पुष्कर के इस विकास से उनका राजनीतिक भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है? मुख्यमंत्री ने विकास को लेकर जो एक लम्बी लकीर हर रोज खींच रखी है उसे देखकर कांग्रेस के काफी राजनेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हाथ थामने की दिशा में तेजी के साथ आगे बढ़ते जा रहे हैं और उसके चलते राज्य के अन्दर कांग्रेस का कुनबा धीरे-धीरे ताश के पत्तों की तरह ढहता जा रहा है?
मुख्यमंत्री ने युवा और मातृशक्ति को साथ लेकर चलने का जो सिलसिला शुरू किया है उसके चलते वह आवाम की नजरों में विकास पुरूष का सेहरा अपने सिर पर बांध चुके हैं। युवा पीढी आज सरकारी नौकरियां पा रही हैं उससे युवाओं के मन में मुख्यमंत्री की राजनीतिक सोच उन्हें खूब रास आ रही है और वहीं मातृशक्ति भी स्वरोजगार में कामयाबी की जो सीढ़ी मुख्यमंत्री की रणनीति से चढ़ी हैं उससे वह मुख्यमंत्री को उत्तराखण्ड का सुल्तान मानकर पन्द्रह साल के लिए उनका सत्ता में बने रहने को अपने दिल से राजतिलक कर रही हैं?

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