यूसीसी पर धामी को शाह की शाबाशी

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देहरादून(संवाददाता)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के यूसीसी कानून लाने की तारीफ की और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जमकर शाबाशी दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड यूसीसी लाने वाला पहला भाजपा शासित राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि अब उत्तराखंड का यूसीसी बिल देश के दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बनेगा।
इस अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह का यूसीसी पर दिया गया बयान सोशल मीडिया में भी खूब वॉयरल हो रहा है। राजस्थान के जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड में यूसीसी लाने की तारीफ की है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आजाद भारत में सरदार पटेल, मौलाना आजाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू और राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि इस देश में यूसीसी होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसके लिए कुछ ने कोशिश की तो वोट बैंक की राजनीति आड़े आ गई। उन्होंने कहा कि वे यूसीसी नहीं लाए, क्योंकि वे अल्पसंख्यक वोट हासिल करने की कोशिश कर रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्री ने खुलकर कहा कि उत्तराखंड ऐसा करने वाला पहला भाजपा शासित राज्य बन गया, जिससे न केवल यूसीसी को मंजूरी दी, बल्कि कानून के रूप में लागू करने का संकल्प भी लिया है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने चुनाव के दौरान जनता से किया यूसीसी का वायदा संकल्प के साथ इस माह के प्रथम सप्ताह में समान नागरिक संहिता के बिल को विधानसभा में मंजूरी देकर पूरा किया है। अब बिल कानून बनने के लिए राष्ट्रपति को भेजा गया है। इसके अलावा यूसीसी कानून बनने के बाद इसके क्रियान्वयन को नियम और विनियम बनाने वाली समिति भी गठित कर दी है।
इस दौरान राष्ट्रपति से कानून बनने की स्वीकृति मिलने के बाद राज्य में यूसीसी कानून को प्रभावी रूप से पालन कराने का भी संकल्प लिया है। यूसीसी में कड़े प्रावधान शामिल किये गये है और जिसमें उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता में तलाक के लिए सभी धर्मों का एक कानून, तलाक के बाद भरण पोषण का नियम, गोद लेने के लिए, संपत्ति बटवारे में लड़की का समान हक, अन्य धर्म या जाति में विवाह करने पर भी लड़की के अधिकारों का हनन रोकने, सभी धर्मों में विवाह की आयु लड़की के लिए 18 वर्ष, लिव इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण जरूरी, एक पति पत्नी का नियम सब पर लागू होगा, बहुपत्नी प्रथा को समाप्त किया गया है। यानी सबके लिए एक समान कानून के प्रावधान यूसीसी में किये गए हैं।

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