प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हवाई सेवाओं का तेजी से लगातार विस्तार हो रहा है और गत कुछ वर्षों से हवाई यात्रा परिवहन का सस्ता, तेज एवं विश्वसनीय साधन होने के कारण लोगों में अत्यन्त लोकप्रिय बनी है। भारत अपनी पहली हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा (एचईएमएस) के लिए तैयारी कर रहा है, जिसे ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से 15० किलोमीटर के दायरे के अंतर्गत ‘संजीवनीÓ के तहत संचालित होगी। इस पहल का उद्देश्य हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके व्यापक आबादी तक चिकित्सा आउटरीच और आघात देखभाल सेवाओं का विस्तार करना है। केन्द्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बातचीत में उत्तराखण्ड हवाई अड्डे के लिए नए एकीकृत हवाई अड्डे के निर्माण की प्रगति की पुष्टि की। ‘संजीवनीÓ हेलीकॉप्टर सेवा लगभग बीस मिनट के नोटिस पर अस्पताल में पहुंच जाएगी और इसमें 15० किलोमीटर के दायरे में सेवा प्रदान होगी। इससे सरकार का इरादा स्पष्ट है कि हेलीकॉप्टरों की गति और गतिशीलता का उपयोग करके देशभर में व्यापक जनसंख्या आधार पर चिकित्सा पहुंच और आपात देखभाल सेवाओं तक पहुंच का विस्तार किया जाए। भारत सरकार की Óउड़े भारत का हर नागरिकÓ योजना के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बेहतर हवाई सेवा प्रदान की जा रही है। वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत 13 हेलीपोट्र्स का निर्माण सहस्त्रधारा, चिन्यालीसौड, गौचर, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, नई टिहरी, श्रीनगर, मसूरी, जोशीमठ, धारचूला, हरिद्वार में भी किया जा रहा है। उत्तराखण्ड धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की नेतृत्व वाली सरकार का लगातार प्रयास है कि श्रद्धालुओं व पर्यटकों को देवभूमि में आवागमन करने में प्रत्येक सुविधा मिले जिसमें हवाई सेवाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि प्रदेश के नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के अतिरिक्त भारतीय संस्कृति व परम्परा के अनुसार ‘अतिथि देवों भव:Ó के सिद्धांत का पालन करते हुए प्रदेश के बाहर के लोगों को भी सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे एक ओर जहां राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त हो रहा है, वहीं दूसरी ओर आम जनमानस को सरल एवं सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध करवाई जा रही है। इससे पूर्व राज्य में वर्ष 2०14 में मात्र एक हेलीपोर्ट था जो अब 1० हो चुके हैं और आने वाले समय में उड़ान 5.० तक राज्य में 21 हेलीपोर्ट बनाने का लक्ष्य रखा गया है। देवभूमि उत्तराखण्ड की आध्यात्मिक शक्ति सम्पूर्ण विश्व में अनूठी है। ये सब प्रधानमंत्री की दीर्घकालिक सोच के कारण ही सम्भव हो पाया है।