धर्म रक्षक धामी के राज में समानता का चलेगा कानून

0
65

देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखंड में धर्म, जाति, समुदाय के नाम पर राजनीति करने वालों के दिन लद चुके हैं। अब देवभूमि में सिर्फ धर्म रक्षक धामी का समानता का कानून चलेगा। इसके लिए पहले कठोर धर्मांतरण कानून और अब यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) के दायरे में रहना होगा। अन्यथा धामी राज में कानून तोडऩे वाले को कोई मोहलत नहीं मिलेगी। यह बात सरकार ने पहले लैंड जिहाद और अब हल्द्वानी में दंगा भड़काने वालों पर अमल में ला दी है। इससे सरकार ने साफ संदेश दे दिया कि उपद्रव मचाने वाले कौन और कितने मजबूत हैं, कानून की नजरों में न बचेंगे और न ही बख्शे जाएंगे। वहीं मुख्यमंत्री के आदेश पर बनभूलपुरा इलाके में चप्पे-चप्पे पर खाकी का पहरा बैठा दिया गया है और हर तरफ संदिग्धों और दंगाईयों की खोज का बडा ऑपरेशन शुरू हो चुका है। धाकड़ धामी के क्रोध से अब दंगाईयों को रूबरू होना पडेगा और उन्हें इस बात का इल्म हो जायेगा कि उन्होंने सिस्टम पर प्रहार करके जिस तरह से सरकार को ललकारने का दुसाहस किया है उसका बदला सरकार के मुखिया उन्हें नेस्तनाबूत करके ही शंात होंगे। उत्तराखंड की कमान युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों आने के बाद से माफियाओं, भ्रष्टाचारियों और कानून तोडऩे वालों पर लगातार कानून का चाबुक चल रहा है। सरकार ने कठोर नकलरोधी, धर्मांतरण कानून लाने के बाद समान नागरिक संहिता को मंजूरी दे दी है। इससे साफ है कि मुख्यमंत्री धामी सरकार में समाज, समुदाय और संविधान को तोडऩे वाले की कोई जगह नहीं है। गत दिवस हल्द्वानी के वनभुलपुरा में सरकारी जमीन कब्जा कर कानून तोडऩे की कोशिशें की गई। मुख्यमंत्री धामी के संज्ञान में मामला आया तो उन्होंने दंगाइयों से कड़ाई से निपटने के तत्काल निर्देश दे दिए। इससे पहले राज्य में सरकारी जमीनों पर बड़े होटल, दुकानें, घर आदि बनाने वालों पर भी धामी सरकार ने सख्ती से कार्रवाई की। इससे साफ है कि देवभूमि के धर्म रक्षक धामी सरकार में कानून किसी जाति, धर्म, पंथ को नहीं देखता, बल्कि कानून जिसने भी तोड़ा, उस पर कार्रवाई होती है। यही नहीं कानून तोडऩे वाले पर किसी भेदभाव से हटकर त्वरित कार्रवाई होती है। इसका प्रमाण लैंड जिहाद के खिलाफ पूर्व में हुई बड़ी कार्रवाई हैं। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि उत्तराखंड का स्वरूप बिगाडऩे और कानून तोडऩे का किसी को अधिकार नहीं है। कानून तोडऩे वाला कोई भी हो, कार्रवाई समान होगी। राज्य में समान नागरिक संहिता कानून को लाने का भी यही मकसद है।

LEAVE A REPLY