सडक दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने को डीजीपी अलर्ट

0
44

देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड के नये डीजीपी एक बडे विजन के साथ धरातल पर काम करते हुए नजर आ रहे हैं। उत्तराखण्ड के अन्दर सड़क दुर्घटनाओं का आंकडा देखने के बाद नये डीजीपी ने जब इसकी समीक्षा की तो यह बात उभर कर सामने आई कि सडक दुर्घटनाओं का मुख्य कारण ओवर स्पीड रहता है और अब उन्होंने सडक दुर्घटनाओं को रोकने लिए बडा प्लान तैयार करते हुए यातायात निदेशक को चार मैदानी जिलों में डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड लगाने का आदेश दिया तो उसके बाद यातायात निदेशक ने डिजिटल साइन बोर्ड लगाने के लिए हरी झंडी दे दी है। डीजीपी का साफ मानना है कि सडक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और पुलिस महकमा गम्भीर है और इसी के चलते अब चार मैदानी जिलों में डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड लगाने से सडक दुर्घटनाओं पर जरूर अंकुश लगेगा।
सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण ओवरस्पीड है जिसके कारण राज्य में कई सड़क दुर्घटनाएं घटित होती है। यातायात निदेशक मुख्तार मोहसिन द्वारा उक्त कारण का विश्लेषण करने के उपरान्त राज्य में गतिसीमा के निर्धारण के लिए जनपदों को निर्देशित किया गया तथा इसके साथ ही उपकरणों से गतिसीमा की चेतावनी हेतु राज्य में पहली बार प्रारम्भिक चरण में हाईटेक गतिसीमा बोर्ड (डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड) क्रय किये गये है। यातायात निर्देशालय द्वारा खरीदे गये डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड को लगाने के लिए चार मैदानी जिलों को चिन्हित किया गया है जिसमें देहरादून में तीन, हरिद्वार में तीन, उधमसिंहनगर में तीन और नैनीताल में एक बोर्ड लगाने को हरी झंडी दी गई है।
बता दें कि रडार स्पीड साइन बोर्ड गतिसीमा का एक हाईटेक उपकरण होता है जो सड़क पर लगाया जाता है ताकि वाहन चालकों को उनकी गाड़ी की गति की सूचना मिल सके। यह साइन बोर्ड रडार तकनीक का उपयोग करता है जो आगे आ रहे वाहनों की गति को मापने के लिए होती है। जब कोई वाहन इस साइन बोर्ड के पास से गुजरता है, तो उसकी गति साइन बोर्ड पर प्रदर्शित हो जाती है। जैसे अगर गति सीमा 2० निर्धारित की गई है तो यह 2० तक एम्बर लाईट ब्लिंक करेगा और अगर 2० से ऊपर किसी वाहन चालक की गति होगी तो यह लाल लाईट ब्लिंक करेगा । यह एक सुरक्षा उपाय के रूप में भी काम करता है क्योंकि यह वाहन चालकों को अपनी गाड़ी की गति को निर्धारित गति में रहने के लिए प्रेरित करता है और सुरक्षित गति चेतावनी प्रदर्शित करता है।
मुख्तार मोहसिन द्वारा बताया गया कि (डिजिटल स्पीड साईन बोर्ड) पर अपने वाहन की गति सीमा देखने के पश्चात वाहन चालकों पर एक मनौवेज्ञानिक दबाव आयेगा जिससे अगर उनके वाहन की रफ्तार अधिक होगी तो वह अपने वाहन की रफ्तार को स्वयं से कम कर लेंगे। इसके साथ ही यदि किसी वाहन में बच्चे उक्त बोर्ड को देखेगें तो वह अपने माता-पिता या संरक्षक को बतायेगे कि आपके वाहन की अधिक है या कम जिससे वह बच्चे भविष्य के लिए गति-सीमा के पालन हेतु प्रेरित होगे।

LEAVE A REPLY