दिलों पर राज करने लगे पुष्कर

0
100

देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड में जहां अधिकांश पूर्व मुख्यमंत्री सत्ता की हनक में अपने आपको आवाम का सरताज समझते थे वहीं युवा मुख्यमंत्री राज्य के अन्दर जनसेवक बनकर जिस तरह से उनकी उम्मीदों पर खरे उतर रहे हैं और बच्चे से लेकर बडे-बूढों को वह अकसर गले लगाकर उन्हें अपना परिवार मानकर उनके साथ खडे दिखाई दे रहे हैं उसी का परिणाम है कि मात्र दो साल के भीतर ही पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड के अन्दर लोकप्रिय मुख्यमंत्री बन गये हैं। महिलाओं को स्वरोजगार से जोडने की दिशा में मुख्यमंत्री ने जो बडी पहल कर रखी है उससे पहाड की महिलायें मुख्यमंत्री के सौम्य रूप को देखकर उन्हें खूब आशीर्वाद देती हुई नजर आ रही हैं और वह यह सोचने को मजबूर हो रखी हैं कि आखिरकार ऐसा मुख्यमंत्री उन्हें वर्षों पहले क्यों नहीं मिला? बडे इंवेस्टर के साथ-साथ राज्य के छोटे कामगार लोगों के साथ हमेशा मुख्यमंत्री खडे हुये नजर आ रहे हैं और वह पहाडी उत्पादों को बडे बाजार की तरफ ले जाने में अब तक सफलता की जो सीढी चढे हैं उससे पहाड की महिलाओं के मन में मुख्यमंत्री को लेकर जो एक नई उम्मीद जागी है उसके चलते उत्तराखण्ड के अन्दर यह बात उठने लगी है कि जिस राज्य में दिल जीतने वाला मुख्यमंत्री होता है वह राज्य हमेशा सफलता की सीढी पर तेजी के साथ आगे बढता जाता है।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भले ही राजनीति में उम्र दराज न रहे हों लेकिन उन्होंने सत्ता चलाने के लिए जिस मंत्र को धारण किया और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बताये रास्ते पर वह आगे बढने लगे तो उसके चलते वह मात्र दो साल के भीतर ही उस उत्तराखण्ड की जनता का दिल जीतने में कामयाब हो गये जहां आज तक कोई भी पूर्व मुख्यमंत्री नहीं पहुंच पाया था। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी दो साल से सत्ता चला रहे हैं और वह आवाम के बीच जाकर जिस तरह से अपने आपको जनसेवक के रूप में खडा करते हैं उस रूप को देखकर राज्यवासियों के मन में एक खुशी की लहर दौड रही है कि उनका युवा मुख्यमंत्री सौम्य रूप से आवाम के दिलों में किस तरह से राज करने लगा है। उत्तराखण्ड के किसी भी जनपद में जब मुख्यमंत्री का दौरा होता है तो वहां बच्चे, बूढे और महिलायें उनके स्वागत में खडे हुये नजर आते हैं उसे देखकर अपने आप अंदाजा लगाया जा सकता है कि दो साल के भीतर ही पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री बन गये हैं।
पुष्कर ंिसह धामी वो मुख्यमंत्री नहीं है जो अपने आपको बेस्ट मुख्यमंत्री का दर्जा दिलाने के लिए किसी संगठन के मोहताज हों बल्कि वह अपनी स्वच्छ और पारदर्शी कार्यशैली से उत्तराखण्ड की जनता के बेस्ट मुख्यमंत्री बनकर जिस तरह से आवाम के बीच उभरे हैं उससे साफ झलक रहा है कि अब अगला दशक उत्तराखण्ड का होगा क्योंकि जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पुष्कर ंिसह धामी एक साथ उत्तराखण्ड को विकास की नई उडान पर ले जाने के लिए आगे बढ रहे हैं तो उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि डबल इंजन सरकार अब उत्तराखण्ड को एक नया उत्तराखण्ड बनाने की दिशा में आगे बढ चुकी है। चंद दिन पूर्व जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी टिहरी पहुंचे तो उन्होंने पहाडी उत्पादों को पंख लगा रही महिलाओं के बीच जाकर उनके सामान को खुद बनाने के लिए वहां पलोती मारी तो महिलायें भी मुख्यमंत्री के इस निराले अंदाज को देखकर खूब गद्गद् हुई। साफ छवि के मुख्यमंत्री ने जहां हाथ से आटा पीसने वाली चक्की चलाई तो वहीं उन्होंने वहां मकखन बिलोने के लिए जिस तरह से डोरी अपने हाथ से धुमाई तो उनके इस अंदाज को देखकर महिलायें खूब प्रसन्न हुई और यह बात साफ हो गई कि पहाडी उत्पादों को बडे बाजार की तरफ ले जाने के लिए धामी आगे आ चुके हैं और राज्य के 18 उत्पादों को जीआई टेग मिलना भी इसी की निशानी माना जा रहा है।

LEAVE A REPLY