पुष्कर के हंटर से धंधेबाजों पर होगा प्रहार

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड में तेइस साल से भू-माफियाओं, भ्रष्टाचारियों, घोटालेबाजों और अपराधियों ने पूर्व सरकारों को अपने हाथ का खिलौना समझकर उन्हें ललकारने का दुसाहस दिखाया था उसी का परिणाम रहा कि राज्यवासियों के मन में हमेशा यह सवाल तैरता रहा कि अगर नया राज्य बनने के बाद भी उन्हें ऐसे माफियाओं से आजादी नहीं मिलनी थी तो फिर उन्होंने राज्य का निर्माण आखिर क्यों कराया था? शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों में अधिकांश पूर्व सरकारों को लेकर बडी नाराजगी पनपती थी कि आखिरकार वह माफियातंत्र पर एक्शन लेने से क्यों डरती रही? वहीं उत्तराखण्ड के युवा मुख्यमंत्री ने अपने अब तक के कार्यकाल में आवाम की उम्मीदों को जो पंख लगाये उसी के चलते मुख्यमंत्री का राजनीतिक वजूद दिल्ली में भी हमेशा बुलंद नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को माफियाओं, भ्रष्टाचारियों, घोटालेबाजों और अपराधियों से आजादी दिलाने के लिए साफ अल्टीमेटम दे रखा है कि अब राज्य में ऐसे तंत्र पर सिर्फ उनका एक्शन ही देखने को मिलेगा और यही कारण है कि पूर्व सरकारों को ललकारने वाले माफिया और धंधेबाजों पर पुष्कर की टेडी नजर से उनकी शामत आ गई है और वह अपराध और माफियागिरी करने से तौबा करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आवाम से वायदा कर रखा है कि वह अपने राज्य की जनता को भ्रष्टाचारियों, माफियाओं, घोटालेबाजों और अपराधियों से आजादी दिलायेंगे और उसके लिए उन्होंने अपना एक्शन भी शुरू कर रखा है। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने अपने अब तक के कार्यकाल में बडे-बडे भ्रष्टाचारियों और घोटालेबाजों को सलाखों के पीछे पहुंचाकर साफ संदेश दे रखा है कि अब उनका खेल खत्म हो गया है और राज्य में उन्हें किसी भी कीमत पर सिर उठाने नहीं दिया जायेगा। तेइस सालों में राज्य की जनता को किसी भी पूर्व सरकार ने अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ ऑपरेशन चलाकर राज्यवासियों को सुकून देने की दिशा में कोई पहल की हो ऐसा शायद देखने को कभी नहीं मिला था?
उत्तराखण्ड के अन्दर माफियातंत्र इतना पॉवरफुल था कि उन्होंने राज्य में होने वाली सरकारी भर्तियों में भी भ्रष्टाचार का खूब खेल खेला और उसी के चलते वह अधिकांश सरकारी भर्तियों में दौलत लेकर युवाओं की वह ताजपोशी कराते रहे। युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कानो में जब भ्रष्टाचार से हुई भर्तियों की गूंज पडी तो उन्होंने सिर्फ माफियातंत्र पर प्रहार करने के लिए अपना चाबुक उठा लिया और उन्होंने इस बात की कोई परवाह नहीं की कि इस ऑपरेशन में अगर बडे-बडे भ्रष्टाचारी जेल गये तो कहीं उनकी राजनीति पर कोई संकट न आ जाये? हौसले के साथ उन्होंने नौकरियां बेचने वाले भ्रष्टाचारियों पर प्रहार किया और उसके बाद उन्होंने नकल विरोधी कानून बनाकर यह संदेश दिया कि अब भ्रष्टाचार से नौकरियों का खेल बंद रहेगा। उत्तराखण्ड में अपराधियों और माफियाओं का खुला तांडव राज्य की जनता तेइस सालों से देखती रही और इस तांडव पर नकेल लगाने के लिए न तो कभी कोई पूर्व मुख्यमंत्री सफल हो पाया और न ही कोई पूर्व पुलिस मुखिया?
मुख्यमंत्री ने एक जज्बे के साथ जिस तरह से वनों के अन्दर सरकारी जमीनों पर हुये कब्जों पर बडा एक्शन कर उन्हें बुलडोजर से नेस्तनाबूत करने का साहस दिखाया उसी का परिणाम रहा कि राज्य की जनता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिखाई दे रहे एक्शन की कायल होती जा रही है। उत्तराखण्ड के इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने अवैध मजारों पर बुल्डोजर चलाने का साहस दिखाया और साफ अल्टीमेटम दिया कि आज तक राज्य में जो कुछ हुआ वह उनके शासनकाल में अब नहीं हो पायेगा। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड को अपराधियों और नशा तस्करों से मुक्ति दिलाने का जो वचन राज्यवासियों को दिया है उस पर अब उनका एक्शन तेजी के साथ शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री के विजन को धरातल पर उतारने के लिए डीजीपी अभिनव कुमार ने अपराधियों और नशा तस्करों की कमर तोडने के लिए पूरा एक्शन प्लान तैयार कर लिया है और इस प्लान से साफ नजर आ रहा है कि अब माफियातंत्र की राज्य में शामत आने वाली है।

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