निजीकरण के खिलाफ गरजे सीटू व किसान सभा के कार्यकर्ता

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देहरादून(नगर संवाददाता)। अखिल भारतीय विरोध दिवस के रूप में रेलवे व बिजली बोर्ड के निजीकरण के खिलाफ सीटू एवं किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से रेलवे स्टेशन देहरादून पर प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज किया और कहा कि इसके लिए आंदोलन चलाया जायेगा । वहीं राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
यहां सीटू व किसान सभा के कार्यकर्ता संयुक्त रूप से रेलवे स्टेशन पहुंचे और वहां पर उन्होंने रेलवे व बिजली कोर्ड के निजीकरण के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और अपना विरोध दर्ज किया। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने कहा व्यापक स्तर पर निजीकरण का विरोध किया जायेगा और इसके लिए लगातार आंदोलन चलाया जायेगा।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि आज केन्द्र की भाजपा सरकार बिजली क्षेत्र को प्राइवेट कंपनियों को देने के लिए बैचेन है और बिजली क्षेत्र को प्राइवेट कंपनियों के हवाले करने के इरादे से वर्ष 2०14 से 2०22 पांच बार बिजली बिल में संशोधन करने का प्रयास किया और वर्ष 2०22 में संसद में यह बिल पेश किया जा चुका है। वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार बिजली क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए फैसला कर चुकी है और बिजली बोर्ड के निजीकरण व स्मार्ट मीटर का पुरजोर तरीके से विरोध यिका जायेगा और राज्य सरकार ने भ्ज्ञी कई क्षेत्रों में स्मार्ट कीटर लगाने के आदेश दे दिये है और बिजली क्षेत्र में स्मार्ट मीटर बिजली वितरण करने के लिए निजी कंपनियों को लाईसेंस दिये जायेंगें और बिजली बोर्ड का स्वयं निजीकरण की शुरूआत हो जायेगी। वक्ताओं ने कहा कि रेलवे यातायात का सबसे सस्ता साधन है और केन्द्र सरकार रेलवे का भी निजीकरण कर रही है और रेलवे स्टेशनों को प्राइवेट कंपनियों को बेचा जा रहा है और इससे रेल यात्रा महंगी हो रही है ओर कई प्राइवेट रेलगाडियां चलाने की अनुमति दे दी गई है ओर इन प्राईवेट रेलगाडियों का किराया बहुत ज्यादा है।
वक्ताओं ने कहा कि आम जनता पर इसका भार पडेगा रेलवे में रोजगार कम हो जायेंगें और किराया भी महंगा होगा। वक्ताओं ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिले से पहले बिजली, राजाओं, महाराजाओं, बडे उद्योगपतियों और अंग्रेजों को ही उपलब्ध थी और भारत वर्ष के अधिकांश गांवों व शहरों में अंधेरा था और वर्ष 1948 में भारत सरकार द्वारा बिजली को गांवों, शहरों, उद्योगों व खेती के विकास हेतु बिजली सप्लाई एक्ट 1948 बनाया जिसका उददेश्य रोजगार पैदा करना, उद्योगों का विकास करना था लेकिन आज केन्द्र सरकार निजीकरण करने पर तुली हुई है जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा। इस अवसर पर अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर सीटू व किसान सभा के अनेक पदाधिकारी व सदस्य शामिल रहे।

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