ऋषिकेश(संवाददाता)। ग्राम सभा खदरी खड़क माफ स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थान गढ़ी श्यामपुर के निकट बाढ़ से सुरक्षा को ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित एक सौ नब्बे मीटर लम्बी सुरक्षा दीवार का एक हिस्सा बीती रात हुई अतिवृष्टि से ढह गई।
ग्राम प्रधान संगीता थपलियाल ने बताया कि यह सुरक्षा दीवार एक सौ नब्बे मीटर लम्बी और लगभग ग्यारह फिट ऊँची है जिसका बुनियाद तीन मीटर चौड़ी है।बीते वर्षों में हल्की सी बारिश के बाद भी गंगाजल स्तर बृद्धि से संस्थान में जलभराव हो जाता था।यह पहला अवसर है जब भारी बर्षात में जलभराव से चारों ओर त्राहि त्राहि मची हुई है लेकिन संस्थान की सीमा पर सुरक्षा दीवार बन जाने के बाद पॉलिटेक्निक संस्थान में इस बार अभी तक कोई जलभराव की दिक्कत नहीं आयी है।जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद विनोद जुगलान कहना है कि इतनी मजबूत दीवार होने के बावजूद भी लक्कड़ घाट के खेतों की ओर से भारी बारिश के पानी आने और दूसरी ओर गंगाजल स्तर बढऩे के कारण दोनों ओर से भारी मात्रा में पानी आने के कारण दीवार के एक कोने सहित स्थानीय ग्रामीणों और पँचायत के सहयोग से नव निर्मित पुलिया भी गिर गयी है।
हालांकि गंगा का जलस्तर पुलिया के ह्यूम पाइप्स को बहाकर लेजाने में नाकाम रहा। लेकिन पुलिया बुरी तरह क्षतिग्रस्त होगयी है।भारी बर्षात के बाद भी 13 करोड़ की लागत से निर्मित 11एकड़ क्षेत्रफल पर निर्मित इस सरकारी संपत्ति की सुध लेने न तो जनप्रतिनिधि आरहे और न प्रसाशन को ही यहाँ अध्ययनरत छात्रों की चिंता है।लापरवाही का आलम यह है कि वर्ष 2०13 की केदारनाथ आपदा में ढह गई चहारदीवारी का पुनर्निर्माण आज दस वर्षो बाद भी नहीं हो पाया है।