पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा तय कर विधानसभा चुनाव में उतरना कांग्रेस के लिए रणनीतिक रूप से फायदेमंद होगा। इससे भाजपा की हर चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाकर खड़ा कर देने की नीति को मात दी जा सकेगी। इस संबंध में हाईकमान से भी विचार विमर्श किया जाएगा। रावत ने कहा कि प्रदेश प्रभारी और अन्य सभी नेता सामुहिक नेतृत्व की बात कर रहे है, वो भी गलत नहीं हैं। पार्टी की यह परिपाटी भी रही है। लेकिन हालिया कुछ वक्त में पार्टी ने इस परिपाटी को तोड़ा भी है।
उत्तराखंड में भी नए फार्मूले को रणनीतिक रूप से अपनाना जरूरी
कई अन्य राज्यों में पार्टी मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ चुनाव में उतरी और फायदा भी मिला है। उत्तराखंड में भी नए फार्मूले को रणनीतिक रूप से अपनाना जरूरी है। रावत ने कहा कि भाजपा अपनी खास रणनीति के तहत स्थानीय चेहरों को गौण बना देती है। पंचायत और निकाय चुनाव स्तर भी भाजपा केवल पीएम नरेंद्र मोदी को जनता के सामने खड़ा कर देती है। इससे मुद्दे ही बदल जाते हैं। भाजपा का स्थानीय नेतृत्व मोदी की आड़ में अपनी नाकामियों को छिपा ले जाता है। भाजपा का स्थानीय नेतृत्व हर स्तर पर फेल साबित हो चुका है।
कांग्रेस स्थानीय चेहरा घोषित करेगी तो स्थानीय मुद्दे भी प्रभावी हो जाएंगे। ऐसे में पीएम मोदी की भूमिका केवल गेस्ट आर्टिस्ट की रह जाएगी। रावत ने फिर दोहराया कि, सीएम का चेहरा बनाने की मेरी मांग को मुझसे न जोड़ा जाए। मैं खुद को सीएम का चेहरा बनाने की बात नहीं कर रहा हूं। हाईकमान जिसे भी तय करेगा, मैं भी उसके पीछे खड़ा होकर कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करुंगा।