अब कांग्रेस के हरदा ने दागा सवाल

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कोर्ट की देखरेख मे हो भूमि घोटाले की जांच
यह अपराधिक मामला और बडा भ्रष्टाचार है
एक्स सीएम चाहते हैं कि घोेटाले की बडी हो जांच
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड मे पंचायत चुनाव से पूर्व हरिद्वार के नगर निगम में हुआ बडा घोटाला उत्तराखण्ड की राजनीति मे एक बडी हलचल मचाये हुये है। सरकार के मुखिया ने सख्त एक्शन लेकर बारह लोगों को सस्पेंड कर अपना रूख साफ किया कि किसी भी घोटालेबाज को बक्शा नहीं जायेगा। वहीं कांग्रेस व सोशल मीडिया पर इस घोटाले को लेकर आशंकाओं का अम्बार लगा हुआ है और यह भी सवाल दागा जा रहा है कि यदि गढ़वाल के शकुनि पर कार्यवाही नहीं होती तो निलम्बित दो आईएएस और एक पीसीएस का हश्र भी पिछले दो निलम्बित आईएएस अधिकारियों जैसा होना है? कांग्रेस के एक्स मुख्यमंत्री ने भी इस घोटाले को लेकर अपना रूख साफ करते हुए कहा है कि भूमि घोटाला अपराधिक मामला है और यह एक बडा भ्रष्टाचार है इसलिए भूमि घोटाले पर जज की देखरेख में या तो उच्च स्तरीय एसआईटी गठित हो या सीबीआई की जांच हो, जो भी जांच हो वह कोर्ट की देखरेख मे होनी चाहिए। अब सबकी नजरें इसी बात पर टिकी हुई हैं कि आखिरकार क्या सरकार एक बार फिर सख्त रूख अपनाकर इस घोटाले में अपराधिक मुकदमा दर्ज कराने का आदेश देकर उन सबकी आवाज खामोश कर देगी जो इस मामले में सरकार को कहीं न कहीं कटघरे मे खडा कर रहे हैं?
उत्तराखण्ड के हरिद्वार जनपद में हुये भूमि घोटाले की गूंज जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कानो मे पडी थी तो उन्होंने बिना देरी किये इस घोटाले की जांच आईएएस अफसर रणबीर सिंह चौहान को सौप दी थी। रणबीर सिंह चौहान ने अपनी जांच को चंद समय मे ही अंजाम तक पहुंचाकर इस घोटाले में दोषी अफसरों के खिलाफ अपनी आख्या शासन को दे दी थी। सरकार के मुखिया पुष्कर ंिसह धामी ने घोटाले की जांच सामने आने के बाद हरिद्वार के डीएम, एसडीएम और पूर्व नगर आयुक्त को सस्पेंड करने का जो सख्त संदेश दिया उससे अफसरशाही में एक बडी हलचल मच गई और यह साफ हो गया कि पुष्कर राज में भ्रष्टाचार और घोटालों के लिए कोई जगह नहीं है। कांग्रेस के एक्स मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरिद्वार भूमि घोटाले पर मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यह अत्याधिक गंभीर मामला है, यह बडा भ्रष्टाचार है, राज्य के कई हिस्सों में इस तरह के घोटाले के समाचार हैं। हरीश रावत ने दो टूक कहा कि सरकार को चाहिए कि वह भूमि घोटाले पर जज की देखरेख मे या उच्च स्तरीय एसआईटी गठित हो या फिर इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराये। एक्स मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भूमि घोटाले की जो भी जांच हो वह कोर्ट मे होनी चाहिए। हरीश रावत ने भूमि घोटाले को लेकर जिस तरह से उसे बडा भ्रष्टाचार कहा है उसे देखकर साफ संदेश मिल रहा है कि आने वाले समय में कांग्रेस सरकार को हरिद्वार के इस भूमि घोटाले पर घेरने के लिए हमेशा अगली पक्ति मे जरूर खडी हुई नजर आयेगी?
वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुजाता पाल ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि यदि गढवाल के शकुनि पर कार्यवाही नहीं होती तो इन निलम्बित दो आईएएस और एक पीसीएस का हश्र भी पिछले दो निलम्बित आईएएस अधिकारियों जैसा होना है। यह घोटाला सरकार के लिए एक बडा ंिचता का विषय इसलिए भी बन सकता है क्योंकि जिस तरह से आने वाले समय में पंचायत चुनाव होने हैं उसमें कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार पर जरूर हमलावर दिखाई दे सकती है। फिलहाल यह घोटाला सरकार के लिए चिंता का विषय जरूर होगा क्योंकि जब तक इस मामले से जुडे हर पहलु की जांच सामने नहीं आ जाती?

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