देहरादून(संवाददाता)। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को एक नया उत्तराखण्ड बनाने के लिए बडे विजन के साथ काम कर रहे हैं और उन्होंने राज्यभर में अफसरों को आदेश दे रखा है कि सरकार जो विकास कार्य चल रहे हैं वह गुणवत्ता के साथ हों और समय पर इन विकास कार्यों को धरातल पर उतारा जाये जिससे कि आवाम के मन में यह शंका न रहे कि सरकार निर्माण कार्य तो करा रही है लेकिन उसकी गति कछुवे चाल जैसी है? हैरानी वाली बात है कि जहां सारी सरकार मौजूद है और मुख्यमंत्री का राजधानी में ग्रीन बिल्डिंग को लेकर चला आ रहे ड्रीम प्रोजेक्ट पर राजधानीवासियों की नजरें लगी हुई हैं कि यह काम कब तक पूरा होगा? गजब की बात यह है कि मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट करे कछुवे की चाल से बनाया जाना राजधानीवासियों को रास नहीं आ रहा है? वहीं गंगा विहार कालोनीवासियों ने जनपद के डीएम को अवैध रूप से संचालित आरएमसी प्लांट को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर डीएम ने एक्शन लेते हुए उसे बंद करा दिया था। इलाकेवासियों का कहना है कि ग्रीन बिल्डिंग के अन्दर बिना अनुमति के हो रही गहरी खुदाई को तत्काल बंद कराया जाये तथा कालोनी और सडक की सुरक्षा हेतु गडर पाईलिंग करवाई जाये एवं ठेकेदार के विरूद्व मुकदमा दर्ज कराया जाये। अब देखने वाली बात होगी कि आखिरकार मुख्यमंत्री के सपनों की बिल्डिंग पर कौन ग्रहण लगा रहा है?
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक ग्रीन बिल्डिंग का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है जबकि साल 2०24 के अक्टूबर महीने में बिल्डिंग सरकार को हैंडओवर होनी थी हैरानी की बात यह है कि कार्यदाई संस्था का काम और गति को लेकर डीएम से लेकर विधायक खजानदास नाराजगी जता चुके है. परंतु बिल्डिंग के काम में अब तक कोई भी ऐसा काम नहीं हुआ है जिसको देखकर यह कहा जा सके की राजधानी देहरादून के बीचो-बीच बन रहा है यह सरकार का प्रोजेक्ट गति पकड़ रहा है?
बता दें कि इस बिल्डिंग को लेकर सरकार और विभाग इसलिए भी बेहद उत्साहित हैं क्योंकि यह राज्य की ऐसी पहली बिल्डिंग होगी जहां पर सारे सरकारी दफ्तर एक ही बिल्डिंग में पहुंच जाएंगे अब सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि आखिरकार 23० करोड रुपए से भी अधिक पैसे में बनने वाली यह इमारत का अभी तक बेसमेंट भी तैयार नहीं हुआ है ऊपर से बेसमेंट खुदाई के लिए जिस मानक का इस्तेमाल किया जा रहा है उसको लेकर स्थानीय नागरिक बेहद चिंतित हैं और जिलाधिकारी देहरादून से बार-बार गुहार लगा रहे हैं कि उनके घरों को नुकसान पहुंच सकता है। करवाई संस्था किस तरह से कार्य कर रही है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की आबादी के बीचो-बीच कंक्रीट मिक्सर प्लांट कंपनी ने लगा दिया था लेकिन जिलाधिकारी देहरादून ने उसे तत्काल रुकवा तो दिया परंतु अन्य जो अनियमितता हो रही हैं उस पर अभी तक किसी की नजर नहीं पहुंची है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार राजधानी में शहर के बीचो-बीच इस तरह का कार्य हो रहा है और अब तक इस पर एक्शन क्यों नहीं लिया गया क्यों काम में तेजी लाने के लिए और अनुमतियों के लिए अब तक कंपनी से जवाब तलब नहीं किया गया है, जबकि यह प्रोजेक्ट खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केंद्र सरकार और राज्य के सहयोग से राजधानी देहरादून में पूरा करवा रहे हैं। सवाल खडे हो रहे हैं कि अगर कोई अधिकारी मौके पर जाकर देखें तो मालूम होगा की कैसे ग्रीन बिल्डिंग निर्माण में इस्तेमाल किया जा रहे कंक्रीट मिक्सर प्लांट की वजह से बीते दिनों स्थानीय लोगो को कितनी दिक्कत हुई है। इससे न सिर्फ ध्वनि प्रदूषण हो रहा है. बल्कि, वायु प्रदूषण भी हो रहा है। जल्द ही राज्य में मानसून आने वाला है ऐसे में सवाल खड़े होने तय हैं कि ग्रीन बिल्डिंग का काम कैसे पूरा होगा। और आखिरकार कौन है जो सब कुछ देख कर भी कंपनी की गलतियों को नजरअंदाज कर रहा है?