जेलों में पुष्कर का दिखता खौफ

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड बनने के बाद से ही राज्य की कई जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों के मन में न तो कभी पुलिस अफसरों का कोई भय दिखाई दिया और न ही उन्हें जेल के अफसरों से कभी डर लगता था जिसके चलते काफी बडे-बडे अपराधी जेलों से ही अपना गैंग चलाकर एक आतंक का खेल खेलने में जुटे रहते थे और राज्य के काफी अद्यमियों और व्यापारियों के मन में कुछ कुख्यात अपराधियों का इतना खौफ बना रहता था कि उन्हें फिरौती देने के लिए आगे खडे हुये नजर आते थे। उत्तराखण्ड की कुछ जेलों में कुख्यातों ने व्यापारियों और उद्यमियों को व्हटसप कॉल करके उन्हें आतंकित करने हत्या व गोलीकांड कराने का जो दुसाहस करते रहे उससे जेलों के सिस्टम पर हमेशा एक सवालिया निशान लगता रहा कि आखिरकार कब तक जेलों में बैठे कुख्यात बदमाश उद्यमियों से फिरौती लेने के लिए उन्हें आतंकित करते रहेंगे। युवा मुख्यमंत्री ने जेलों में बंद कुख्यात अपराधियों को अपनी धमक दिखाई और उनके खिलाफ उन्होंने जो बडा ऑपरेशन समय-समय पर चलवाया उसी का परिणाम रहा कि जेलों में बैठे अपराधियो ंको यह भय सताने लगा कि अगर उन्होंने जेल से फिरौती या कोई भी अपराध कराया तो उनके जीवन पर संकट आकर खडा हो जायेगा। तीन साल से सरकार चला रहे मुख्यमंत्री के कार्यकाल में किसी भी जेल मे बंद कुख्यात बदमाश ने फिरौती मांगने के लिए किसी भी उद्यमी या व्यापारी के सामने अपनी दहाड़ नहीं लगाई और आज जेलों में बंद कुख्यात अपराधी धामी के खौफ से थर्रा कर शांति से जेल में अपने दिन काट रहे हैं।
उत्तराखण्ड से लगते उत्तर प्रदेश की पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ खुली जंग कर जब बदमाशों को उनके दुसाहस पर उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाना शुरू किया तो उससे लगते उत्तराखण्ड में बाहर के अपराधियों ने राज्य में शरण लेनी शुरू की और उन्हें यह भ्रम हो चला था कि उत्तराखण्ड में पुलिस का दयालु रूप रहता है जिसके चलते उन्हें न तो मुठभेड में मरने का डर रहेगा और न ही जब वह पुलिस पर गोलियां चलायेंगे तो पुलिस जवाबी गोलीबारी कर उनका मुकाबला करेगी। ऐसे अपराधियों की सोच को हवा में उडाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और तत्कालीन डीजीपी अभिनव कुमार ने उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने का एक बडा संकल्प लिया था और उसके बाद उन्होंने मित्र पुलिस को साफ संदेश दे दिया था कि आम आदमी के लिए पुलिस हमेशा मित्र का रूप धारण करे लेकिन जो कुख्यात और दुर्दांत उत्तराखण्ड में अपराध करके अपने आपको अपराध का बादशाह बनने का ख्वाब पाले हुये हैं उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाया जाये। मुख्यमंत्री ने दुर्दांत अपराधियों और कुख्यातों पर जेल के अन्दर बडी नकेल लगा रखी है और कहीं से भी यह आवाज नहीं आई कि कोई भी दुर्दांत या कुख्यात अपराधी जेल में रहकर मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर किसी को धमका रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2०25 तक उत्तराखण्ड को अपराधमुक्त करने का वचन आम आदमी को दे रखा है और अपने वचन को वह शत-प्रतिशत सच करने के लिए अपराधियों के खिलाफ जेलों के बिग बॉस अभिनव कुमार को खुली छूट दिये हुये हैं कि अगर कोई भी अपराधी उत्तराखण्ड की वादियों को अशांत कर यहां अपराध करने का दुसाहस करे तो उसे उसके अंजाम तक पहुंचाया जाये क्योंिक अब उत्तराखण्ड के अन्दर अपराध करने वालों पर रहम करने का कोई कॉलम नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री ने साफ संदेश दे रखा है कि उत्तराखण्ड में अपराध नाम की चीज शून्य दिखाई देनी चाहिए और उसी के चलते गढवाल से लेकर कुमांऊ तक अपराधियों के खिलाफ बडी मुहिम चल रखी है और जो कुख्यात उत्तराखण्ड के कुछ जिलों में आकर लूट और बडी वारदात करते रहे थे उन्हें अब यह भय सता गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के काल में तो वह उत्तराखण्ड के अन्दर तिनकाभर भी अपराध करने के लिए आगे नहीं आयेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपराधियों के खिलाफ जिस तरह से अपने हाथ मे चाबुक उठा रखा है उससे जेल में बंद कुख्यात बदमाशों ने अपनी जमानते न कराने का मन बना रखा है और वह जेल मे ही रहने के लिए आगे आ रखे हैं क्योंिक उन्हें यह भय सता रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अपराधियों के खिलाफ चलाया जा रहा ऑपरेशन कहीं उनके लिए जेल से बाहर जाकर घातक न बन जाये। मौजूदा दौर में जेलों की कमान अब जेलों के चीफ अभिनव कुमार के हाथों में है और उनकी वहां तैनाती के बाद से तो एक भी अपराधी के मन में जेलों के अन्दर कोई भी खुरापात करने का साहस नहीं पनपेगा यह किसी से छुपा नहीं है और आज राज्य की जेलें शांत हैं क्योंकि धामी राज में कोई भी अपराधी किसी को अपना डर दिखाने के लिए आगे नहीं आयेगा यह अब राज्य की जनता को भी साफ इल्म हो चुका है।

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