छोटी सरकार के बादशाह बने धामी

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री ने निकाय चुनाव में ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के लिए चुनाव प्रचार का मोर्चा आखिरी दौर में खुद संभाला और वह पार्टी प्रत्याशियों के लिए रोड-शो और जनसभायें करने के लिए जब आगे बढे थे तो हर तरफ उन्हें जनता का खूब दुलार मिल रहा था और राज्यवासियों को इस बात का इल्म था कि मुख्यमंत्री छोटी सरकार को सजाने सवारने के लिए जो संदेश दे रहे हैं उस पर वह खरा उतरेंगे और निगमों को सवारने के लिए वह खुद कमान अपने हाथों में लेंगे। मुख्यमंत्री ने चुनाव अभियान के दौरान आम जनमानस को संदेश दिया था कि वह कमल खिलायें शहरों को खिलाने का काम वह ख्ुाद करेंगे। मुख्यमंत्री के इस संकल्प पर राज्यवासियों को अभेद विश्वास रहा और उन्होंने उत्तराखण्ड की ग्यारह नगर निगमों मे से दस निगमों की चाबी मुख्यमंत्री के हवाले कर दी और यह जीत उस समय और मायने रख रही है जब राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ करने के लिए देश के प्रधानमंत्री देहरादून आ रहे हैं। छोटी सरकार के बादशाह बने धामी को निकाय चुनाव की प्रचंड जीत के लिए भाजपा हाईकमान से लेकर देश के प्रधानमंत्री भी मुख्यमंत्री की पीठ थपथपायेंगे जिससे राज्यवासियों को संदेश मिलेगा कि डबल इंजन अब ट्रिपल इंजन बनकर विकास की पटरी पर तेजी के साथ दौडता हुआ नजर आयेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बताये गुरूमंत्र पर सरकार चलाकर आम जनमानस का दिल जीतने में अव्वल बन चुके हैं और राज्यवासियों को यह विश्वास हो चला है कि मुख्यमंत्री की विकास सोच से उत्तराखण्ड आने वाले समय में हर तरफ गुलजार होता हुआ नजर आयेगा। मुख्यमंत्री ने छोटी सरकार बनाने के लिए चुनाव प्रचार का मोर्चा संभाला और जहां-जहां वह चुनाव प्रचार करने के लिए गये वहां लोगों का जनसैलाब उनके साथ सर्द हवाओं मे भी उमड पडा था और उन्होंने राज्य के अन्दर हर तरफ कमल खिलाने का संकल्प लिया था। नौजवान से लेकर मातृशक्ति मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को निकाय चुनाव में प्रचंड जीत दिलाने के लिए उनके साथ खडी हुई नजर आई और हर तरफ मातृशक्ति ने मुख्यमंत्री को छोटी सरकार का बादशाह बनाने के लिए उन्हें अपना आशीर्वाद दिया था। मुख्यमंत्री को आभास था कि जिस तरह से राज्यवासियों को अब उत्तराखण्ड में विकास का आईना देखना है तो वह विपक्षी दलों पर भरोसा नहीं करेंगे और सिर्फ चुनाव में कमल खिलाने के लिए वह आगे खडे रहेंगे। उत्तराखण्ड के अन्दर बारह नगर निगम हैं और वहां खडे भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए जिस अंदाज में मुख्यमंत्री ने वहां रात-दिन प्रचार करने का दौर शुरू किया था उससे वहां की जनता उनके साथ खडी हुई नजर आ रही थी और तभी से ही यह साफ दिखाई दे रहा था कि निगमों में कमल ही कमल खिलता हुआ नजर आयेगा। कल जब चुनाव परिणाम होने थे तो सुबह ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह विश्वास दिखाया था कि छोटी सरकार की चाबी भाजपा के पास ही होगी और हर तरफ कमल खिलखिलाता हुआ नजर आयेगा। सुबह से रात तक कभी भी मतगणना के दौरान यह नजर नहीं आया कि भाजपा किसी भी निगम में पिछड रही है। मुख्यमंत्री ने आम जनमानस के मन में कमल खिलाने का जो उत्साह भरा था उसी के चलते देहरादून में सौरभ थपलियाल, ऋषिकेश में शम्भू पासवान, हरिद्वार में किरन जसवाल, रूडकी में अनिता देवी अग्रवाल, कोटद्वार में शैलेन्द्र रावत, हल्द्वानी में गजराज सिंह बिष्ट, रूद्रपुर में विकास शर्मा काशीपुर में दीपक बाली, अल्मोडा में अजय वर्मा और पिथौरागढ़ में कल्पना देवलाल के सिर पर जीत का ताज सजा सिर्फ श्रीनगर में निर्दलीय प्रत्याशी आरती भंडारी ने अपनी जीत का परचम लहराया। नगर निगम में भाजपा का वर्चस्व विपक्षी दलों की नींद उडा गया क्योंिक इस चुनाव को 2०27 के विधानसभा चुनाव का रिहर्सल माना जा रहा था।

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