बैलेट बॉक्स में उम्मीदवारों का भाग्य कैद

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड में निकाय चुनाव को लेकर भाजपा, कांग्रेस के साथ सभी राजनीतिक दल और निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनाव मे जीतने के लिए अपनी ताकत लगा रखी थी और वह घर-घर जाकर संदेश दे रहे थे कि अगर उन्हें जीत का ताज पहनाया गया तो वह अपने इलाके की तस्वीर बदल देंगे। छोटी सरकार बनाने के लिए सुबह से ही सभी जनपदों के मतदान स्थलों पर आम जनमानस का सैलाब उमडा हुआ था और हर किसी ने अपने चहेते उम्मीदवार को जीताने की जो ललक देखने को मिल रही थी उससे यह चुनाव बडा रहस्यमय बन गया और कोई भी उम्मीदवार जनता का रूख नहीं भाप पाया कि वह जीत का ताज किसके सिर पर पहनाने के लिए मतदान करने के लिए आगे आया था। मतदान स्थलों पर मतदान करने के लिए उमडा सैलाब किसकी छोटी सरकार बनायेगा यह तो दो दिन बाद पता चलेगा लेकिन छोटी सरकार का भाग्य जरूर बैलेट बॉक्स मे कैद हो गया है। कुछ जनपदों में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं में चुनाव प्रक्रिया को लेकर नाराजगी देखने को मिली तो राजधानी दून के कई इलाकों में यह शोर मचता रहा कि मतदाता सूची से एक सोची समझी रणनीति के तहत वोट काट दिये गये। ऋषिकेश में यह शोर मचा कि कुछ स्थानों पर मकान मालिकों के नाम मतदाता सूची से उडा दिये गये और किरायेदारों के वोट सूची में शामिल हो गये। छोटी सरकार बनाने को लेकर कुछ जनपदों में जिस तरह से आरोप-प्रत्यारोप का खुलकर दौर शुरू हुआ उससे कहीं न कहीं सिस्टम भी कटघरे मे खडा हुआ नजर आया। आज सुबह से ही उत्तराखण्ड मे छोटी सरकार चुनने के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई और सभी जनपदों के पोलिंग बूथों पर मतदान करने के लिए लम्बी-लम्बी कतारें देखने को मिलने लगी। मतदान करने के लिए सुबह से ही लोगों के मन में एक बडा जज्बा देखने को मिला और मतदान करने वाले मतदाताओं के मन को भापने में उम्मीदवार कामयाब नहीं हो पा रहे थे क्योंकि मतदाताओं ने खामोशी के साथ मतदान करने के लिए अपने आपको लम्बी कतारों में खामोशी के साथ खडा किया हुआ था जिसके चलते चुनाव बहुत रहस्यमय बना हुआ था। बडकोट में चुनाव मे कथित धंधली को लेकर भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने इलाके के विधायक पर आरोपों की झडी लगाते हुए सिस्टम से निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की। वहीं हरिद्वार में मंगलौर विधायक काजी निजामुदीन ने पुलिस को अपने निशाने पर लिया और कहा कि उन्हें वोटरों की पर्ची चैक करने का कोई अधिकार नहीं है और पुलिस के पास वोटरों की पर्ची चैक करने का न ही कोई रूल है। विधायक ने यहां तक कहा कि उपचुनाव वाली घटना को यहां दोहराने का काम पुलिस न करे और यहां चुनाव शांतिपूर्ण हो रहा है इसलिए चुनाव में किसी भी प्रकार का कोई खलल न डाले। वहीं उधमसिंहनगर के किच्छा से कांग्रेसी विधायक तिलक राज बेहड ने निष्पक्ष चुनाव न कराये जाने को लेकर सिस्टम को अपनी रडार पर लिया और कहा कि पुलिस प्रशासन निष्पक्ष चुनाव नहीं करवा रहा है और यहां तक कहा कि वह शाम को इस पर पत्रकार वार्ता भी करेंगे।
हालांकि राज्य मे कहीं पर भी चुनाव के दौरान कोई बडा विवाद होते हुए नहीं दिखा और सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। वहीं राजधानी में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम मतदाता सूची में न होने से एक नया विवाद खडा हुआ दिखाई दिया। बताया जाता है कि हरीश रावत ने देहरादून नगर निगम के वार्ड नम्बर 76 में वोट डालने की तैयारी की थी लेकिन जब उनके कार्यकर्ताओं ने मतदान केन्द्र पर पहुंचकर मतदाता सूची में उनका नाम ढूंढने की कोशिश की तो उनका नाम सूची में नहीं मिला इस पर हरीश रावत ने नाराजगी दिखाई और कहा कि अब मतदाताओं को अपनी मतदाता सूची मे नाम की सुरक्षा खुद करनी होगी। हरीश रावत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव जीतने के लिए कोई भी कदम उठाया जा सकता है। सबसेे ज्यादा मतदान दोपहर तक उधमसिंहनगर, चमोली, बागेश्वर, अल्मोडा, चम्पावत, हरिद्वार, पौडी गढवाल, पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग में देखने को मिला और बारह बजे तक सबसे कम मतदान देहरादून में देखने को मिला जहां मतदान प्रतिशत 21.39 था। छोटी सरकार का भाग्य शाम को बैलेट बॉक्स मे कैद हो गया।

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