नारों के बीच गुदगुदाते धामी

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री की हर जनसभा में आई हजारों की भीड़ अपने सरकार को देखकर उस उत्साह के भवर में बह निकलती है जिसमें उन्हें अपना मुख्यमंत्री दिलअजीज और वचन का पक्का दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री के मंच पर आते ही हजारों की भीड़ धामी-धामी के उद्घोष लगाकर जिस जोश के साथ उनका अभिनंदन और उन्हें अपना धाकड़ नेता करार दे रही है उससे आज विपक्ष ही नहीं बल्कि भाजपा के ही काफी बडे-बडे नेता यह समझ नहीं पा रहे हैं कि मुख्यमंत्री की प्रसिद्धि का यह जादू आखिरकार कब तक उनकी राजनीति पर ग्रहण लगाता चला जायेगा। मुख्यमंत्री मंच पर अपना सम्बोधन करने के लिए जैसे ही माइक की ओर बढ़ते हैं तो जनसभा मे उमड़ा सैलाब मुख्यमंत्री के जिंदाबाद और हमारा नेता कैसा हो, धामी जैसा हो के नारे लगाकर वहां मौजूद भीड़ में एक नये जोश का संचार कर रहे हैं। आज पिथौरागढ़ में जब मुख्यमंत्री पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभा करने के लिए मंच पर आये तो उसके बाद अपने नेता को सामने देखकर हजारों की भीड़ ने मुख्यमंत्री जिंदाबाद के नारे लगाने का जो जज्बा दिखाना शुरू किया और सारा पंडाल धामी-धामी के नाम से इस तरह से गूंजने लगा जैसे विदेशों में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने बीच पाकर प्रवासी भारतीय उनके जिंदाबाद के नारे लगाकर वहां एक नया जोश भर देते हैं। दस से पन्द्रह मिनट तक मुख्यमंत्री को अपना सम्बोधन शुरू करने के लिए इसलिए इंतजार करना पडा क्योंकि पंडाल मे बैठी जनता मुख्यमंत्री की प्रसिद्धि को लेकर जिस जज्बे के साथ उनके नारों को लगाने के लिए अपनी सीटों से खडे हुये थे उस नजारे को देखकर मुख्यमंत्री इतने भाव-विभोर दिखाई दिये कि वह अपने चेहरे पर जिस हसी को लेकर गुदगुदा रहे थे उसे देखकर उन्हें यह आभास हो रहा था कि जनसभा मे मौजूद हजारों की भीड़ ने यह संकल्प ले लिया है कि वह कमल खिलाने के लिए बेताब हैं।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री का राजनीतिक जादू इतना प्रचंड हो चुका है कि उसकी कल्पना करना भी असम्भव नजर आ रहा है। गजब की बात तो यह है कि आज तक किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री का ऐसा इकबाल देखने को नहीं मिला जैसा पुष्कर सिंह धामी का देखने को मिल रहा है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज जिस सड़क और रास्ते से गुजरने के लिए आगे बढते हैं वहां उनका स्वागत करने के लिए सैकडों लोगों का हुजूम सड़कों पर उतर आता है। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर युवा पीढी उनके साथ सैल्फी लेने के लिए जिस अंदाज मे आगे बढ़ रही है उससे समझा जा सकता है कि युवा पीढी को यह समझ आ चुका है कि उत्तराखण्ड में युवा पीढी को सरकारी नौकरियां व उनका भविष्य संवारने के लिए उन्हें अब एकमात्र पुष्कर सिंह धामी पर ही विश्वास रह गया है।
मुख्यमंत्री निकाय चुनाव में उसी शैली के साथ चुनाव प्रचार करते हुए दिखाई दे रहे हैं जैसे वह विधानसभा व लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करते हुए दिखाई दे रहे थे। निकाय चुनाव में जहां पर भी अपने कदम रख रहे हैं वहां उनके साथ हजारों लोगों का सैलाब उनके साथ खडा हुआ नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री की प्रसिद्धि का यह आलम हो चुका है कि मुख्यमंत्री जब भी किसी सभा को सम्बोधित करने के लिए आगे बढते हैं तो जनसभा मे आई हजारों की भीड़ यही कहते हुए सुनाई दे रही है कि हमारा नेता कैसा हो और फिर आवाजें गूंजने लगती हैं कि धामी जैसा हो। मुख्यमंत्री को हर कार्यक्रम में अपना भाषण शुरू करने के लिए दस से पन्द्रह मिनट इसलिए इंतजार करना पडता है क्योंकि जनसभा मे आई भीड़ धामी-धामी के नारों से गूंज उठती है और हर कोई यह कहने से नहीं चूक रहा है कि धामी जैसा नेता कोई नहीं और जनसभा में मुख्यमंत्री को लेकर जो नारेबाजी और हुटिंग हो रही है उसे देखकर और सुनकर आज भी पिथौरागढ़ में जनसभा करने के दौरान मुख्यमंत्री खूब गुदगुदाये और वह हजारों की भीड के इस असीम प्रेम को देखकर यह तो साफ समझ गये कि यह भीड़ एक तमाशा नहीं बल्कि यह भीड़ कमल खिलाने का संकल्प लेने के लिए उनके सामने खडी हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यवासियों के मन में अपनी स्वच्छ राजनीति का जो करिश्मा उनके सामने पेश किया हुआ है उसी का परिणाम है कि आज सर्द हवाओं के बीच भी अपने सरकार को अपने बीच पाकर लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज उत्तराखण्ड के अन्दर आम जनमानस के अन्दर स्वच्छ छवि की जो अलख जगा चुके हैं उसे देखकर साफ झलक रहा है कि राज्य के अन्दर आम जनमानस को मुख्यमंत्री रास आने लगे हैं।

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