देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड में एक लम्बे अर्से से हर चुनाव में कमल खिलाने के लिए आगे बढते जा रहे मुख्यमंत्री ने निकाय व पंचायत चुनाव का रण सम्भाल लिया है और वह हर जनपद में कमल खिलाने के लिए चुनावी रणभूमि में उतरकर प्रत्याशियों की जीत का ताज पहनाने के लिए एक रणनीति तैयार कर आगे बढ़ निकले हैं। धामी ने चुनाव प्रचार का जो दौर शुरू किया है उससे हर तरफ जनमानस मुख्यमंत्री के साथ खडा हुआ नजर आ रहा है और मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य के अन्दर हो रहे विकास कार्यों को देखते हुए जनमानस अब तीसरे इंजन की सरकार बनाने के लिए तैयार हो गया है और उसे अब सिर्फ मतदान वाले दिन का इंतजार है। निकाय चुनाव में मुख्यमंत्री ने जिस दिन से खुद चुनावी रण संभाला है तबसे भाजपा प्रत्याशियों के चेहरों पर एक नई मुस्कान दिखाई देने लगी है और उन्हें यह विश्वास हो चला है कि मुख्यमंत्री के प्रचार प्रसार से आम जनमानस का झुकाव तेजी के साथ कमल की ओर दिखने लगा है और यही कारण है कि इन चुनाव में धामी द्वारा बिछाई गई राजनीतिक बिसात में विपक्ष चारो खाने चित नजर आ सकता है?
निकाय चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो रखा है और पिछले चंद दिनों से चुनावी रण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद उतर आये हैं और उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों की जीत के लिए रोड-शो और जनसभायें करने का जो दौर शुरू किया हुआ है उससे हर तरफ कमल के खिलने की गूंज के नारे सुनाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जहां पर भी रोड-शो और जनसभायें करने के लिए पहुंच रहे हैं वहां सैकडों लोगों का हुजूम उनके साथ कारवां बनकर चल रहा है तो वहीं उनकी जनसभाओं में धामी-धामी के नारों की हो रही गूंज से यह साफ नजर आ रहा है कि आज जनमानस अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर उन्हें यह वचन दे रहा है कि वह राज्य में कमल खिलाने के लिए उनके साथ खडे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की रोड-शो और जनसभाओं में जनमानस को देखकर दिखाई दे रही सादगी और हाथ जोडकर उनके द्वारा पार्टी प्रत्याशियों का जिताने का जो वचन लिया जा रहा है उससे जनमानस मुख्यमंत्री को खुले मंच से विश्वास दिला रहा है कि वह चुनाव में कमल खिलाने के लिए तैयार हैैं। उत्तराखण्ड की राजनीति में आज युवा मुख्यमंत्री उस मुकाम पर खडे हुये नजर आ रहे हैं जहां आज तक कोई भी पूर्व मुख्यमंत्री खडा हुआ नजर नहीं आया था? उत्तराखण्ड के अन्दर एक नये अंदाज में मुख्यमंत्री सियासत कर रहे हैं और उन्होंने सियासत के लिए जो पैमाना तैयार किया है उसके चलते आज उत्तराखण्ड की जनता मुख्यमंत्री की स्वच्छ व पारदर्शी राजनीति को देखकर उनकी कायल हो रखी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने तीन साल से अधिक के कार्यकाल में एक बार भी अहंकार की राजनीति को नहीं अपनाया और यही कारण है कि आज राज्य की जनता मुख्यमंत्री के फलावर अंदाज से चलाई जा रही सरकार को देखकर यह विश्वास पाल चुकी है कि मुख्यमंत्री के रहते हुए आज उत्तराखण्ड की जनता अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रही है तो वहीं बाइस सालों से जिस विकास की राह देख रही थी वह विकास अब उन्हें सपने में नहीं बल्कि धरातल पर नजर आने लगा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राजनीति का चमत्कारी नेता माने जाने लगा है क्योंकि वह आवाम के दिलों को पलटने में जो हुनर केदारनाथ के उपचुनाव में दिखाने के लिए आगे आये थे उससे यह साफ हो गया कि वह आवाम को यह यकीन दिलाने में सफल हो रहे हैं कि सरकार उनके साथ खडी हुई है और सारा उत्तराखण्ड उनका परिवार है और वह अपने परिवार के साथ हमेशा खडे हुये नजर आयेंगे।