बस्ती बचाने को मोर्चा ने दी शासन में दस्तक

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड में विपक्ष को जो जनहित के मुद्दों पर सरकार को जगाना चाहिए और शासन को संदेश देना चाहिए कि वह आवाम की रक्षा के लिए हमेशा उनके साथ खडा रहे। हालांकि विपक्ष आपसी गुटबाजी में ही घिरा हुआ है और वह एक गरीब इंसान की तार-तार होने वाली उम्मीदों पर उसके साथ खडा हुआ जब नजर नहीं आ रहा तो ऐसे में जनसंघर्ष मोर्चा उनका रक्षक बनकर उनके साथ खडा हुआ है। जनसंघर्ष मोर्चा पछुवादून मे आज एक आम इंसान की आवाज बन चुका है और जहां पर भी एक आम इंसान पर सरकारी डंडा चलने का संकट खडा होता है तो जनसंघर्ष मोर्चा उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडा हो जाता है और यही कारण है कि आज पछुवादून में जनसंघर्ष मोर्चा हर उस लडाई को शांतभाव से लडने के लिए आगे आ रहा है जहां उसे परिवार के परिवार उजडने की आशंका नजर आ रही है। जनसंघर्ष मोर्चा ने ढकरानी क्षेत्र की शक्ति नहर के किनारे कई दशकों से बसे ग्रामीणों को जल विद्युत निगम द्वारा बस्ती उजाडने का नोटिस दिये जाने को लेकर जनसंघर्ष मोर्चा उनके साथ आकर खडा हो गया और उन्होंने बस्ती बचाने के लिए शासन में दस्तक देते हुए भूमि का पुन: चिन्हिकरण व उन्हें मौहल्लत देने की अपनी मांग रखते हुए अपील की है कि वहां रहने वाले ग्रामीण पचास साठ साल से अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं ऐसे में उन्हें इस दौर मे उजाडना गलत है।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सचिव, ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम से मुलाकात कर विकासनगर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम ढकरानी स्थित शक्ति नहर किनारे कई दशकों से बसे ग्रामीणों को जल विद्युत निगम द्वारा बस्ती उजाडऩे के नोटिस देने के मामले में आग्रह किया कि उक्त भूमि का पुन: चिन्हीकरण, पूर्व में प्रशासन व निगम द्वारा स्थापित पिलर्स तक ही अतिक्रमण ध्वस्त करने व मोहलत प्रदान की मांग रखी, जिस पर सुंदरम ने प्रबंध निदेशक, यूजीवीएनएल को निर्देश दिए तथा आश्वासन दिया कि बातचीत एवं बैठक के जरिए ही कोई रास्ता निकाला जाएगा। नेगी ने कहा कि उक्त नोटिसों के मिलते ही ग्रामीणों में चिंता घर कर गई थी तथा परिजन रात को सो भी नहीं पा रहे थे।
हाल ही में ग्रामीणों का दर्द जानने मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने मौके पर स्थिति को परखा था। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में निगम द्वारा अपनी अधिकारिकता वाली भूमि पर पिलर्स लगाकर चिन्हांकन कर दिया गया था, लेकिन फिर उन पिलर्स की सीमा रेखा को मानने से इनकार कर दिया गया। ऐसे हालत में जब सर्दी का मौसम चल रहा हो, बस्ती उजाडऩे वाला मामला बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। ग्रामीणों ने बताया कि कई भूमि ऐसी हैं, जो बैनामे के द्वारा खरीदी गई हैं, उनको भी नोटिस जारी किया गया है। नेगी ने भरोसा जताया कि शीघ्र ही ग्रामीणों की समस्या का निदान होगा। प्रतिनिधिमंडल में -भीम सिंह बिष्ट मौजूद थे।

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