धामी का राज्य के उत्पादों से असीम प्रेम

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देहरादून(संवाददाता)। मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को देश-विदेश में एक नई पहचान दिलाने के जिस एजेंडे पर आगे बढ़ चले हैं वह उत्तराखण्ड की दशा और दिशा को बदलने के सफर पर आगे बढता जा रहा है। पहाडों में मातृशक्ति को स्वरोजगार से जोडकर उनके द्वारा तैयार किये जा रहे उत्पादों को एक नई पहचान दिलाने का उन्होंने जो सिलसिला शुरू कर रखा है उससे आज पहाड की महिलायें स्वरोजगार के क्षेत्र में अपनी उसी तरह से पहचान बनाती जा रही हैं जैसे किसी ब्रांड को लेकर उसकी कम्पनी आवाम के बीच अपनी पहचान बनाती है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में मोटे अनाज के उत्पादन को लेकर जो अपना असीम प्रेम दिखा रखा है उससे उत्तराखण्ड में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यह उत्पाद काफी दिलअजीज लग रहे हैं। आज पहाड मे पहाडी खाने को जिस अंदाज में मुख्यमंत्री ने एक बडी पहचान दिलाने के लिए अपने कदम आगे बढाये हुये हैं उससे अब यह पहाडी खाना पर्यटकों की भी पहली पसंद बनता हुआ नजर आने लगा है। मुख्यमंत्री का उत्तराखण्ड के उत्पादों से दिखाई दे रहे असीम प्रेम की गूंज अब देश व विदेश मे भी तेजी के साथ गूंजती हुई दिखाई दे रही है और उत्तराखण्ड के यह उत्पाद आज अपनी उस पहचान के झंडे गाड रही है जो बाइस सालों से अपनी पहचान को तरस रही थी?
उत्तराखण्ड बनने के बाद से ही राज्य के उत्पादों को देश-विदेश में एक नई पहचान दिलाने के लिए कभी किसी सरकार ने ऐसी कोशिश नहीं कि की उसका नाम देश-विदेश में खूब गूंज सके। उत्तराखण्ड के अन्दर काफी उत्पाद ऐसे हैं जिन्हें एक बेहतर उत्पाद के रूप में देखा जाता है लेकिन वह आवाम की पसंद बनने से हमेशा चूकते रहे लेकिन जबसे उत्तराखण्ड की कमान युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों में आई है तो उन्होंने उत्तराखण्ड के इन उत्पादों को देश-विदेश में एक नई पहचान दिलाने के लिए उनका प्रचार-प्रसार जिस शैली से शुरू कर रखा है उसी का परिणाम है कि आज राज्य के उत्पादों को लेकर देश-विदेश के लोग उसका आनंद ले रहे हैं। उत्तराखण्ड के अन्दर काफी उत्पाद ऐसे हैं जिन्हें दिलअजीज माना जाता है लेकिन वह एक लम्बे दशक से अपनी पहचान को नई उडान नहीं दे पाये थे जिसके चलते उत्तराखण्डवासियों को यह निराशा होती थी कि उत्तराखण्ड के अपने उत्पाद कब अपनी पहचान बनायेंगे जिससे कि उनका व्यापार तेजी के साथ आगे बढता चला जाये। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के उत्पादों के प्रति लम्बे समय से अपना असीम प्रेम दिखाना शुरू कर रखा है और आज राज्य मे आने वाले लाखों श्रद्धालु और पर्यटक पहाडी नाश्ते का खूब आनंद लेते हुए दिखाई दे रहे हैं और उन्हें जब यह नाश्ता परोसा जाता है तो उसे उसकी वो महक नजर नहीं आती जिसके लिए इस नाश्ते को दिलअजीज बताया जाता है लेकिन जब कोई भी पर्यटक या यात्री उस नाश्ते का आनंद लेता है तो वह उस नाश्ते को खाकर भाव विभोर हो जाता है कि उत्तराखण्ड के अन्दर राज्य के एक काफी उत्पाद ऐसे हैं जो अब तक विश्व प्रसिद्ध बन जाने चाहिए थे। मुख्यमंत्री ने अपने भोजन में जिस तरह से पहाडी खाने को शामिल किया है और वह उसका प्रचार अब खुलकर कर रहे हैं तो उससे उत्तराखण्ड में तैयार हो रहे इन उत्पादों को देश-विदेश में एक नई पहचान मिल रही है। आज उत्तराखण्ड के अन्दर मंडुवे की रोटी की खूब धूम मची हुई है तो वहीं तिल और भांग की चटनी का चलन होटलों से लेकर पार्टियों और शादियों में भी खूब देखने को मिल रहा है। उत्तराखण्ड के लाल चावल आज देश-विदेश में अपनी एक नई पहचान बना चुके हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस लाल चावल की खुशबू को लेकर जो कसीदे पढे हैं उसके चलते राज्यवासियों और पर्यटकों के साथ श्रद्धालुओं को भी यह खूब रास आ रहे हैं। झंगोरे की खीर आज उत्तराखण्ड में अपनी एक नई पहचान बना चुकी है और इस खीर का आनंद आज शादियों में भी खूब उठाया जा रहा है। उत्तराखण्ड के अन्दर अब यह बहस चल रही है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के उत्पादों के प्रति जो अपना असीम प्रेम दिखा रखा है उसी के चलते आज उत्तराखण्ड के इन उत्पादों की देश-विदेश में खूब धूम मच रही है और राज्य के किसान भी इन उत्पादों की खेती करके एक नई दिशा में आगे बढते हुये नजर आ रहे हैं।

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