उत्तराखंड के किसानों से राज्य सरकार ने इस साल 31०० मीट्रिक टन मंडुआ खरीदा

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देहरादून(संवाददाता)। मुख्यमंत्री गर्व से कहते हैं कि उत्तराखंड में मंडुआ परंपरागत तौर पर उगाया जाता है। यह पौष्टिक होने के साथ ही आर्गेनिक भी होता है। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मिलेट्स उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने के बाद भी मंडुआ की मांग बढ़ी है। इसलिए राज्य सरकार सीधे किसानों से मंडुआ खरीद करते हुए, उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। उत्तराखण्ड के किसानों से राज्य ने बीते साल सैकडों मीट्रिक टन मंडुआ खरीदा। मुख्यमंत्री का कहना है कि सरकार ने किसानों को मंडुए की खरीद का मूल्य उतना ही दिया जितने की मांग किसानों द्वारा सरकार से की गई थी। मुख्यमंत्री ने मंडुआ खरीदने के लिए जिस विजन के साथ अपने आपको आगे रखा है उससे आज किसानों के मन में एक आशा की किरण जाग गई है कि वह मंडुए की खेती करेंगे तो सरकार उन्हें अच्छा दाम देगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि कुछ समय पहले तक उपेक्षित रहने वाला मंडुआ अब हाथों हाथ बिक रहा है। अब राज्य सरकार ने ही इस साल विभिन्न सहकारी और किसान संघों के जरिए उत्तराखंड के किसानों से 31०० मीट्रिक टन से अधिक मंडुआ खरीदा है। सरकार ने इस साल किसानों को मंडुआ पर 42०० प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य भी दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सीढ़ीदार खेतों में परंपरागत रूप से मंडुआ की खेती होती रही है। लेकिन कुछ साल पहले तक मंडुआ फसल उपेक्षा का शिकार रहती थी, जिस कारण किसानों का भी मंडुआ उत्पादन के प्रति मोह भंग होने लगा था। लेकिन केंद्र और उत्तराखंड सरकार द्वारा अब मिलेट्स फसलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिस कारण उत्तराखंड में मंडुआ उत्पादक क्षेत्र के साथ ही उत्पादन भी बढ़ रहा है। मौजूदा सरकार ने मंडुआ उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए सबसे पहले 2०22 इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत के तहत, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदना शुरू किया। साथ ही उपभोक्ताओं तक मिलेट्स उत्पाद पहुंचाने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लेकर मिड डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण कार्यक्रम में इसे शामिल किया गया। मुख्यमंत्री का कहना है कि इसी तरह सरकार ने स्टेट मिलेट मिशन शुरू करते हुए, उत्पादन बढ़ाने के साथ ही, मिलेट्स उत्पादों को अपनाने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार, किसानों से खरीद से लेकर भंडारण तक की मजबूत व्यवस्था तैयार की। वहीं किसानों को बीज, खाद पर अस्सी प्रतिशत तक सब्सिडी दी गई।
मुख्यमंत्री ने आवाम के सामने आकडा रखते हुए बताया कि सरकार ने 27० केद्रों के जरिए मंडुए की खरीद की है और सरकार ने दूर दराज के किसानों से मंडुआ खरीदने के लिए बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से जगह – जगह संग्रह केंद्र स्थापित किए। इस प्रयोग की सफलता की कहानी यूं कही जा सकती है कि 2०2०-21 में जहां इन केंद्रों की कुल संख्या 23 थी जो 2०24-25 में बढ़कर 27० हो गई है। इन केद्रों के जरिए इस साल उत्तराखंड के किसानों से 31००.17 मीट्रिक टन, मंडुआ की खरीद की गई, इसके लिए किसानों को 42.46 प्रति किलो की दर से समर्थन मूल्य दिया गया। सरकार ने मंडुआ खरीद में सहयोग देने के लिए किसान संघों को 15० रुपए प्रति कुंतल और बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को प्रति केंद्र 5० हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। साथ ही सुनिश्चित किया गया कि केंद्रों का भुगतान 72 घंटे में कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि मंडुए के समर्थन मूल्य में 68 प्रतिशत का उछाल आया है और प्रदेश में 2०21-22 में मंडुआ समर्थन मूल्य कुल 25०० प्रति कुंतल था, जो 2०24-25 में 42०० प्रति कुंतल हो गया है। इस तरह दो साल के अंतराल में ही समर्थन मूल्य 68 प्रतिशत बढ़ गया है। किसानों तक इसका लाभ पहुंचने से मंडुआ उत्पादन क्षेत्र भी बढ़ रहा है। इसके साथ ही सरकार ओपर मार्केट और हाउस ऑफ हिमालय के जरिए भी मंडुआ उत्पादों को प्रोत्साहन दे रही है।

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