बॉबी के अटैची बम से कटधरे में नौकरशाही?

0
33

प्रमुख संवाददाता
देहरादून। नये साल के पहले दिन बेरोजगार संघ के अध्यक्ष ने अपने चंद साथियों के साथ मिलकर सचिवालय द्वार पर नोटो की अटैची लाकर सरकार और सिस्टम को ललकारते हुए दहाड लगा दी थी कि शाम पांच बजे के बाद सचिवालय के अन्दर नोटो की अटैचियां जाती हैं और वह भी शाम को सचिवालय के अन्दर अटैची लेकर जायेंगे। बॉबी के इस सनसनीखेज अटैची बम आरोप से नौकरशाही कटघरे मे खडी हो गई और यह सवाल पनपा की आखिरकार बॉबी पवार किसके इशारे पर सरकार की छवि पर दाग लगाने के लिए इतना बडा आरोप लगाने के लिए नव वर्ष के पहले दिन ही सचिवालय गेट पर आ धमका था? गजब की बात है कि राज्य की जनता मान रही है कि मुख्यमंत्री पारदर्शिता और स्वच्छता के साथ सरकार चला रहे हैं लेकिन बॉबी पवार ने पच्चीस साल के इतिहास मे पहली बार सचिवालय द्वार पर अटैची बम का अनोखा विरोध करके जिस तरह सरकार और शासन को ललकारा है उससे बहस छिड गई है कि क्या राज्य के दबंग सीएम सचिवालय में नोटो की अटैचियां ले जाने का आरोप लगाने वाले बॉबी पवार के खिलाफ कडा एक्शन लेते हुए जांच के आदेश देंगे कि बॉबी इस बात का प्रमाण दे कि सचिवालय मे कौन नोटो की अटैचियां लेकर जाता है और यह अटैचियां किसे दी गई हैं?
उत्तराखण्ड का इतिहास गवाह है कि राज्य बनने के बाद से जब भी सचिवालय के द्वार के पास कोई भी प्रदर्शन या धरना हुआ तो सभी संगठनों ने अपनी मांग को लेकर अपनी बात रखी और सरकार व सिस्टम पर कभी ऐसा आरोप नहीं लगाया जिससे कि सरकार और शासन की छवि पर कोई दाग लग सके। हैरानी वाली बात है कि नये साल के पहले दिन बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार ने फिल्मी अंदाज में सचिवालय द्वार पर अपने साथियों के साथ एंट्री की और जब उनके द्वारा सचिवालय पास न होने पर अन्दर जाने से रोका गया तो उन्होंने सरकार और शासन को ललकारने का जो दाग लगा दिया वह हर इंसान को अचम्भे में डाल गया था? सवाल यह है कि आखिरकार बॉबी पवार ने कैसे सचिवालय के अफसरों को कटघरे मे खडा करते हुए यह खुला आरोप लगा दिया कि शाम पांच बजे के बाद सचिवालय के अन्दर नोटो की अटैचियां जाती हैं? बॉबी पवार ने सचिवालय के अफसरों को अनोखे अंदाज मे ललकारने के लिए अपने साथ वह जिस तरह से नोटो की अटैची लेकर सचिवालय द्वार पर तमाशा करते हुए नजर आये उससे हर कोई हैरान हो गया? बॉबी पवार का अटैची बम नौकरशाही को कटघरे मे खडा कर गया और यह बात उठने लगी कि आखिरकार बॉबी पवार के पास ऐसा कौन सा प्रमाण है कि सचिवालय के अन्दर शाम पांच बजे के बाद नोटो की अटैचियां ले जाई जाती हैं? बॉबी पवार का सचिवालय के अन्दर नोटो की अटैचियां ले जाने का आरोप लगाना सरकार और नौकरशाही के लिए खुली चुनौती के रूप मे ही देखा जा रहा है और सवाल खडे हो रहे हैं कि आखिरकार बॉबी पवार बार-बार कैसे सचिवालय के कुछ अफसरों को किसके इशारे पर अपना निशाना बना रहा है?
बॉबी पवार ने नवम्बर 2०24 में सचिवालय के अन्दर एक बडे अफसर के कार्यालय में उनके साथ अभद्रता की और वहां पर उन्होंने जिस तरह से अपने साथियों के साथ बवाल मचाया था उसका मुकदमा भी दर्ज हुआ था और राज्य की आईएएस लॉबी ने भी अपनी नाराजगी दिखाई थी लेकिन यह जांच कहां चली गई यह अभी एक रहस्य ही बना हुआ है? उत्तराखण्ड के गलियारों में यह बहस चल रही है कि सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए सचिवालय मे मौजूद अफसर सारा खाका तैयार करते हैं और अगर सचिवालय के अफसरों को ही कटघरे मे खडा किया जा रहा है तो यह उत्तराखण्ड के लिए शुभ संकेत नहीं है? हर तरफ यही आवाज है कि एक ओर तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पारदर्शिता और स्वच्छता के साथ सरकार चला रहे हैं लेकिन बॉबी पवार जैसे नेता अगर अटैची बम के सहारे नौकरशाही को कटघरे मे खडा कर रहा है तो इस मामले मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी कडा एक्शन लेना चाहिए कि बॉबी पवार ने जो आरोप लगाये हैं उसके लिए वह जांच के आदेश देकर बॉबी पवार से यह प्रमाण मांगे कि वो बताये कि सचिवालय में कौन नोटो की अटैचियां लेकर जाता है और अटैचियां ले जाने वाला किन अफसरों के पास उसे आज तक लेकर गया है क्योंकि यह आरोप सरकार और शासन की प्रतिष्ठा को चुनौती दे गया?

LEAVE A REPLY