देहरादून के रानीपोखरी में भू-माफिया का तीन सौ करोड़ का खेल

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पर्यटन हब के नाम पर मिली जमीन, प्लॉट के नाम पर हो गई करोड़ों की ठगी
देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड के अन्दर भू-कानून को लेकर अब एक नई अलख जगनी शुरू हो गई है और राज्य में बाहर के बडे-बडे लोगों द्वारा खरीदी गई जमीनों के खेल का सच बाहर लाने के लिए भू-कानून संघर्ष समिति ने उत्तराखण्ड में जमीनों को लेकर हुये खेल को बेनकाब करने का अब सिलसिला शुरू कर दिया है और इसी के चलते राजधानी के रानीपोखरी में भू-माफियाओं द्वारा कथित रूप से खेले गये तीन सौ करोड के खेल का सारा राज बेनकाब करने के लिए मिशन शुरू हुआ है और समिति ने सरकार के पाले मे गेंद फेंकते हुए कहा है कि सरकार भू-माफियाओं से जमीन वापस लो और पर्यटन विभाग को भी संदेश दिया है कि वह विभाग की 123 बीघा जमीन को सरकार में निहित करायें। रानीपोखरी में तीन सौ करोड की जमीन को लेकर अब जो नया जिन्न बोतल से बाहर निकला है उससे अब देखना होगा कि सरकार इस पर क्या एक्शन लेती है? उत्तराखण्ड के अन्दर सशक्त भू-कानून बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने एक बडा संकल्प राज्यवासियों के सामने लिया है इसलिए उन जमीनों पर अब एक्शन शुरू होने की उम्मीद जाग चुकी है जो सरकार ने उद्योग लगाने के लिए दी थी लेकिन वहां उद्योग न लगाकर उनकी कीमतों को आसमान छूने देने के लिए उन्हें खाली रखा हुआ था।
उत्तराखंड में जमीनों का एक बड़ा घोटाला सामने आया है। पर्यटन हब के नाम पर दी गई जमीन पर भू-माफिया ने प्लॉट देने के नाम पर पहाड़ के लोगों से करोड़ों रुपए ठग लिए। मामला संज्ञान में आने के बाद मूल निवास, भू-कानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी अपने साथी नमन चंदोला के साथ देहरादून के रानीपोखरी (झीलवाला) पहुँचे तो वह इस खेल को देखकर दंग रहे गये। दरअसल, आरए कंस्ट्रक्शन रियल एस्टेट कंपनी द्वारा यहां 123 बीघा जमीन पर ऋषिधाम एनक्लेव नाम से प्लॉटिंग का काम शुरू किया गया। जबकि यह जमीन पर्यटन हब के नाम पर दी गई थी।
मोहित डिमरी ने कहा कि कंपनी द्वारा दो साल पहले प्लॉटिंग का काम शुरू किया गया और खरीददारों से पचास प्रतिशत धनराशि एडवांस में ली गई, वहीं खरीददारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि दो साल बीत जाने के बावजूद ना उनके पैसे वापस मिले हैं और ना प्लाट। आज स्थिति यह है कि जिन लोगों ने प्लॉट के लिए 5० प्रतिशत एडवांस दिए, वो अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। 123 बीघा जमीन का बाजार मूल्य लगभग तीन सौ करोड़ है। मूल निवास – भू कानून समन्वय संघर्ष समिति, जब तक हर एक खरीददार को उसका पाई-पाई पैसा वापस नहीं दिलाती, पीछे नहीं हटेगी। हम मांग करते हैं कि जल्द पर्यटन विभाग की 123 बीघा जमीन को सरकार में निहित किया जाय और लुटेरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाय।
उन्होंने कहा कि पचास प्रतिशत की धनराशि लोगों ने एडवांस दे दिये है और लोगों के पैसे वापस नहीं किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि टाउनशिप के नाम पर जो प्रोजेक्ट चल रहा है और जो कंपनी के द्वारा उत्तराखंड के भोले भाले लोगों से लाखों करोड़ों रूपये वसूले गये और कंपनी के अधिकारियों से वार्ता हुई है तो वह कह रहे है कि कंपनी लोगों का पैसा वापस करेगी और पर्यटन हब के नाम पर जमीन ली गई और प्लॉटिंग के नाम पर पैसा वापस दिया जाये और राज्य सरकार इस जमीन को अपने कब्जे में लेकर सरकार में निहित की जाये और जल्द ही लोगों का पैसा वापस नहीं किया गया तो व्यापक स्तर पर आंदोलन किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जमीनों के घोटालों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और टूरिज्म विभाग से 123 बीघा भूमि 1० से बारह साल पूर्व भूमि ली गई है और अभी तक कई लोगों को भूखंड दिये गये है कि एक तो यह जो जमीन है और उनका पाई पाई वापस करेंगें और पैसा वापस नहीं हुआ तो जहां जहां पर कंपनी के ऑफिस होंगें वहां की जिम्मेदारी आपकी होगी। उन्होंने कहा कि जमीन को सरकार में निहित करने की कार्यवाही शुरू की जाये और टूरिज्म में ही प्रोजेक्ट पास कराया जायेगा और कंपनी के अधिकारियों ने दावा किया है। उन्होंने कहा कि प्लॉट के नाम पर हमारे लोगों से जो पैसा लिया है उसकी पाई पाई वापस करोगे और कंपनी के अधिकारियों ने एक एक पाई को वापस करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही लोगों के पैसों को वापस नहीं किया गया तो आंदोलन किया जायेगा।

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