धामी की सत्ता से गदगद हैं उत्तराखण्डवासी

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड के केदारनाथ में उपचुनाव में मुख्यमंत्री ने उन सभी साजिशों को गहरे समुद्र के भवर मे फेंक दिया था जहां से वह बाहर ही न निकल पायें। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ में ऐतिहासिक जीत दर्ज करके उन सभी राजनेताओं को आईना दिखा दिया है जो हमेशा मुख्यमंत्री बनने की दौड में खूब आगे बढ़े रहते थे? मुख्यमंत्री की मौजूदा दौर में अभेद राजनीति राज्यवासियों के लिए एक सुखद भाव दे रही है और उन्हें यह इल्म हो चुका है कि मुख्यमंत्री की स्वच्छ और पारदर्शी राजनीति का आईना देखकर भाजपा हाईकमान उन्हें एक लम्बे युग तक उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन रखेगा। उत्तराखण्ड की जनता अब यह कहने से नहीं चूक रही कि सीएम साहब आपका साथ है तो…..।
मुख्यमंत्री राजनीति के उस शिखर पर पहुंच रहे हैं जहां पहुंचने में बडे से बडे राजनेता को एक लम्बा युग बीत जाता है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बताये गुरूमंत्र पर सरकार चलाने का रास्ता अपनाया और यह रास्ता उन्हें हमेशा ऊंचे शिखर पर ले जाता हुआ दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री सबका साथ और सबका विकास के एजेंडे पर अपनी सरकार चला रहे हैं और उनकी इस रणनीति से विपक्ष की धार भी मुख्यमंत्री के सामने हमेशा कूंद होती हुई नजर आई है? मुख्यमंत्री बेदाग होकर सरकार चला रहे हैं लेकिन यह भी सच है कि उनके चंद मंत्रियों पर विपक्ष जिस तरह से उंगलियां उठा रहा है उससे मुख्यमंत्री के उत्तराखण्ड को 2०25 तक गुलजार करने के विजन को कहीं न कहीं धक्का लग रहा है? मुख्यमंत्री को भाजपा हाईकमान ने आक्रामक प्रचारक के रूप में अपनी टीम में शामिल किया हुआ है और देखने को मिलता रहा है कि जहां पर भी चुनाव हुये वहां भाजपा हाईकमान के आदेश पर मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने आक्रामक प्रचार करते हुए विपक्ष को हमेशा यह कहकर चुनौती दी कि अगर किसी भी राज्य में कांग्रेस या उसके गठबंधन की सरकार बनी तो वहां भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच जायेगा? मुख्यमंत्री का आक्रामक प्रचार भाजपा के दिग्गज नेताओं को खूब रास आ रहा है और यही कारण है कि उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री की ताजपोशी एक लम्बे युग तक रहेगी इसमें कोई शंका नजर नहीं आती।
उत्तराखण्ड की राजनीति के बडे चाणक्य बनकर उभरे मुख्यमंत्री ने डबल इंजन सरकार के साथ राज्य के विकास को बडे पंख लगाने की दिशा मे जो काम किये उसी का परिणाम रहा कि उत्तराखण्ड मे केदारनाथ में हुये उपचुनाव में मुख्यमंत्री की रणनीति से बाबा की नगरी में कमल का फूल खिलने से कांग्रेस को एक बडा झटका लगा था। उत्तराखण्ड मे सत्ता चला रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आवाम की नजर मे एक धाकड़ मुख्यमंत्री के रूप मे उस समय अपनी पहचान बनाने मे सफल हो गये थे जब उन्होंने राज्य को आदर्श राज्य बनाने की दिशा मे अपने कदम आगे बढाये और अपराधियों, माफियाओं, नकल माफियाओं की नाक मे उन्होंने बडी नकेल डालने का सिलसिला शुरू किया था। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड बनने के बाद से राज्य मे अभिशाप बन चुके लैंड और लव जिहाद को खत्म करने की दिशा मे जिस दिलेरी के साथ अपना हंटर चलाया उससे ऐसे जेहादियों मे खलबली मच गई थी और आज राज्य के अन्दर लव और लैंड जेहाद का शोर कहीं सुनने को नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री आवाम के बीच प्रसिद्धि के जिस द्वार पर खड़े हो गये हैं वहां उनका राजनीतिक इकबाल बडे-बडे राजनेताओं की तर्ज पर दिखाई देने लगा है। उत्तराखण्ड से लेकर देशभर मे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का राजनीतिक इकबाल उस बुलंदी पर पहुंच चुका है जहां पहुंचने मे बडे-बडे राजनेताओं को एक लम्बा समय लग जाता है। मुख्यमंत्री ने सत्ता चलाने का जो गुरूमंत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लिया था उस मंत्र से सरकार चलाने में आगे बढे पुष्कर सिंह धामी आज उत्तराखण्डवासियों की पहली पंसद बनकर उन्हें उत्तराखण्ड को अग्रणीय राज्य बनाने के लिए अपना खुला साथ दे रहे हैं।

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