सीएम ने शिवानी को पालने का लिया संकल्प

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री का बच्चों से असीम लगाव किसी से छिपा नहीं है और वह हर समारोह मे अपने सामने आने वाले मासूम बच्चों को अपना आशीर्वाद देने के लिए जहां आगे बढते हैं वहीं नन्हें-मुन्ने बच्चों को वह अपनी गोद मे उठाकर असीम दुलार देकर सबको चकित करते आ रहे हैं और यही कारण है कि मासूम बच्चों ने मुख्यमंत्री को अंकल मामा मान रखा है। वहीं अल्मोडा के मार्चुला मे हुये बस हादसे मे अपने माता-पिता को हमेशा के लिए खो देने वाली शिवानी को इस बात का इल्म ही नहीं है कि उसके सिर से माता-पिता का साया हट गया है और वह घायल अवस्था मे अपनी मां से मिलने की जिस जिद्द पर अडी हुई है उसे सुनकर हर किसी के आंखो मे आंसू बह रहे हैं क्योंकि अब शिवानी कभी अपनी मां और पिता का चेहरा नहीं देख पायेगी। हादसे मे शिवानी के माता-पिता की मौत ने मुख्यमंत्री के दिल को पसीज कर रख दिया है और वह अब शिवानी के पालनहार बनकर उसे उस मुकाम पर ले जायेंगे जिस मुकाम पर शिवानी को ले जाने के लिए उसके माता-पिता ने सपना संजोया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड की राजनीति मे पहले ऐसे राजनेता दिखाई दे रहे हैं जो भावुकता के भवर मे बह जाते हैं और यही कारण है कि उन्हें एक दिल अजीज मुख्यमंत्री के रूप मे राज्य की जनता अपना आशीर्वाद देने के लिए आगे आ रही है। उधमसिंहनगर के नानकमत्ता मे कुछ माह पूर्व जब डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की गोली मारकर भाडे के हत्यारों ने हत्या कर दी थी तो मुख्यमंत्री डेरा साहब मे उन्हें अपनी श्रद्धांजलि देने के दौरान डेरे मे मौजूद एक बुजुर्ग से मिलने के दौरान उनकी आंखो से जो आंसू बहाये थे उसे देखकर उत्तराखण्ड का हर बाशिंदा यह समझ गया था कि मुख्यमंत्री एक भावुक राजनेता हैं और वह एक इंसान की मौत पर इतना आहत होते हैं कि उसकी कल्पना राजनीति मे तो कोई नहीं कर सकता। अल्मोडा मे बीते रोज जब जीएमओयू की एक बस मार्चुला मे हादसे का शिकार हुई तो उसमे छत्तीस यात्रियों की दर्दनाक मौत हो गई और चौबीस यात्री गंभीर रूप से घायल हो गये थे। इस हादसे से देशभर के लोगों का दिल दहल गया था। इस हादसे मे एक मासूम बच्ची शिवानी के माता-पिता हमेशा के लिए मौत की नींद सो गये और जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घायलों को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे तो शिवानी के सिर से माता-पिता का साया उठने पर वह अत्यंत भावुक दिखाई दिये और उसी समय उन्होंने शिवानी का पालनहार बनने का संकल्प लिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने कहा कि बस हादसे मे माता-पिता को खोने वाली की देखभाल और उसकी शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने का उन्होंने संकल्प लिया है ताकि वह जीवन मे आगे बढकर स्वयं और माता-पिता के सपनों को साकार कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुखद घटना मे जिन्होंने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनायें हैं। उन्होंने कहा कि एक मुख्य सेवक और परिवार के सदस्य के रूप मे मैं इस पीडा को समझता हंू। उन्होंने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि ऐसे विपरीत समय मे एकजुट होकर प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करें और उनके जीवन को पुन: स्थिरता देने मे अपना योगदान दें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संकट के इस दौर मे मृतकों के परिजनों और घायलों के साथ खडे होकर उनका साथ देने का जो संकल्प लिया है उससे साफ नजर आ रहा है कि वह उत्तराखण्ड को अपना समूचा परिवार मानकर उसके सुख-दुख में उसके साथ खडे हुये हैं।

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