धामी राज में आवाम रोज मना रहा विकास की दीपावली

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देहरादून(संवाददाता)। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री ने तीन साल पहले जब पद पर आसीन होने के लिए शपथ ली थी तो उन्होंने मंच से ही ऐलान किया था कि उनका सत्ता मे रहते हुए बस एक ही लक्ष्य रहेगा कि हर तरफ उत्तराखण्ड गुलजार दिखे और राज्यवासियों को अपने राज्य में हर दिन विकास की दीवाली देखने को मिलती रहे। मुख्यमंत्री तीन साल से हर रोज विकास की दीवाली मनाने के लिए जिस जुनून के साथ काम कर रहे हैं उसे देखकर राज्य की जनता गदगद नजर आ रही है और उन्हें इस बात का इल्म हो चला है कि राज्य अब विकास की जिस उडान पर उड चला है वह उन्हें और उनके लॉडलों के भविष्य को एक नई उडान पर ले जा रहा है। मुख्यमंत्री ने तीन साल के शासनकाल मे अपने ऊपर तो तिनकाभर भी कोई दाग नहीं लगने दिया और वह स्वच्छता और पारदर्शिता के साथ सरकार चलाने का जो हुनर दिखाते आ रहे हैं उससे देश के प्रधानमंत्री भी मुख्यमंत्री की स्वच्छ राजनीति के कायल हो रखे हैं और यही कारण है कि वह मुख्यमंत्री को अपना छोटा भाई और सखा मानकर उत्तराखण्ड को विकास की एक नई दिशा देने के लिए उनकी झोली मे बडी-बडी विकास योजनायें देकर राज्यवासियों को डबल इंजन सरकार का आईना दिखा रहे हैं।
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जब भाजपा हाईकमान ने सत्ता सौंपी तो राज्यवासी तो हैरान हुये ही थे साथ में भाजपा के काफी बडे-बडे दिग्गज नेता भी बेचैन हो गये थे कि आखिरकार एक युवा जिसे आज तक भाजपा शासनकाल में मंत्रीमण्डल मे शामिल तक नहीं किया गया उन्हें सीधे मुख्यमंत्री की कमान आखिर कैसे सौंप दी गई? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य बनने के बाद से ही उत्तराखण्ड की राजनीति और अफसरशाही को करीब से देखा था और उन्हें इस बात का इल्म था कि उत्तराखण्ड के अन्दर अगर सत्ता को अभेद बनाकर रखना है तो पहले किसी भी राजनेता को आवाम का दिल जीतना होगा। मुख्यमंत्री को जब सत्ता मिली तो उन्होंने अपना विजन राज्य की जनता के सामने यह कहकर रखा था कि वह उनके बीच मुख्यमंत्री बनकर नहीं बल्कि जनसेवक बनकर रहेंगे और उन्होंने अपने इस वायदे को सच करते हुए जब अपनी सत्ता की फ्लावर रूप मे आवाम के बीच धमक दिखाई तो उस धमक को देखकर राज्य की जनता यह कहने से नहीं चूक रही कि उत्तराखण्ड को आज एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जो आवाम के बीच रहना चाहता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आवाम को भ्रष्टाचार से आजादी दिलाने के लिए जिस विजन के साथ अपनी दहाड लगाई उसका परिणाम आज यह है कि किसी भी विभाग मे अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी किसी भी व्यक्ति से उसका काम करने के एवज मे उससे पैसे की मांग करता है तो उसी दिन से उसका बूरा काल शुरू हो जाता है और तीन साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री की सख्ती के चलते लगभग 75 रिश्वतखोर अधिकारी व कर्मचारी आज जेल की सलाखों के पीछे कैद हो रखे हैं।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस बात का इल्म है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पारदर्शिता और स्वच्छता के साथ सरकार चला रहे हैं लेकिन काफी राजनेता और कुछ भ्रष्ट अफसर ऐसे हैं जो ईमानदार मुख्यमंत्री को अस्थिर करने का जरूर षडयंत्र रचते रहते हैं जिसके चलते ऐसे राजनेताओं और भ्रष्ट अफसरों पर देश की खुफिया एजेंसियां भी नजर रखती हैं जिसके चलते उत्तराखण्ड के ईमानदार मुख्यमंत्री के साथ कोई षडयंत्र न रचा जा सके? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड को विकास की जिस उडान पर ले जाने की दिशा में पहले दिन से ही अपने कदम आगे बढाये थे वह कदम विकास की राह में हमेशा आगे बढते चले गये और यही कारण है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्डवासियों को हर रोज विकास की दीवाली का गिफ्ट देने के लिए एक बडा जुनून देखने को मिलता आ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर ंिसह धामी ने डबल इंजन सरकार का जो आईना राज्य की जनता को पिछले तीन सालो ंसे दिखा रखा है उससे उत्तराखण्ड आज हर तरफ गुलजार होता हुआ नजर आ रहा है और राज्य की जनता को भी यह भरोसा हो चुका है कि मुख्यमंत्री के होते हुए उनके सपनों की रोज दीवाली हकीकत मे बदलती रहेगी।

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