केदारनाथ में होने वाले उपचुनाव को लेकर सीएम ने खुद संभाला मोर्चा

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री राजनीति के एक बडे चाणक्य बन चुके हैं और तीन सालों से वह कांग्रेस के बडे-बडे छत्रपों को अपनी राजनीतिक बिसात मे इस कदर कैद कर चुके हैं कि वे छत्रप सरकार के आगे सिर्फ मीडिया मे ही बयानवीर बनकर रह गये हैं और धरातल पर वह सरकार के खिलाफ एक भी आवाज उठाने के लिए आगे नहीं आ रहे? मुख्यमंत्री ने अपने तीन साल के कार्यकाल में विपक्ष को कभी भी अपने ऊपर हमलावर नहीं होने दिया क्योंकि वह स्वच्छता के साथ सरकार चलाने के लिए आगे बढते चले गये और आज मुख्यमंत्री की चाणक्य राजनीति में फंसकर कांग्रेस हाशिये पर जाती हुई दिखाई दे रही है? केदारनाथ मे होने वाले उपचुनाव को लेकर सीएम ने खुद आगे बढकर मोर्चा संभाल लिया है और उन्होंने प्रत्याशी चयन को लेकर जो राजनीतिक बिसात बिछाई उसमे कांग्रेस फंस गई और उसने अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी जिसके बाद यह सम्भावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री ने केदारनाथ उपचुनाव में एक बडी जीत का अध्याय बडी रणनीति के साथ लिख दिया है। मुख्यमंत्री ने पार्टी प्रत्याशी के नाम की घोषणा पर चुप्पी साधकर रखी और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा करके कहीं न कहीं भाजपा को चुनावी रणभूमि में ताकतवर मान लिया है?
केदारनाथ उपचुनाव की घोषणा के बाद से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वहां की जीत को सुनिश्चित करने के लिए शुरूआती दौर से ही बिसात बिछानी शुरू कर दी थी और उन्होंने केदारनाथ उपचुनाव को गम्भीरता से लडने के लिए पूरी व्यूहरचना रच दी थी। मुख्यमंत्री केदारनाथ उपचुनाव में एक बडी जीत हासिल कर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस जीत का तोहफा देने के लिए लम्बे समय से एक बडी रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को इस बात का इल्म था कि डबल इंजन सरकार ने केदारनाथ में विकास का जो एक नया अध्याय लिखा हुआ है उसके चलते केदारनाथ की जनता उपचुनाव में कमल खिलाने के लिए बेताब दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों को केदारनाथ मे ही मोर्चा संभालने के लिए उन्हें वहां तैनात किया हुआ है जिसके चलते मंत्री और संगठन के पदाधिकारी घर-घर यह संदेश पहुंचाने मे सफल हो चुके हैं कि धामी सरकार मे केदारनाथ मे विकास की एक नई पटकथा लिखी जा रही है और आने वाले समय मे केदारनाथ मे विकास का जो नया चेहरा देखने को मिलेगा उससे वहां की जनता को नया केदारनाथ दिखाई देगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने तीन साल के कार्यकाल मे केदारनाथ मे जाकर वहां की जनता और पंडा समाज के लोगों के साथ मिलकर वहां के विकास की जो नई तस्वीर उन्होंने दिखा रखी है उससे केदारनाथ की जनता मुख्यमंत्री के विजन से हमेशा गदगद नजर आ रही है।
केदारनाथ मे उपचुनाव मे मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक पत्ते किसी के सामने नहीं खोले और वह उपचुनाव की सारी कमान अपने हाथ मे लेकर जीत की बिसात बिछाने के बडे एजेंडे पर चाणक्य नीति के साथ आगे बढते चले गये और कांग्रेस को यह भ्रम रहा कि वह जिस तरह से केदारनाथ मे यात्रा करने के लिए आगे बढी थी उससे वहां हर तरफ जनसमर्थन मिल जायेगा? कांग्रेसियों के कुछ छत्रपो के बीच पार्टी प्रत्याशी के नाम को लेकर शुरूआती दौर से ही आपसी रार चल रही थी और उसी से यह संकेत मिल रहे थे कि पार्टी के कुछ छत्रप चुनाव जीतने में रूचि लेने के बजाए आपस मे एक दूसरे को राजनीतिक पिच पर क्लीन बोल्ड करने का मंत्र फूकते रहे? मुख्यमंत्री ने चाणक्य राजनीति का आईना कांग्रेस को दिखाना शुरू किया और उन्होंने पार्टी उम्मीदवार के नाम की आखिर समय तक घोषणा नहीं की जिस पर कल कांग्रेस ने पिछली बार विधानसभा चुनाव हारे मनोज रावत को पार्टी उम्मीदवार बनाकर अपने पत्ते खोल दिये। मुख्यमंत्री ने उम्मीदवार चयन को लेकर जो बिसात बिछाई थी उसमे वह सफल हो गये और अब उन्होंने केदारनाथ उपचुनाव मे जीत के लिए खुद कमान संभाल ली है और उनका साफ कहना है कि केदारनाथ की जनता उपचुनाव मे कमल खिलाने के लिए बेताब है।

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