प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री ने जबसे सत्ता की कमान अपने हाथों में ली है वह राज्यहित में ही रात-दिन बडे-बडे फैसले लेने के लिए आगे बढते जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री ने आवाम से जो वादे किये थे उसे धरातल पर उतारने के लिए वह एक बडे विजन के साथ आगे बढे हैं और राज्य के अन्दर यूसीसी को कानून बनाने की एक बडी जिद्द के साथ सीएम आगे बढ निकले हैं और आने वाले किसी भी समय में राज्य के अन्दर यूसीसी कानून लागू कर मुख्यमंत्री देशभर में अपनी धमक का बडा झंडा गाढ़ देंगे। मुख्यमंत्री ऐसे राजनेता के रूप में विख्यात हो गये हैं जो हवाबाजी के फैसले नहीं लेते और जो फैसले लेने के लिए वह राज्य की जनता के सामने संकल्प लेते हैं उसे धरातल पर उतारे बगैर वह चैन से नहीं बैठते। उत्तराखण्ड की जनता मुख्यमंत्री द्वारा लिये गये हर छोटे बडे फैसले को देखकर उनकी मुरीद हो रखी है और उन्हें अब यह यकीन हो चला है कि उत्तराखण्ड में जहां माफियाराज का अंत होना शुरू हो गया है वहीं राज्य में लव और लैंड जिहाद का चैपटर बंद हो चला है और उनके शासनकाल में अब कहीं भी लव और लैंड जिहाद का शोर सुनने को नहीं मिल रहा है।
उत्तराखण्ड की कमान जब युवा राजनेता पुष्कर सिंह धामी को मिली थी तो उन्होंने मंच से ही ऐलान किया था कि वह उत्तराखण्ड को एक नया उत्तराखण्ड बनाने की दिशा में जो भी कदम उठाने होंगे वह जरूर उठायेंगे। मुख्यमंत्री ने आवाम व राजनेताओं को यह भी संदेश दिया था कि वह कभी भी द्वेष भावना से सत्ता नहीं चलायेंगे और तीन साल के उनके कार्यकाल में उनका यह वचन धरातल पर शत-प्रतिशत सच होता दिखाई दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को करीब से पहचानने वाले लोगों का मानना है कि वह कभी भी हवाबाजी के फैसले नहीं लेते और जो फैसले लेने का वह संकल्प लेते हैं उसे धरातल पर उतारे बगैर वह शांत नहीं बैठते। मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव से पूर्व राज्यवासियों को वचन दिया था कि अगर राज्य में उनकी सरकार आई तो सरकार सबसे पहले राज्य के अन्दर यूसीसी को लागू करेगी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा को विपक्षी दलों ने राजनीतिक स्टंट बताया था और कहा था कि राज्य में यूसीसी लागू नहीं हो पायेगा। हालांकि उत्तराखण्ड में जब भाजपा की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शपथ लेने के बाद आवाम को वचन दिया कि राज्य में जल्द से जल्द यूसीसी लागू किया जायेगा और इसके लिए उन्होंने अपने कदम आगे बढाते हुए इसके लिए एक कमेटी का गठन भी कर दिया था जिसने राज्यभर में सफेदपोशों राजनेताओं व आम जनता से संवाद कर यूसीसी के लिए उनके सुझाव मांगे थे। एक लम्बे समय तक यूसीसी के लिए बनाई गई कमेटी ने लाखों लोगों से सुझाव लेने के बाद अपना ड्राफ्ट तैयार कर लिया था और उसके बाद यह बात उठने लगी कि राज्य में यूसीसी को जल्द से जल्द लागू करने की दिशा में सरकार के मुखिया एक बडा मास्टर स्ट्रोक कभी भी मार सकते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी के ड्राफ्ट की नियमावली विधायी और न्याय में परीक्षण के लिए भेजा हुआ है और वहां से हरी झंडी मिलते ही मुख्यमंत्री यूसीसी को राज्य में लागू करने का आदेश देकर अपने नाम का डंका बजा देंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने अब तक के कार्यकाल में सिर्फ राजनीति के लिए हवाबाजी वाले फैसले लेने के लिए कभी भी अपने आपको आगे नहीं किया और जो फैसले उन्होंने जनता के सामने लिये उसे एक-एक कर वह पूरा करते चले गये और इसी के चलते राज्य के अन्दर मुख्यमंत्री की राजनीतिक सोच को हर आदमी अब सैल्यूट कर रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने तीन साल के कार्यकाल में हिन्दुत्व के एजेंडे को धरातल पर उतारने की दिशा में जो धमक दिखाई है उससे राज्य का साधु समाज भी उनका मुरीद हो रखा है और यही कारण है कि जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने खाद्य पदार्थों में थूकने के प्रकरण सामने आये तो उन्होंने खुले मंच दहाड लगाते हुए ऐलान कर दिया कि थूक जेहाद, लव जिहाद और लैंड जिहाद के खेल अब उत्तराखण्ड के अन्दर नहीं चलेंगे और अगर किसी ने भी कोई जिहाद करने के लिए अपने आपको आगे किया तो उसे इसका वो खामियाजा भुगतना पडेगा जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की होगी।