धामी राज में चारधाम यात्रा से भाव विभोर दिखे श्रद्धालु

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प्रमुख संवाददाता
देहरादून। मुख्यमंत्री ने जबसे सरकार की कमान अपने हाथों में ली है तबसे उन्होंने चारधाम यात्रा को अपने शासनकाल में अदभूत बनाने के लिए एक बडे विजन के साथ काम किया है। मुख्यमंत्री चारधाम यात्रा से कुछ माह पहले ही यात्रा की तैयारियों को लेकर खुद मोर्चा संभालने आगे आते हैं और वह अफसरों को भी यह संदेश दे देते हैं कि चारधाम यात्रा उत्तराखण्ड का माथा देश दुनिया में हमेशा ऊंचा रखती है इसलिए देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा सुखद और सुगम का आभास करायें जिससे कि यात्रा पूरी करके अपने राज्यों और देश में जाने वाले श्रद्धालु यह डंका बजाते रहें कि उत्तराखण्ड सरकार ने उन्हें बेहतर चारधाम यात्रा कराई है। मुख्यमंत्री राज में चारधाम यात्रा से लाखों श्रद्धालु भावविभोर दिखाई दिये और उन्होंने सोशल मीडिया पर भी सुखद और सुगम यात्रा कराने को लेकर मुख्यमंत्री का हमेशा गुणगान गया है जिससे कि यह साफ हो चुका है कि मुख्यमंत्री के शासनकाल में चारधाम यात्रा अलौकिक होती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में होने वाली चारधाम यात्रा व कांवड यात्रा को अदभूत बनाने के लिए अपने शासनकाल में एक बडे विजन के साथ काम किया है। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा में होने वाली हर कठिनाईयों का शुरूआती दौर में ही आंकलन करना शुरू कर दिया था और उसके बाद उन्होंने अफसरों के साथ मिलकर चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए जो एक बडा प्लान तैयार किया वह देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को हमेशा एक नई ऊर्जा देता आ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा की तैयारियों में हमेशा बडी रणनीति बनाई और इस बार यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को तिनकाभर भी दर्शन करने के लिए कोई परेशानी न हो इसके लिए उन्होंने रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया था जिससे कि सिस्टम को इस बात का आभास रहे कि एक दिन में कितने श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए दर्शन कराने हैं। मुख्यमंत्री ने डीजीपी अभिनव कुमार को टास्क दिया था कि ऐसा फार्मूला बनाया जाये जिससे कि दर्शन करने वाले श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन कराकर ही चारधाम में आये और पुलिस हर श्रद्धालु का रजिस्ट्रेशन नम्बर स्कैन करके उन्हें यात्रा के लिए आगे भेजे। रजिस्ट्रेशन में भी कुछ ट्रैवलरों ने सिस्टम को धोखा देने के लिए फर्जीवाडे का खेल खेला लेकिन ऐसा करने वाले हर उस ट्रैवलर का चेहरा बेनकाब होता चला गया जिसने यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को फर्जी रजिस्ट्रेशन थमाकर उन्हें चारधाम यात्रा में यात्रा के लिए भेज दिया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारधाम यात्रा की मॉनिटिरिंग खुद करते रहे और केदारनाथ व बद्रीनाथ में भी वह श्रद्धालुओं से रूबरू होने के लिए कई बार उनके बीच पहुंचे थे। श्रद्धालुओं से लेकर पंडा समाज तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चारधाम यात्रा में की गई व्यवस्थाओं को लेकर खूब गदगद नजर आता रहा और बारिश के मौसम मे भी मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जो बडा खाका बना रखा था उसके चलते चारधाम यात्रा में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के मन में मुख्यमंत्री को लेकर जो एक नई उमंग देखने को मिलती थी वह अकल्पनीय ही नजर आई। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा में आये संकटकाल के दौरान श्रद्धालुओं के बीच जाकर उन्हें खुद विश्वास दिलाया था कि एक-एक श्रद्धालु को सकुशल उनके घर तक पहुंचाना उनकी पहली जिम्मेदारी है और हैलीकाप्टर से सैकडों श्रद्धालुओं को बचाने का जो ऑपरेशन खुद मुख्यमंत्री ने सम्भाला था उससे उनका राजनीतिक कद देश ही नहीं बल्कि दुनिया मे भी बुलंदी पर दिखाई दिया। अब चारधाम यात्रा अपने अंतिम पडाव पर है और यात्रा के समापन तक हर श्रद्धालु को सुखद और सुगम यात्रा कराने के लिए मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन को साफ संदेश दिया हुआ है कि एक-एक श्रद्धालु को सुगम दर्शन कराये जायें।

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