पुलिस स्मृति दिवस पर महकमे को सीएम ने दिया तोहफ ा

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देहरादून। पुलिस स्मृति दिवस पर सीएम ने सौगातों से उत्तराखण्ड पुलिस की झोली भर दी। पुलिसकर्मियों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए सौ करोड की राशि आवंटित करने का ऐलान हुआ तो वहीं विभाग में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों के पौष्टिक आहार भत्ते में वृद्धि करने का भी सीएम ने ऐलान किया इसके साथ ही विभाग में कार्यरत निरीक्षकों और सहायक उपनिरीक्षकों के वर्दी भत्ते में वृद्धि की घोषणा कर पुलिसकर्मियों के चेहरे पर एक नई मुस्कान ला दी। नौ हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात पुलिस और एचडीआरएफ कर्मियों को दी जा रही उच्च तुंगता भत्ता में बढोत्तरी कर पुलिसकर्मियों को दीवाली से पहले जो सरकार की ओर से गिफ्ट दिया है उससे पुलिस महकमा गदगद नजर आ रहा है। वहीं उत्तराखण्ड पुलिस राज्य के अन्दर जिस विजन से काम कर रही है उसको लेकर पुलिस महकमे की पीठ खूब थपथपा गये मुख्यमंत्री।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस लाइन, देहरादून में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर पुलिस एवं अद्र्ध सैन्य बलों के शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने शहीद पुलिस जवानों के परिजनों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था एवं कानून-व्यवस्था बनाये रखने का उत्तरदायित्व राज्यों के पुलिस बल एवं अद्र्ध सैनिक बलों का है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में कुल 216 अद्र्ध सैनिक बलों एवं विभिन्न राज्यों के पुलिसकर्मी शहीद हुए, जिसमें उत्तराखण्ड पुलिस के चार वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना की गई है, जो हमारे पुलिस बल के अद्वितीय समर्पण और बलिदान का प्रतीक है। पिछले कुछ वर्षों में हमारी पुलिस ने अनेक चुनौतियों का सामना किया है। आतंकवाद, देश के विभिन्न क्षेत्रों में नक्सलवाद, प्राकृतिक आपदाओं, कानून व्यवस्थाओं से संबंधित जटिल परिस्थितियों में हमारी पुलिस ने अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भौगोलिक एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य में शांति और सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने में हमारे पुलिस की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। किसी भी राज्य की पुलिस व्यवस्था उस राज्य की सुरक्षा और समृद्धि का एक अभिन्न स्तम्भ है। राज्य पुलिस भी सेवा की भावना और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए अनेकों चुनौतियों नशा, साइबर क्राइम, महिला अपराध, यातायात व्यवस्था, चारधाम यात्रा, आपदा, भूस्खलन, काँवड यात्रा प्रबंधन का सामना करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2०25 तक देवभूमि उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस के अन्तर्गत एक त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक फोर्स का गठन किया गया है। इस वर्ष 11०० से ज्यादा नशे के सौदागरों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए लगभग 23 करोड़ रूपये के नारकोटिक पदार्थ भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध एक बड़ा खतरा बन चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पुलिस को इस दिशा में भी सजग रहना होगा और तकनीकि रूप से और अधिक दक्ष होना पड़ेगा। राज्य में महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के प्रत्येक थाने पर ‘महिला हैल्प डेस्कÓ के अन्तर्गत ‘क्यूआरटीÓ का गठन किया गया है। बच्चों एवं महिलाओं के प्रति हुए अपराधों में 95 प्रतिशत से अधिक मामलों का अनावरण कर 5० प्रतिशत से अधिक अभियुक्तों के विरूद्ध कार्यवाही की गयी है। जिसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस बधाई की पात्र है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों के आवासीय स्तर को सुधारने के लिए 15० करोड़ से अधिक की लागत से 38० आवासों का निर्माण किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2०23-24 में 42 करोड़ की लागत से ०5 पुलिस थानों ०2 पुलिस चौकियों, ०2 फायर स्टेशनों और तीन पुलिस लाईनों के प्रशासनिक भवनों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। पुलिस के रिस्पॉस टाइम को बेहतर करने के लिए 11०5 पुलिस वाहनों की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है। पुलिस सैलरी पैकेज के अन्तर्गत पुलिस कार्मिकों के लिए 75 लाख से 1 करोड़ तक का दुर्घटना बीमा कराया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत 15 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि दिवंगत पुलिस कार्मिकों के परिजनों को प्रदान की जा चुकी है। आपदा एवं राहत के क्षेत्र में सरकार द्वारा एस०डी०आर०एफ० की एक कम्पनी स्वीकृत करते हुए 162 पदों का सृजन किया गया। ०6 थानों व 21 पुलिस चौकियों के क्रियान्वयन हेतु 327 पद स्वीकृत किये गये, पी०पी०एस० के ढांचे में 11 नये पदों का सृजन किया गया। उप निरीक्षक स्तर के 222 पदों पर भर्ती निकाली गयी है तथा 2००० सिपाहियों की भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है। राज्य में प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों के प्रोत्साहन के लिए उत्तराखण्ड खेल नीति के अन्तर्गत कुशल खिलाड़ी कोटे में भी पुलिस विभाग में भर्तियां की जायेंगी। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, विधायक विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बद्र्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव गृह शैलेश बगोली, डीजीपी अभिनव कुमार एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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